गत 8-10 जनवरी तक भुवनेश्वर (ओडिशा) में 18वां प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन आयोजित हुआ। इसमें 75 से अधिक देशों से आए भारतवंशियों ने भाग लिया। इस सम्मेलन का विषय था- विकसित भारत में प्रवासी भारतीयों का योगदान। सम्मेलन का औपचारिक उद्घाटन 9 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। अपने संबोधन में नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब विदेशी आक्रांताओं ने तलवार के जोर पर शासन करना चाहा तो सम्राट अशोक ने शांति का संदेश दिया। यानी भविष्य युद्ध में नहीं, बुद्ध में है।
मैंने हमेशा प्रवासी भारतीयों को भारत का राष्ट्रदूत माना है। मुझे बहुत खुशी होती है जब पूरी दुनिया में आप सभी साथियों से मिलता हूं, आपसे बातचीत करता हूं। आज मैं आप सभी का व्यक्तिगत तौर पर आभार व्यक्त करना चाहता हूं, क्योंकि आपकी वजह से मुझे दुनिया में गर्व से सिर ऊंचा रखने का मौका मिलता है। बीते 10 वर्ष में दुनिया के अनेक नेताओं से मेरी मुलाकात हुई है। दुनिया का हर नेता प्रवासी भारतीयों की बहुत प्रशंसा करता है। इसका एक बड़ा कारण वे सामाजिक मूल्य हैं, जो आप सभी वहां के समाज में फैलाते हैं। उ
न्होंने कहा कि हम सिर्फ लोकतंत्र की जननी नहीं हैं, बल्कि प्रजातंत्र हमारे जीवन का हिस्सा है, हमारी जीवन-पद्धति है। हमें विविधता सिखानी नहीं पड़ती, हमारा जीवन ही विविधता से चलता है। इसलिए भारतीय जहां भी जाते हैं, वहां के समाज के साथ जुड़ जाते हैं। हम जहां जाते हैं, वहां के कानून, वहां की परंपरा का आदर करते हैं। वहां की वृद्धि और समृद्धि में योगदान करते हैं। और इन सबके साथ ही हमारे दिल में भारत भी धड़कता रहता है। हम भारत की हर खुशी के साथ खुश होते हैं, भारत की हर उपलब्धि के साथ उत्सव मनाते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने प्रवासी भारतीयों की उपस्थिति को उत्सव की भावना को बढ़ाने वाला बताया।
उन्होंने कहा कि भारत में इस समय विभिन्न त्योहारों का माहौल है। कुछ दिनों में प्रयागराज में महाकुंभ शुरू होगा। मकर संक्रांति, लोहड़ी, पोंगल और माघ बिहू जैसे त्योहार आ रहे हैं। इस खूबसूरत समय में आपका भारत में आना उत्सव की भावना में योगदान दे रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी याद दिलाया कि 9 जनवरी, 1915 को महात्मा गांधी भारत लौटे थे। उनका भारत लौटना भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की एक महत्वपूर्ण घटना थी, और यह दिन भारतीय इतिहास में हमेशा के लिए दर्ज है।
उन्होंने प्रवासी भारतीय दिवस में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के योगदान की सराहना की और कहा कि उनके दृष्टिकोण ने भारत और उसके प्रवासी समुदाय के बीच संबंधों को मजबूत किया और इस कार्यक्रम को संस्थान का रूप दिया। सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ‘प्रवासी भारतीय एक्सप्रेस’ का उद्घाटन किया। यह विशेष ट्रेन भारतीय मूल के लोगों के लिए बनाई गई है। इसके माध्यम से प्रवासी भारतीय तीन हफ्ते में सांस्कृतिक, धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों की यात्रा कर सकेंगे।
इस अवसर पर ओडिशा के राज्यपाल डॉ. हरि बाबू कंभमपति, ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी, धर्मेंद्र प्रधान, जुएल ओराम आदि उपस्थित थे।
इससे पूर्व 8 जनवरी को भुवनेश्वर के जनता मैदान में इस सम्मेलन के निमित्त एक कार्यक्रम हुआ। इसका उद्घाटन ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी, विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और केंद्रीय खेल एवं युवा मामलों के मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
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