विश्व

नेपाल: नहीं जमने दी जाएगी तब्लीगियों की जमात, सरकार ने नहीं दी इज्तेमा की इजाजत

गृह मंत्रालय ने यह फैसला जारी करते हुए कहा कि सुरक्षा तथा संवेदनशीलता को देखते हुए तब्लीगी जमात को इस साल भी इज्तेमा करने की अनुमति नहीं दी गई

Published by
WEB DESK

तब्लीगी जमात की ओर से रौहतट में इसके आयोजन की इजाजत मांगी गई थी और कहा गया था कि प्रशासन सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम करे। इतना ही नहीं, आयोजकों और कई मुस्लिम संगठनों ने देश के गृह मंत्री रमेश लेखक से भेंट करके कहा था कि इज्तेमा करने की इजाजत दी जाए। सरकारी मुस्लिम आयोग ने भी सरकार पर इस बार इज्तेमा करने की इजाजत देने का दबाव बनाया था।


हिमालयी राष्ट्र नेपाल में सरकार ने तब्लीगियों की सालाना जमात पर इस साल भी रोक लगाए रखने का फैसला किया है। सरकार की इस सख्ती के बाद मुसलमानों का इज्तेमा नहीं हो पाएगा। तब्लीगी जमात के इज्तेमा आयोजन पर यह लगातार चौके साल रोक लगाई गई है। वजह है इस जमात द्वारा चार साल पहले नई दिल्ली में सारे स्वास्थ्य सुरक्षा उपायों के बावजूद जमात का आयोजन करके कोरोना महामारी को फैलाने में जानबूझकर सहयोग देने की हरकत।

पता चला है कि इस साल नेपाल में यह इज्तेमा मधेश इलाके में रौतहट में होने वाला था, लेकिन अब सरकार की रोक के बाद यह नहीं हो पाएगा। तब्लीगी जमात की ओर से इसका आयोजन 8 से 10 फरवरी के बीच किया जाना था। लगातार चौथे साल लगाई गई इस रोक से जमातिए बौराए हुए हैं।

नेपाल में गत लंबे समय से कट्टर मजहबी तत्वों की गैरकानूनी गतिविधियों में तेजी आती देखी गई है। वहां के धर्मप्रिय हिन्दुओं के अनुष्ठानों में बाधा डालने, उनकी दुकान जमीन पर कब्जे करने, गांवों, कस्बों के नाम बदलकर इस्लामी नाम रखने के अनेक उदाहरण देखने में आए हैं। भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत से ये सब कथित गतिविधियां कथित तौर पर चलाई जा रही हैं। इतना ही नहीं, पूर्व हिन्दू राष्ट्र नेपाल में कन्वर्जन के भी अनेक मामले हुए हैं।

स्थानीय लोगों का कहना है कि तब्लीगी जमात का इज्तेमा इलाके में एक प्रकार से अव्यवस्थाएं फैलाने के अलावा, एक भय का माहौल बना देता है, जिसमें हर प्रकार की दबंगई करने की कोशिशें की जाती हैं। मधेश में रौतहट का इलाका संवेदनशील रहा है। संभवत: इस वजह से भी सरकार ने इज्तमा की इजाजत नहीं दी है।

जमात की ओर से रौहतट में इसके आयोजन की इजाजत मांगी गई थी और कहा गया था कि प्रशासन सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम करे। इतना ही नहीं, आयोजकों और कई मुस्लिम संगठनों ने देश के गृह मंत्री रमेश लेखक से भेंट करके कहा था कि इज्तेमा करने की इजाजत दी जाए। सरकारी मुस्लिम आयोग ने भी सरकार पर इस बार इज्तेमा करने की इजाजत देने का दबाव बनाया था।

इस विषय पर गृह मंत्रालय ने कल एक सुरक्षा समिति बैठक की। इस बैठक में तय पाया गया कि इज्तेमा की इजाजत नहीं दी जा सकती। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता रामचंद्र तिवारी ने यह फैसला जारी करते हुए कहा कि सुरक्षा तथा संवेदनशीलता को देखते हुए तब्लीगी जमात को इस साल भी इज्तेमा करने की अनुमति नहीं दी गई।

जैसा पहले बताया, नेपाल सरकार ने लगातार चौथे साल इज्तेमा के आयोजन के लिए मना किया है। ध्यान रहे कि साल 2020 में तब्लीगी जमात ने नेपाल में सप्तरी जिले में इज्तेमा आयोजित किया था। उसमें डेढ़ लाख से ज्यादा तब्लीगी इकठ्ठे हुए थे। वे लोग नेपाल के बाद, दिल्ली गए थे और वहां निजामुद्दीन में इकट्ठे होकर कोरोना महामारी के फैलने का एक बड़ा कारण बने थे।

उसके अगले साल यानी 2021, फिर 2022 में और 2023 में भी तब्लीगी जमात ने इज्तेमा करने के लिए सरकार के पास अर्जी भेजी थी, लेकिन सरकार की ओर से लगातार इस आयोजन को न करने को कहा गया। कई इस्लामी संगठनों ने सरकार के आयोजन में आड़े आने का विरोध भी किया, लेकिन सरकार का फैसला नहीं बदला। नेपाल के मुस्लिम आयोग के अलावा इत्तेहाद मुस्लिम संगठन की अगुआई में अन्य अनेक मुस्लिम संस्थाओं ने सरकार के इस फैसले के प्रति नाराजगी जताते हुए विरोध दर्ज कराया है।

Share
Leave a Comment