उत्तर प्रदेश

उप्र का कन्नौज हादसा : 16 घंटे तक चला रेस्क्यू ऑपरेशन काेई जनहानि नहीं, जांच के लिए टीम गठित

लगभग 16 घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सभी को सुरक्षित बाहर निकाला गया। डीआरएम ने घायलों को मुआवजे का ऐलान किया। हादसे की जांच के लिए तीन उच्चस्तरीय टीमों का गठन किया गया है।

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WEB DESK

कन्नौज (हि.स.) । उत्तर प्रदेश में अमृत भारत योजना के तहत कन्नाैज में रेलवे स्टेशन पर बन रहे दो मंजिला वेटिंग हॉल का लिंटर शनिवार को ढह गया था। इस हादसे में कई मजदूर मलबे में दब गये थे। 16 घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। इसमें 28 मजदूराें काे मलवे में निकाला गया। जिन्हें अलग-अगल अस्पताल में भर्ती कराया गया है।गनीमत यह रही कि इस हादसे में किसी भी व्यक्ति की जान नहीं गयी। हादसे की जांच के लिए तीन उच्चस्तरीय टीमों का गठन किया गया, जो अपनी रिपोर्ट रेलवे को भेजेगा।

पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज सिंह ने रविवार काे बताया कि इस हादसे के लिए जांच कमेटी गठित कर दी गई है। इसमें प्रमुख रूप से मुख्य इंजीनियर नीलमणि, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी आरएसपी नरेंद्र कुमार, प्रमुख मुख्य संरक्षा अधिकारी मुकेश मेहरोत्रा और प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त तारिक अहमद शामिल हैं।

जनसंपर्क अधिकारी सिंह ने बताया कि घटना के बाद राहत और बचाव कार्य तेजी गति से किया गया। रात भर एसडीआरएफ और रेलवे की टीमें रेस्क्यू करती रहीं। मलबे में दबे 25 मजदूरों को निकालकर अलग-अलग हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया। 13 मजदूरों का जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है। नौ मजदूरों को मेडिकल कॉलेज तिर्वा और चार मजदूरों को हायर सेंटर लखनऊ भेजा गया, जिनकी हालत अब बेहतर बताई जाती है। जबकि दाे काे प्राथमिक उपचार के बाद छाेड़ दिया गया। इस तरह से कुल 28 मजदूराें काे मलवे में निकाला गया था।

रविवार सुबह छह बजे रेस्क्यू ऑपरेशन बंद कर दिया गया। 16 घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चला। सुबह दोनों राहत और बचाव की टीमें लौट गईं डीआरएम इज्जतनगर वीणा सिन्हा ने बचाव कार्य का जायजा लिया। उन्होंने घायल मजदूरों को 50 हजार रुपये और अति गंभीर घायलों को ढाई लाख रुपये अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। हालांकि रेलवे के आलाधिकारी अभी स्टेशन पर मौजूद हैं।

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