देश भर में वक्फ बोर्ड की मनमानियों के बीच आंध्र प्रदेश की चंद्रबाबू नायडू सरकार ने बड़ा फैसला किया है। सरकार ने फैसला किया है कि अब से प्रदेश में एक फरवरी से वक्फ बोर्ड के सभी प्रकार के लेन देन ऑनलाइन कर दिए जाएंगे। इसके राजस्व और संपत्तियों का प्रबंधन भी ऑनलाइन होगा ताकि पारदर्शिता बनी रहे।
डेक्कन क्रॉनिकल की रिपोर्ट के अनुसार, स्टेट वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शेख अब्दुल अजीज ने इसको लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और उसी दौरान उन्होंने ये बातें कही। अजीज ने बताया कि पूरे आंध्र प्रदेश में वक्फ बोर्ड की कुल 65,783 संपत्तियां हैं। इन सारी संपत्तियों को पूर्व में मस्जिदों, मजारों और दरगाहों के इस्तेमाल के लिए दान में दिया गया था। लेकिन, इसमें से 31590 एकड़ की जमीनों पर अतिक्रमण किया गया है। वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष का कहना था कि कुछ लोगों ने जानबूझकर और कुछ लोगों ने अनजाने में वक्फ संपत्तियों को खरीद लिया।
हम वक्फ बोर्ड की संपत्तियों की सुरक्षा करेंगे। अब्दुल अजीज का कहना है कि वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को दानदाताओं द्वारा अल्लाह के लिए दान में दिया गया है। इन जमीनों से जो भी आय होगी, उसका इस्तेमाल मुस्लिमों के द्वारा किया जाएगा। इसी आय से वक्फ बोर्ड के कर्मचारियों के वेतन और भत्तों का भुगतान किया जाएगा। इसके अलावा वक्फ की खाली पड़ी संपत्तियों को भी पट्टे पर दिया जाएगा।
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वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष ने ये भी कहा कि इस तरह का कोई नियम नहीं है कि केवल मुस्लिम ही पट्टा लें और किसी और धर्म के लोग इसे पट्ट पर नहीं ले सकते हैं। बोर्ड के अध्यक्ष औऱ चेयरमैन ही इसके ट्रस्टी हैं। वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष का कहना है कि जिलों में अब तक 651 एकड़ जमीनों पर 40 शिकायतें मिली हैं, जिनको लेकर प्रशासन को कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं। कब्जा करने वालों को जमीनें वापस करनी चाहिए।
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