भुवनेश्वर (ओडिशा), 9 जनवरी 2025 – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ओडिशा के भुवनेश्वर में आयोजित 18वें प्रवासी भारतीय दिवस (Pravasi Bharatiya Divas) सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में भारतीय प्रवासी समुदाय के योगदान को सम्मानित किया गया और इसमें 75 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब विदेशी आक्रांताओं ने तलवार के जोर पर शासन करना चाहा तो सम्राट अशोक ने शांति का संदेश दिया। पीएम ने कहा कि भविष्य युद्ध में नहीं, बुद्ध में है।
प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत और ओडिशा की सांस्कृतिक धरोहर का उल्लेख-
प्रधानमंत्री मोदी ने प्रवासी भारतीयों का ओडिशा में स्वागत करते हुए राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का जिक्र किया। उन्होंने ओडिशा के प्रमुख स्थल जैसे कोणार्क और धौली का उदाहरण दिया और ओडिशा की सांस्कृतिक महत्ता को रेखांकित किया। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि ओडिशा, भारत के सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है।
प्रवासी भारतीय एक्सप्रेस का उद्घाटन-
प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने “प्रवासी भारतीय एक्सप्रेस” का उद्घाटन किया। यह विशेष ट्रेन भारतीय मूल के लोगों के लिए बनाई गई है, जो 45 से 65 वर्ष के आयु वर्ग के हैं। यह ट्रेन भारतीय सांस्कृतिक, धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों की यात्रा पर निकलेगी और इसका सफर तीन हफ्तों का होगा। ट्रेन का पहला यात्रा दिल्ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन से शुरू हुआ।
भारत में उत्सवों के दौरान प्रवासी भारतीयों की उपस्थिति: प्रधानमंत्री मोदी ने प्रवासी भारतीयों की उपस्थिति को उत्सव की भावना को बढ़ाने वाला बताया। उन्होंने कहा, “भारत में इस समय विभिन्न त्योहारों का माहौल है। कुछ दिनों में महाकुंभ प्रयागराज में शुरू होगा। मकर संक्रांति, लोहड़ी, पोंगल और माघ बिहू जैसे त्योहार आ रहे हैं। आपका भारत में इस खूबसूरत समय में आना उत्सव की भावना में योगदान दे रहा है।” महात्मा गांधी की वापसी का जिक्र: पीएम मोदी ने यह भी याद दिलाया कि 9 जनवरी 1915 को महात्मा गांधी भारत लौटे थे। उनका भारत लौटना भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की एक महत्वपूर्ण घटना थी, और यह दिन भारतीय इतिहास में हमेशा के लिए दर्ज है।
अटल बिहारी वाजपेयी का योगदान-
प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के योगदान की सराहना की और कहा कि उनका दृष्टिकोण प्रवासी भारतीय दिवस को एक संस्थान बनाने के लिए महत्वपूर्ण था। वाजपेयी जी के दृष्टिकोण ने भारत और उसके प्रवासी समुदाय के बीच संबंधों को मजबूत किया और इस कार्यक्रम को संस्थान का रूप दिया। भारत के वैश्विक प्रभाव को साझा किया: प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज भारत की आवाज़ न केवल विश्व मंच पर सुनी जाती है, बल्कि यह ग्लोबल साउथ (विकसित देशों के समूह) के दृष्टिकोण को भी प्रभावित करती है। उन्होंने कहा कि भारत का संदेश यह है कि भविष्य युद्ध में नहीं, बल्कि शांति में है (बुद्ध के माध्यम से)। इस संदर्भ में, उन्होंने भारत के वैश्विक प्रभाव को भी साझा किया।
प्रवासी भारतीयों को ‘राष्ट्रदूत’ के रूप में सम्मानित किया-
प्रधानमंत्री ने प्रवासी भारतीयों को ‘राष्ट्रदूत’ (राष्ट्रीय दूत) के रूप में सम्मानित करते हुए कहा, “मैं आपके प्रेम और आशीर्वाद को कभी नहीं भूल सकता। ये मेरे साथ रहते हैं।” उन्होंने प्रवासी भारतीयों के मूल्य प्रणाली की सराहना की और कहा कि यह वजह है कि दुनिया भर के नेता उन्हें सम्मानित करते हैं।
भारत सरकार द्वारा प्रवासी भारतीयों के कल्याण के प्रयास-
पीएम मोदी ने कहा कि भारतीय सरकार प्रवासी भारतीयों की सुरक्षा और कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने पिछले दो वर्षों में 14 नई दूतावास और वाणिज्य दूतावास खोले हैं। ओसीआई (OCI) कार्ड की सीमा का विस्तार किया गया है, और अब यह कार्ड मॉरीशस के 7वीं पीढ़ी के पीआईओ (प्रवासी भारतीय मूल) तक भी विस्तारित किया गया है।
आवश्यक कौशल के साथ विदेश जाने का प्रस्ताव-
प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि उनकी सरकार यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है कि भारतीय युवा विदेशों में केवल कामकाजी शक्ति के रूप में न जाएं, बल्कि उनके पास ऐसे कौशल हों, जो उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाए।
विदेश मंत्रालय का संदेश-
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने सम्मेलन की शुरुआत करते हुए प्रवासी भारतीयों के योगदान की सराहना की और कहा कि वैश्विक दुनिया में प्रवासी भारतीयों की भूमिका अब और भी महत्वपूर्ण हो गई है, क्योंकि यह दोनों देशों के बीच लोगों, विचारों, व्यापार और निवेश का आदान-प्रदान बनाए रखने में मदद करता है।
प्रवासी भारतीयों की प्रेरणादायक कहानियों का संग्रह-
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि प्रवासी भारतीयों की कई प्रेरणादायक और दिलचस्प कहानियाँ हैं, जिन्हें हमें एकत्र करना, प्रदर्शित करना और संजोना चाहिए। यह हमारी साझा धरोहर है और यह प्रवासी भारतीयों की यात्रा और संघर्षों की प्रेरणा देती है।
भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने का आह्वान-
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर प्रवासी भारतीयों से अपील की कि वे भारत को 2047 तक एक समृद्ध और विकसित राष्ट्र बनाने के लिए अपनी भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि प्रवासी भारतीयों ने भारत की स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान दिया था, और अब उन्हें 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए अपने योगदान में भागीदार बनना चाहिए।
प्रवासी भारतीय दिवस का महत्व-
प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन भारत सरकार का प्रमुख कार्यक्रम है, जो भारतीय प्रवासी समुदाय के साथ संपर्क और जुड़ाव को बढ़ावा देता है। यह एक महत्वपूर्ण मंच है, जो लोगों को एक-दूसरे से संवाद और विचार-विमर्श करने का अवसर प्रदान करता है। प्रधानमंत्री ने इसे एक ऐतिहासिक अवसर बताया, जो भारत के विकास में प्रवासी समुदाय के योगदान की महत्ता को रेखांकित करता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने प्रदर्शनी का भी किया उद्घाटन-
18वें प्रवासी भारतीय दिवस के दौरान ओडिशा के भुवनेश्वर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता मैदान में आयोजित कार्यक्रम स्थल पर लगाई गई प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया और भारत सरकार व ओडिशा सरकार द्वारा आयोजित इस प्रदर्शनी को देखा। इस दौरान भगवान जगननाथ जी, भगवान राम के जीवन पर आधारित प्रदर्शनियां भी शामिल रहीं जबकि ओमान में भारतीयों की गाथा का भी वर्णन दिखा। इस प्रकार, प्रधानमंत्री मोदी ने 18वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन को एक ऐतिहासिक अवसर के रूप में प्रस्तुत किया, जिसमें भारत के विकास में प्रवासी समुदाय के योगदान की महत्ता को रेखांकित किया।
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