सऊदी अरब को रिप्लेस करके मुस्लिम देशों का खलीफा बनने की चाहत रखने वाले ईरान और पश्चिमी देशों के बीच की तनातनी नई नहीं है। इस पर सुपर पॉवर अमेरिका से तो उसकी ठनी हुई है। इसीलिए वो अमेरिका को अपने आसपास भी नहीं देखना चाहता है। उसकी ये चाहत एक बार फिर से तब उजागर हो गई, जब ईरान ने ईराक से अमेरिका को बाहर निकालने की अपील की। इसके लिए ईरान ने ईराक को तेहरान समर्थित आतंकी संगठनों को और अधिक मजबूत करने की अपील की है।
ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता अली खामनेई ने ये बात ईरान के दौरे पर आए ईराकी प्रधानमंत्री मोहम्मद शिया अल सुदानी से कही। तेहरान में दोनों देशों के नेताओं के बीच मीटिंग के दौरान अली खामनेई ने कहा कि ईराक में अमेरिका अवैध तरीके से रह रहा है, जो कि आपके मुल्क के आम नागरिकों के हितों के विपरीत है। खामनेई का दावा है कि ईराक में डेरा डाले अमेरिकी सेना खुद को और मजबूत करती जा रही है। वो ईराक पर कब्जा करने की कोशिश कर रही है और इसका पुरजोर विरोध किया जाना चाहिए। ईरान
ईराक में मौजूद है ईराक समर्थित मिलिशिया
उल्लेखनीय है कि ईरान में बीते कई दशक से तेहरान समर्थित मिलिशिया इस्लामिक रेजिस्टेंस इन ईराक (IRI) मौजूद है। पिछले साल एक बयान में उसने कहा था कि वो तब तक हमला करता रहेगा, जब तक कि ईराक से अमेरिका को बाहर नहीं निकाल देता है। हालांकि, आईआरआई ही एकमात्र संगठन नहीं है, जो कि ईराक में अमेरिका का विरोध कर रहा है। ईराक में हशद अल साबी नाम से कुख्यात पॉपुलर मोबिलाइजेशन यूनिट्स (पीएमयू) है, जिसे ईरान का समर्थन है। ये आतंकी संगठन भी लगातार अमेरिका का विरोध कर रहा है।
खामनेई ने ईराकी प्रधानमंत्री के साथ बैठक के दौरान पीएमयू के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया और कहा कि वो ईराक की सत्ता में महत्वपूर्ण भागीदार है। ईरान ने आतंकी संगठन को मजबूती देने की अपील की। उल्लेखनीय है कि ईराक में युद्ध की समाप्ति के बाद करीब एक दशक से अमेरिका सेना वहां पर डेरा डाले हुए है। उसका कहना है कि जब तक ईराक में सब कुछ ठीक नहीं हो जाता है अमेरिका वहां रहेगा।
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