पश्चिम बंगाल

संदेशखाली की दुष्कर्म पीड़िता को सुरक्षा देने का आदेश, हाई कोर्ट ने मांगी जांच रिपोर्ट, टीएमसी नेता पर है आरोप

महिला ने आरोप लगाया है कि मई 2024 में तृणमूल कांग्रेस के एक प्रभावशाली नेता और सहयोगियों ने बंदूक के बल पर उसका सामूहिक बलात्कार किया।

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WEB DESK

कोलकाता, (हि. स.)। कलकत्ता हाई कोर्ट ने उत्तर 24 परगना के संदेशखाली की एक महिला द्वारा लगाए गए सामूहिक बलात्कार के आरोपों के मामले में पुलिस को उनके घर में 24 घंटे की सुरक्षा देने का आदेश दिया है। इसके साथ ही, अदालत ने अगले सोमवार तक मामले की जांच की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।

महिला ने आरोप लगाया है कि मई 2024 में तृणमूल कांग्रेस के एक प्रभावशाली नेता और उसके सहयोगियों ने बंदूक के बल पर उसका सामूहिक बलात्कार किया।

पीड़िता का कहना है कि उसने पुलिस में शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। एफआईआर दर्ज होने के बावजूद अब तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है।

अदालत का हस्तक्षेप :

सोमवार को, पीड़िता ने कलकत्ता हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की। मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता ने पुलिस को 24 घंटे सुरक्षा प्रदान करने का आदेश दिया। साथ ही, अदालत ने पुलिस से कहा है कि वह जांच रिपोर्ट अगले सोमवार को प्रस्तुत करे।

राज्य सरकार का पक्ष :

राज्य के वकील ने अदालत को सूचित किया कि मामले की जांच में प्रगति हुई है और चार्जशीट दाखिल करने की प्रक्रिया जारी है।

पीड़िता को मिल रही धमकियां :

हाई कोर्ट में महिला ने बताया कि आरोपित उस पर मामला वापस लेने का दबाव बना रहे हैं। इसके बावजूद, पुलिस ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। इस पर न्यायमूर्ति ने पीड़िता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उसके घर के बाहर पुलिस तैनात करने का निर्देश दिया।

संदेशखाली मामला 2024 की शुरुआत में सुर्खियों में आया था। तृणमूल नेता शेख शाहजहां पर राशन घोटाले और कई स्थानीय महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार के आरोप लगे थे। ईडी के अधिकारियों और अर्दसैनिक बों पर हमले के बाद, शाहजहां और उनके सहयोगियों को गिरफ्तार किया गया था।

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