उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में एक मामला सामने आया है जहां धन का इस्तेमाल कर लोगों का धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश की जा रही थी। घटना हरचंदपुर थाना क्षेत्र के अजमतल्लागंज गांव की है, जहां ईसाई के प्रचारक दो युवकों ने एक व्यक्ति को हिंदू धर्म में वापस लौटने से रोकने और अन्य ग्रामीणों का धर्म परिवर्तन कराने के लिए लालच देने का प्रयास किया।
धर्म परिवर्तन
पीड़ित नन्हू सिंह, जो पहले हिंदू थे और बाद में लालच के कारण ईसाई में परिवर्तित हो गए थे, अब वापस अपने मूल धर्म में लौटना चाहते थे। इसी दौरान, आरोपी लालजेदांग (मिजोरम निवासी) और वनलाल्हुमा (लखनऊ निवासी) ने उन्हें हिंदू धर्म में वापसी से रोकने के लिए रुपये का लालच दिया। इन दोनों आरोपियों ने नन्हू से यह भी कहा कि वह गांव के अन्य लोगों को ईसाई मत अपनाने के लिए प्रेरित करें और बदले में उन्हें अधिक पैसे दिए जाएंगे।
नन्हू ने जब इनकी बात मानने से इनकार किया, तो उन्होंने दबाव बनाने की कोशिश की। पीड़ित ने पुलिस को शिकायत दी, फिर हरचंदपुर थाना के प्रभारी संतोष कुमार सिंह ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस कार्रवाई
पुलिस ने मौके से बाइबिल और एक चारपहिया वाहन बरामद किया है। आरोपियों के खिलाफ उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। थाना प्रभारी ने बताया कि दोनों आरोपी मिजोरम और लखनऊ के निवासी हैं और लंबे समय से धर्म परिवर्तन के लिए सक्रिय थे।
नन्हू ने खुलासा किया कि उन्हें पहले पैसे का लालच देकर ईसाई धर्म में परिवर्तित किया गया था। उनका कहना है कि उन्हें ईसाई मत अपनाने के बाद बाइबिल पढ़ने और लाल रंग का तरल पदार्थ पीने का दबाव बनाया जाता था। उन्हें यह भी बताया गया था कि जितने अधिक लोगों का धर्म परिवर्तन कराएंगे, उतना अधिक पैसा मिलेगा। नन्हू ने साफ शब्दों में कहा, “हिंदू धर्म से अच्छा कोई धर्म नहीं है। मैंने गलती की थी लेकिन अब मैं अपने धर्म में लौट आया हूं।”
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