France: शार्ली एब्दो पर आतंकी हमले के 10 साल, नागरिकों ने इस्लामी आतंक के सामने कभी न झुकने की खाई कसम
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France: शार्ली एब्दो पर आतंकी हमले के 10 साल, नागरिकों ने इस्लामी आतंक के सामने कभी न झुकने की खाई कसम

स्मृति कार्यक्रम में शामिल लोगों ने हाथों में तख्तियां ली हुई थीं, जिन पर लिखा था- "जे सुइस शार्ली" यानी 'मैं हूं शार्ली'

by WEB DESK
Jan 8, 2025, 12:16 pm IST
in विश्व, विश्लेषण
शार्ली एब्दो ने उस दुखद घटना के दसवें साल के प्रतीक के रूप में विशेष संस्करण प्रकाशित किया है, जिसमें मुखपृष्ठ पर एक कार्टून बनाकर मोटे अक्षरों में लिखा गया है-"अविनाशी!"

शार्ली एब्दो ने उस दुखद घटना के दसवें साल के प्रतीक के रूप में विशेष संस्करण प्रकाशित किया है, जिसमें मुखपृष्ठ पर एक कार्टून बनाकर मोटे अक्षरों में लिखा गया है-"अविनाशी!"

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राष्ट्रपति मैक्रों और पेरिस की मेयर ऐनी हिडाल्गो द्वारा साप्ताहिक के पूर्व कार्यालय पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम की अगुआई करना बताता है कि देश आतंक के सामने झुकने को कभी तैयार नहीं था। अल कायदा के दो आतंकवादियों ने जनवरी 2015 में अखबार में कार्यरत पत्रकारों पर AK-47 राइफलों से अंधाधुंध गोलियां दागकर दहशत फैलाने की कोशिश की थी।


यूरोप के एक प्रमुख देश फ्रांस के सुप्रसिद्ध अखबार शार्ली एब्दो पर आतंकी हमले और उसमें 8 पत्रकारों की हत्या को दस साल हो गए। वह आतंकी हमला जिहादी गुट अल कायदा ने अखबार में पैगम्बर मोहम्मद का व्यंग्य चित्र छापने के विरुद्ध किया था। जिहादियों ने पेरिस स्थित शार्ली एब्दो के दफ्तर पर हमला किया और अंधाधुंध गोलीबारी करके 8 पत्रकारों की जान ले ली थी। लेकिन उस घटना के एक हफ्ते बाद ही उस साप्ताहिक अखबार ने उसी निडरता के साथ अंक निकालते हुए आतंक के सामने कभी घुटने न टेकने की मुनादी कर दी थी।

फ्रांस में कल उस घटना की दसवीं बरसी पर नागरिकों ने एकजुट होकर इस्लामी आतंक के विरुद्ध आवाज उठाई और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के पक्ष में खड़े हुए। खुद राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और पेरिस की मेयर ऐनी हिडाल्गो ने अखबार के पूर्व कार्यालय में जाकर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इसी कार्यालय में जनवरी 2015 में अल कायदा के दो बंदूकधारी जिहादियों ने हमला किया था।

राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और पेरिस की मेयर ऐनी हिडाल्गो ने अखबार के पूर्व कार्यालय में जाकर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की

बेशक शार्ली एब्दो पर हुए उस आतंकी हमले ने पूरे फ्रांस ही नहीं, यूरोप को भी हिला कर रख दिया था। यही वजह थी कि कल हुए श्रद्धांजलि कार्यक्रम में बहुत बड़ी संख्या में आम नागरिक एकत्र हुए थे। वे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के पाले में खड़े दिखना चाहते थे।

राष्ट्रपति मैक्रों और पेरिस की मेयर ऐनी हिडाल्गो द्वारा साप्ताहिक के पूर्व कार्यालय पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम की अगुआई करना बताता है कि देश आतंक के सामने झुकने को कभी तैयार नहीं था। अल कायदा के दो आतंकवादियों ने जनवरी 2015 में अखबार में कार्यरत पत्रकारों पर AK-47 राइफलों से अंधाधुंध गोलियां दागकर दहशत फैलाने की कोशिश की थी।

उस हमले में कुल 12 लोग मारे गए थे, जिनमें से 8 पत्रकार थे। उस हमले के बाद, फ्रांस पर जिहादियों ने एक के बाद एक कई हमले बोले। अल कायदा और इस्लामिक स्टेट के जिहादियों ने उन हमलों से पूरे देश में आक्रोश पैदा कर दिया था। इसके बाद नागरिकों में मुस्लिमों के प्रति एक कटुता का भाव भी देखा गया था।

जिहादी हमले को अंजाम देने वाले अल्जीरियाई मूल के दो भाई पेरिस में ही जन्मे थे

इस मौके पर प्रसिद्ध फ्रांसीसी कार्टूनिस्ट और शार्ली एब्दो में अपने कार्टून बनाने वाले जॉर्जेस वोलिंस्की की बेटी फ्रेडेरिका वोलिंस्की ने कहा, “यह देखकर संतोष होता है कि 10 साल बाद भी लोग 7 जनवरी 2015 की उस जिहादी घटना और उसमें जान देने वालों को भूले नहीं हैं।” शार्ली एब्दो ने उस दुखद घटना के दसवें साल के प्रतीक के रूप में विशेष संस्करण प्रकाशित किया है, जिसमें मुखपृष्ठ पर एक कार्टून बनाकर मोटे अक्षरों में लिखा गया है—”अविनाशी!”

उस जिहादी हमले को अंजाम देने वाले अल्जीरियाई मूल के दो भाई पेरिस में ही जन्मे थे। वे अख़बार द्वारा पैगंबर मोहम्मद का व्यंग्य चित्र बनाने को लेकर नाराज थे और उसका बदला लेना चाहते थे।

पेरिस में कल हुए स्मृति कार्यक्रम में शामिल लोगों ने हाथों में तख्तियां ली हुई थीं, जिन पर लिखा था— “जे सुइस शार्ली” यानी ‘मैं हूं शार्ली’। लोग इस तरह अखबार के साथ एकजुटता प्रदर्शित कर रहे थे। कई लोग पेंसिल और कलम लहरा रहे थे। सब नारे लगा रहे थे—’मजहबी कट्टरपंथ से न डरे हैं, न डरेंगे।’

पेरिस में कल हुए स्मृति कार्यक्रम में शामिल लोगों ने हाथों में तख्तियां ली हुई थीं, जिन पर लिखा था— “जे सुइस शार्ली” यानी ‘मैं हूं शार्ली’।

उल्लेखनीय है कि 7 जनवरी 2015 को उस हमले के कुछ दिन बाद तत्कालीन राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने पेरिस में 40 अन्य वैश्विक नेताओं के साथ एकजुटता मार्च का नेतृत्व किया था। उस मार्च में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के समर्थन में लाखों आम नागरिकों ने भाग लिया था।

उस जिहादी हमले की दसवीं बरसी पर जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज ने सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट में लिखा, ” जर्मनी हमारे फ्रांसीसी दोस्तों के दर्द को साझा करता है”। स्कोल्ज़ ने एक्स पर यह पोस्ट फ्रांसीसी भाषा में लिखी थी। उन्होंने आगे लिखा—”बर्बर हमला … स्वतंत्रता और लोकतंत्र के हमारे साझा मूल्यों पर चोट करने की कोशिश थी, जिसे हम कभी स्वीकार नहीं करेंगे।”

Topics: macronal quedaअल-कायदाIslamic Terrorशार्ली एब्दोCharlie Hebdo attackcharlie ebdoफ्रांसFrance
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