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“भारतीय जमीन पर एक इंच भी कब्जा नहीं हुआ और न होगा”, बांग्लादेशी कब्जे की खबरों को बीएसएफ ने बताया बेबुनियाद

बीएसएफ साउथ बंगाल फ्रंटियर की ओर से जारी बयान में कहा गया कि भारतीय जमीन पर कब्जे की जो खबरें, बांग्लादेशी मीडिया के एक वर्ग में प्रकाशित हुई थीं, सत्य और विश्वसनीयता से कोसों दूर हैं

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WEB DESK

कोलकाता, (हि.स.)। भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) के पास भारतीय जमीन के पांच किलोमीटर हिस्से पर बांग्लादेश की बॉर्डर गार्ड (बीजीबी) के कब्जे की खबरों को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने सख्ती से खारिज कर दिया है। बीएसएफ ने इन खबरों को आधारहीन और गैर-जिम्मेदाराना करार दिया।

बीएसएफ साउथ बंगाल फ्रंटियर की ओर से जारी बयान में कहा गया कि ये खबरें, जो बांग्लादेशी मीडिया के एक वर्ग में प्रकाशित हुई थीं, सत्य और विश्वसनीयता से कोसों दूर हैं। बयान में स्पष्ट किया गया कि जिस क्षेत्र का जिक्र किया जा रहा है, वह भारत के पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के बागदा ब्लॉक के रंगहट गांव में स्थित है।

बीएसएफ ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय सीमा कोडालिया नदी द्वारा चिह्नित है और दोनों तरफ रिफरेंस पिलर्स लगे हुए हैं। बुधवार को जारी बयान में कहा गया, “आईबी ( अंतर्राष्ट्रीय सीमा) की स्थिति और बीएसएफ की ड्यूटी का पैटर्न दशकों से अपरिवर्तित है।”

बीएसएफ ने यह भी खारिज किया कि बीजीबी के जवान 19 दिसंबर से मोटराइज्ड बोट्स और एटीवी के जरिए 24 घंटे गश्त कर रहे हैं। इसे गढ़ी हुई कहानी बताते हुए बीएसएफ ने कहा, “ये झूठी और मनगढ़ंत खबरें हैं। बीएसएफ और बीजीबी दोनों अपने-अपने क्षेत्रों में शांतिपूर्ण तरीके से ड्यूटी कर रहे हैं।”

स्मगलिंग और घुसपैठ की समस्या पर बीएसएफ ने कहा कि यह इलाका बिना बाड़ के है और इन गतिविधियों के लिए संवेदनशील है। हालांकि, सख्त उपायों की वजह से क्षेत्र में घुसपैठ की कोशिशें लगभग समाप्त हो गई हैं।

बीएसएफ ने आश्वस्त किया कि “भारतीय जमीन पर एक इंच भी कब्जा नहीं हुआ है और न ही होगा।” 1975 के भारत-बांग्लादेश सीमा दिशानिर्देशों के अनुसार दोनों बल अपनी जिम्मेदारियां निभा रहे हैं और सीमा की अखंडता बनाए रखी जा रही है।

रफीक इस्लाम ने दिया था बयान

दरअसल बांग्लादेश के अखबारों की खबरों में यह बयान बीजीबी के 58वें बटालियन के नए कमांडिंग ऑफिसर लेफ्टिनेंट कर्नल रफीक इस्लाम ने दिया था। बीएसएफ ने इन दावों को झूठा करार देते हुए कहा कि इस तरह की बातें दोनों देशों के सीमा रक्षक बलों के बीच सद्भावना को नुकसान पहुंचाएंगी।

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