दिल्ली में वर्षों से अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों को उनके देश वापस भेजने की प्रक्रिया तेज हो गई है। गृह मंत्रालय और उपराज्यपाल के निर्देश पर दिल्ली पुलिस ने 15 जिलों की झुग्गियों में रह रहे ऐसे नागरिकों की पहचान कर 16 हजार संदिग्धों की सूची तैयार की है। इनमें से 750 नागरिकों को लेकर पुलिस को प्रबल संदेह है कि उन्होंने धोखाधड़ी से भारतीय दस्तावेज, जैसे आधार और वोटर कार्ड, बनवा लिए हैं।
जांच और दस्तावेजों की जब्ती
दिल्ली पुलिस अन्य संबंधित विभागों के साथ मिलकर इन नागरिकों के दस्तावेजों की जांच कर रही है। यदि यह साबित हो जाता है कि दस्तावेज फर्जी हैं, तो उन्हें तुरंत रद्द कर दिया जाएगा। साथ ही, इन नागरिकों को हिरासत में लेकर बांग्लादेश वापस भेजा जाएगा।
पुलिस मुख्यालय के अनुसार, एक माह के भीतर अब तक 75 बांग्लादेशी नागरिकों को उनके देश भेजा जा चुका है। इनमें से अधिकांश दक्षिण, दक्षिण-पूर्वी और दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के झुग्गी क्षेत्रों में पकड़े गए, जहां बड़ी संख्या में अवैध रूप से बसे बांग्लादेशी नागरिक रहते हैं।
फर्जी दस्तावेज बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश
दिल्ली पुलिस ने हाल ही में दो ऐसे गिरोहों का भंडाफोड़ किया है, जो बांग्लादेशी नागरिकों के लिए फर्जी भारतीय पहचान पत्र बनाने का काम कर रहे थे। ये गिरोह सीमा पार करने में मदद करने वाले एजेंटों से जुड़े हुए थे, जो बांग्लादेश से नागरिकों को भारत लाने, आवास प्रदान करने और उनके लिए फर्जी आधार कार्ड बनवाने का काम करते थे।
विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय को जानकारी भेजी
संदिग्ध नागरिकों की सूची विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफआरआरओ) को भी भेज दी गई है। इसके अलावा, भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) से इन संदिग्ध आधार कार्ड धारकों द्वारा जमा किए गए दस्तावेजों की जानकारी मांगी गई है।
दिल्ली पुलिस ने बांग्लादेश से टूरिस्ट और बिजनेस वीजा पर आने वाले नागरिकों की जांच भी शुरू कर दी है। पुलिस का मानना है कि ऐसे वीजा पर आने वाले कई नागरिक भारत में रुकने का प्रयास करते हैं। पालम गांव थाना पुलिस ने हाल ही में मंगलापुरी क्षेत्र से एक ऐसे बांग्लादेशी को पकड़ा, जो तीन वर्षों से अवैध रूप से भारत में रह रहा था। अब पुलिस अन्य संदिग्धों की तलाश में जुटी है।
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