उज्जैन, (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रविवार को बड़नगर में तीन गांवों के नाम बदलने का ऐलान किया। अब गजनीखेड़ी गांव का नाम चामुंडा महानगरी, ग्राम मौलाना का विक्रम नगर और जहांगीरपुर गांव का नाम जगदीशपुर होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बड़नगर के गजनीखेड़ा में 40 करोड़ रुपये की लागत से नवनिर्मित सीएम राइज स्कूल का शुभारंभ किया। उन्होंने ऐलान किया कि स्कूल पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के नाम से जाना जाएगा। उन्होंने शिक्षा को युवाओं के स्वर्णिम भविष्य का आधार बताते हुए उच्च गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हर वर्ग तक पहुंचाने की प्रतिबद्धता दोहराई।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री डा. यादव ने कहा कि एक गांव का नाम खटकता है। वो नाम है मौलाना। हमको तो समझ नहीं आया कि गांव का इस नाम से क्या संबंध है। नाम लिखो तो पेन अटकता है। आज से मौलाना का नाम विक्रम नगर होगा। गजनी खेड़ी का नाम चामुंडा माता नगरी और जहांगीरपुर का नाम बदलकर जगदीशपुर किए जाएंगे। नाम बदलने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जब मुंबई और चेन्नई जैसे बड़े शहरों के नाम बदले जा सकते हैं, तो फिर हम अपनी पंचायतों के नाम क्यों नहीं बदल सकते? उन्होंने गजनी खेड़ी पंचायत को चामुंडा माता नगरी के नाम से पुकारे जाने की घोषणा करते हुए वहां विकास कार्यों के आदेश भी दिए।
गजनीखेड़ा में है प्रसिद्ध मंदिर
मंदिर के पुजारी ईश्वरगिरी गोस्वामी ने बताया कि गजनीखेड़ा में चंड-मुंड का संहार करने वाली मां चामुंडा का ऐतिहासिक भव्य मंदिर है। वर्तमान में यह मंदिर पुरातत्व विभाग के अधीन है। माना जाता है कि यहां माता की प्रतिमा दिन में तीन रूप धारण करती है। यह छठी या सातवीं शताब्दी का गुप्तकालीन मंदिर है, गर्भ गृह की प्रमुख मूर्ति चामुंडा माता की है। बाजू में स्कंद माता और प्रति स्कंद माता की मूर्ति है। दूसरी तरफ दुर्लभ शेषशायी गणेशजी की मूर्ति है।
ऐसी ही एक मूर्ति नेपाल में
यह अत्यंत दुर्लभ मूर्ति है। ऐसी एक अन्य मूर्ति काठमांडू (नेपाल) में है। यह स्थान निमाड़ सहित इंदौर क्षेत्र के अरझरे और लाड़ परिवार की कुलदेवी का स्थान माना जाता है। शारदीय नवरात्र में निमाड़ क्षेत्र से हजारों भक्त यहां आते है और तीन दिन तक रुककर पूजन-अर्चन करते हैं। चामुंडा मंदिर की प्रतिष्ठा को देखते हुए गांव का नाम ही चामुंडा महानगरी कर दिया गया है।
पहले भी बदले गए नाम
जुलाई 2024 में सरकार ने कई गांवों के नाम में परिवर्तन किए थे। मध्य प्रदेश सरकार ने कुंडम का नाम कुंडेश्वर धाम, कूंची का चंदनगढ़ और कुंडिया का कर्णपुर किया था। जिसकी अधिसूचना जारी कर नाम परिवर्तन लागू भी कर दिया गया था।
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