अब से सोशल मीडिया पर नाबालिगों का अकाउंट अभिभावकों की सहमति से ही बनेगा, केंद्र ने जारी किया ड्राफ्ट

करीब डेढ़ साल पहले केंद्र सरकार डिजिटल सुरक्षा को लेकर इस बिल को लाई थी, जिसे संसद से मंजूरी मिली थी।

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Kuldeep singh

सोशल मीडिया के बढ़ते बेजा इस्तेमाल के बीच केंद्र सरकार ने नाबालिगों के लिए सोशल मीडिया के विवेकपूर्ण तरीके से इस्तेमाल को लेकर एक नया ड्राफ्ट जारी किया है। इसके तहत अब से 18 साल से कम उम्र के नाबालिगों को सोशल मीडिया पर अपना अकाउंट बनाने से पहले अपने पैरेंट्स की परमीशन लेनी होगी।

इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट (DPDP)-2023 के तहत नियमों का एक ड्राफ्ट तैयार किया गया है। इसे Mygov.in पर जारी किया गया है। आईटी मंत्रालय के द्वारा जारी किए गए नोटिफिकेशन के अनुसार, लोग Mygov.in पर जाकर अपनी आपत्तियां दर्ज करा सकते हैं और अगर उनके कुछ सुझाव होते हैं तो वे उसे दे सकते हैं। इन सभी पर सरकार 18 फरवरी से विचार करेगी।

उल्लेखनीय है कि करीब डेढ़ साल पहले केंद्र सरकार ने डिजिटल सुरक्षा को लेकर इस बिल को लाई थी, जिसे संसद से मंजूरी मिली थी। उसी कानून के तहत डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट-2023 की धारा 40 की उपधारा 1 और 2 के तहत नियमों का यह ड्राफ्ट जारी किया गया है।

क्या कहता है ड्राफ्ट

इस ड्राफ्ट में कहा गया है कि बच्चों के लिए किसी भी रूप में सोशल मीडिया अथवा डेटा का इस्तेमाल करने के लिए माता-पिता की सहमति आवश्यक है। पर्सनल डेटा और उसका उपयोग करने वाली कंपनियों को एक्ट में फिड्युशरी कहा गया है। इन फिड्युशरी कंपनियों के लिए ये अनिवार्य किया गया है कि अगर कोई भी नाबालिग किसी भी तरह से सोशल मीडिया का इस्तेमाल अथवा पर्सनल डेटा का इस्तेमाल करता है तो सबसे पहले वे उसके पैरेंट्स की सहमति लें।

डिजिटल कंपनियों की तय होगी जबावदेही

  • इस नियम के लागू होते ही देश में कार्यरत डिजिटल कंपनियों को ये सुनिश्चित करना होगा कि डेटा प्रोसेसिंग में निजी डेटा संरक्षण नियम का उल्लंघन न हो।
  • कंपनियां प्राइवेट डेटा को देश से बाहर नहीं ले जा सकेंगी।
  • डेटा प्रोसेसिंग की सभी कैटेगरीज को सार्वजनिक करना होगा औऱ उसका मकसद भी स्पष्ट करना होगा।
  • कंपनियों में रखने होंगे डेटा प्रोटेक्शन अधिकारी।
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