देहरादून: स्थानीय निकायों के 100 स्थानों पर चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया समाप्त हो गई है, आज नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी और 1 जनवरी को नाम वापसी का दिन रहेगा। राज्य में 23 जनवरी को मतदान होना है। बीजेपी और कांग्रेस स्थानीय निकाय चुनाव में प्रत्याशी चयन के बाद बागियों का भी खेल जारी है।
उत्तराखंड में 11 नगर निगम हैं, जिनके निर्वाचन क्षेत्र में औसतन तीन विधानसभा क्षेत्र आ रहे हैं। ऐसे में दोनों पार्टियों ने इन क्षेत्रों में अपना फोकस किया हुआ है। बीजेपी के द्वारा निगम महापौर प्रत्याशियों के चयन का निर्णय पार्टी हाई कमान पर छोड़ा हुआ था। प्रत्याशी की घोषणा होने के बाद बीजेपी को कई नगर निगम क्षेत्रों में प्रत्याशी दावेदारों की नाराजगी से जूझना पड़ रहा है। कई जगह कांग्रेस को भी बागियों से दो-दो हाथ करने पड़ रहे हैं।
संगठन की दृष्टि से कांग्रेस कमजोर और गुटबाजी में बटी हुई दिख रही है। वहीं बीजेपी का संगठन मजबूत है लेकिन दावेदार प्रत्याशियों की नाराजगी का भी सामना करना पड़ रहा है। माना जा रहा है कि दो तीन दिन में सब कुछ सामान्य हो जायेगा।
बीजेपी पार्टी प्रवक्ता मनवीर चौहान का कहना है, हर सीट पर कई दावेदार होते हैं, शीर्ष नेतृत्व टिकट फाइनल जब करते हैं तो उनके पास कई जगह से फीडबैक होता है, पार्टी जिताऊ उम्मीदवार तय करती है, स्वाभाविक है कि टिकट नहीं मिला वो थोड़ा नाराज होते ही हैं, हम उन्हें मना लेने का प्रयास करते हैं। एक दो दिन में सब ठीक हो जाएगा और पार्टी भारी जनादेश के साथ मोदी धामी फैक्टर पर मोहर लगाएगी।
उधर कांग्रेस अध्यक्ष करण मेहरा का भी यही कहना है कि बागियों पर और नाराजगी जाहिर करने वालों को हम मनाने का प्रयास कर रहे हैं।
देहरादून और हल्द्वानी में रोचक मुकाबला
देहरादून मेयर चुनाव के लिए बीजेपी से छात्र जीवन से राजनीति कर रहे एबीवीपी के सौरभ धपलियाल और कांग्रेस से भी छात्र जीवन से राजनीति कर रहे वीरेंद्र पोखरियाल के बीच मुकाबला हो रहा है। दोनों ने कल नामांकन के बाद गले लग कर चुनावी सौहार्द की मिसाल पेश की।
हल्द्वानी नगर निगम के मेयर चुनाव के लिए एबीवीपी की छात्र राजनीति करने वाले गजराज सिंह बिष्ट और कांग्रेस की छात्र राजनीति करने वाले ललित जोशी के बीच मुकाबला होने जा रहा है। दोनो कॉलेज में भी प्रतिद्वंदी रहे थे। हल्द्वानी में समाजवादी पार्टी ने शोएब सिद्दीकी को मैदान में उतारा है। शोएब ने भी हल्द्वानी की छात्र राजनीति में दिलचस्पी ली हुई है।
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