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काशी, मथुरा पर दावा छोड़ें मुस्लिम, मस्जिद के नीचे शिवलिंग खोजना बंद करेंगे : विश्व हिंदू परिषद

सुरेंद्र जैन ने कहा कि अगर मुस्लिम समुदाय पहल करे और कट्टरता को छोड़कर प्यार से अपने अधिकार छोड़ दे तो आप हमारा दिल जीत लेंगे, अन्यथा इन मामलों के फैसले के लिए अदालतें हैं।

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WEB DESK

नागपुर (हि.स.)। विश्व हिंदू परिषद के संयुक्त महासचिव डॉ. सुरेंद्र कुमार जैन ने कहा कि अगर मुसलमान काशी और मथुरा पर अपना दावा छोड़ दें तो वे हर मस्जिद के नीचे शिवलिंग ढूंढना बंद कर देंगे। बतौर जैन अगर मुस्लिम समुदाय पहल करे और कट्टरता को छोड़कर प्यार से अपने अधिकार छोड़ दे तो आप हमारा दिल जीत लेंगे, अन्यथा इन मामलों के फैसले के लिए अदालतें हैं।

डॉ. जैन ने सोमवार को एक बयान में कहा कि विश्व हिंदू परिषद ने अपने किसी भी विषय को नहीं छोड़ा है। ‘मंदिर वहीं बनाएंगे, मंदिर भव्य बनाएंगे’ के वादे के अनुरूप अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण पूरा हो चुका है, अब कृष्ण जन्मभूमि और काशी विश्वनाथ मंदिर मुक्त होंगे। जैन ने कहा कि शांतिप्रिय हिंदू समाज 1984 से काशी और मथुरा पर दावा कर रहा है। उस समय भी हमने मुसलमानों को प्रस्ताव दिया था कि अगर वे इन दोनों जगहों पर अपना दावा छोड़ दें तो हिंदू समाज बाकी जगहों पर दावा नहीं करेगा। जैन ने खेद जाहिर करते हुए कहा कि मुस्लिम समुदाय ने अपनी कट्टरता नहीं छोड़ी और इस अवसर को गंवा दिया। अब मामला कोर्ट में है, फिर भी यदि मुसलमान काशी और मथुरा पर अपना दावा छोड़ दें तो हम मस्जिद के नीचे शिवलिंग खोजना बंद कर देंगे।

डॉ. सुरेंद्र जैन ने सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत के उस बयान पर भी सहमति जताई, जिसमें उन्होंने ‘हर मस्जिद के नीचे मंदिर मत ढूंढ़ो’ का आह्वान किया था। डॉ. जैन ने इस पर अपनी राय रखते हुए कहा कि हम सरसंघचालक के बयान से पूरी तरह सहमत हैं, लेकिन उनके बयान का एक वाक्य उठाकर दिखाया गया। सरसंघचालक ने यह भी कहा है कि पहले मुस्लिम समुदाय को कट्टरता छोड़नी होगी। सुरेंद्र जैन ने कहा कि मुस्लिमों की कट्टरता के चलते आज हिंदू समाज मस्जिद के नीचे मंदिरों की तलाश कर रहा है। बतौर जैन काशी और मथुरा के मामले कोर्ट में विचाराधीन हैं। जैन ने कहा कि मुस्लिम समुदाय को इस मामले के नतीजे का धैर्यपूर्वक इंतजार करना चाहिए। मथुरा के ईदगाह मामले में कोर्ट ने 1947 से पहले का फैसला सुनाया जा चुका है। जैन ने कहा कि काशी और मथुरा में मंदिर थे, मंदिर हैं और रहेंगे।

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