जयपुर, (हि.स.)। जैसलमेर में जिस जगह पर धरती से पानी की धार फूट पड़ी थी, उस जगह धमाके हो सकते हैं। वहां जहरीली गैस के रिसाव की आशंका है। जमीन धंस सकती है। इसलिए धरती में समाए ट्रक और बोरिंग मशीन निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन अभी नहीं चलाया जा रहा है। ऑयल कंपनी के विशेषज्ञों से चर्चा के बाद ही कोई कदम उठाया जाएगा। फिलहाल इस इलाके को खाली करवा लिया गया है। राहत की बात यह है कि रविवार 29 दिसंबर की रात करीब 10 बजे धरती से निकल रही पानी की धार अपने आप बंद हो गई है। लोगों के बीच यह भी चर्चा है कि यहां सरस्वती नदी हो सकती है।
जैसलमेर के मोहनगढ़ स्थित चक-27 बीडी के 3 जोरा माइनर के पास 28 दिसंबर की सुबह भाजपा नगर मंडल अध्यक्ष विक्रम सिंह के खेत में बोरवेल की खुदाई की जा रही थी। करीब 850 फीट खुदाई के बाद अचानक तेज प्रेशर के साथ पानी निकलने लगा था। पानी की धारा जमीन से चार फीट तक ऊपर उठती रही थी।
पानी के प्रेशर के कारण मौके पर करीब 20 फीट चौड़ा गड्ढा बन गया है। 28 दिसंबर की ही रात में बोरवेल की खुदाई कर रही 22 टन वजन की मशीन ट्रक के साथ इस गड्ढे में समा गई है। किसी तरह बोरवेल मशीन पर काम कर रहे कर्मचारी और ग्रामीणों ने अपनी जान बचाई थी।
29 दिसंबर की रात जिला कलेक्टर प्रताप सिंह ने पानी की धार बंद होने की जानकारी दी थी। उन्होंने कहा था कि गैस का रिसाव भी बंद हो गया है। ट्रक और मशीन को गड्ढे से बाहर निकालने के लिए ऑयल कंपनियों को सूचना दी गई है। उनकी क्राइसिस मैनेजमेंट टीम के आने के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जाएगा।
मोहनगढ़ के उप तहसीलदार ललित चारण ने बताया कि विशेषज्ञों ने आशंका जताई है कि इस जगह पर कभी भी फिर से रिसाव शुरू हो सकता है। ये गैस हानिकारक भी हो सकती हैं। भूमि धंसने और विस्फोट जैसी घटना भी हो सकती है।
कलेक्टर प्रताप सिंह ने घटनास्थल और उसके आस-पास किसी भी सामान्य व्यक्ति-पशुओं के आने-जाने पर पाबंदी लगाई गई है। 29 दिसंबर की रात उन्होंने आदेश जारी कर धारा 163 लगाई है। इस आदेश में कलेक्टर ने कहा है कि इस तरह के हालात में आमजन की सुरक्षा को खतरा हो सकता है। इसलिए सुथार मंडी के 27 बीडी के आस-पास के क्षेत्र में आमजन के आने-जाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। बहते पानी या गैस के रिसाव के कारण पशुओं या आमजन को नुकसान हो सकता है।
कलेक्टर ने बताया कि ऑयल-गैस कंपनियों की विशेषज्ञों ने जो सैंपल लिया है, उसकी रिपोर्ट आने के बाद ही आगे का काम शुरू होगा। फिलहाल प्रभावित इलाके में सामान्य नागरिकों के आने-जाने पर रोक लगा दी गई है।
ट्रक और बोरिंग मशीन पानी में समाने की घटना के बाद प्रशासन ने 500 मीटर के रेडियस का इलाका खाली करवा चुका है। ओएनजीसी, केयर्न इंडिया और ऑयल इंडिया के विशेषज्ञों को मौके पर बुलाया गया था। विशेषज्ञों ने 29 दिसंबर की दोपहर सैंपल लिए थे।
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