पूर्व प्रधान मंत्री श्री मनमोहन सिंह जी के निधन से देश ने आर्थिक विकास को गति देने वाला एक महान अर्थशास्त्री खो दिया है।
प्रारंभ से ही अर्थशास्त्र विषय में अपना कैरियर बनाने वाले श्री मनमोहन सिंह जी की शुरुआत एक अध्यापक के नाते हुई थी। वाणिज्य, वित्त मंत्रालय के सलाहकार, योजना आयोग के उपाध्यक्ष, रिजर्व बैंक के गवर्नर जैसे महत्वपूर्ण दायित्वों का उन्होंने निर्वहन किया, जिसके कारण देश के आर्थिक विकास के संदर्भ में उनकी एक दृष्टि बनी थी।
उनके इसी योगदान को ध्यान में रखते हुए नरसिंह राव सरकार के काल में उन्हें देश का वित्त मंत्री बनाया गया। वित्त मंत्री के रूप में उन्होंने देश के आर्थिक विकास को गति देने के लिए जो कदम उठाए इसी कारण उन्हें आर्थिक विकास के प्रणेता के रूप में मान्यता मिली थी।
2004 से 2014 तक मनमोहन सिंह जी को देश के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य करने का अवसर मिला। प्रतिकूल परिस्थिति में अनेक संकटों का सामना कर लगभग 10 वर्ष के अपने कार्यकाल में उन्होंने देश के विकास की दृष्टि से अनेक उपयुक्त कदम उठाए थे। जिन्हें संपूर्ण देश हमेशा याद रखेगा।
डॉ मनमोहन सिंह जी जनजाति समाज की समस्याओं के प्रति उनकी संवेदनशीलता के लिए भी याद रखे जाएंगे। जनजाति समाज पर हुए ऐतिहासिक अन्याय के परिमार्जन के लिए 2006 में बनाए गए वनाधिकार कानून को बनाने में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। जनजाति समाज के सुनियोजित शोषण पर भी उन्होंने कई बार चिंता व्यक्त की थी।
पद्म विभूषण से सम्मानित डॉ मनमोहन सिंह जी के निधन पर अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम शोक व्यक्त करते हुए उनकी स्मृति को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता है।
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