उत्तराखंड: गांव तक सड़क बनाने का अनूठा आंदोलन, कड़ाके की ठंड में ग्रामीण खुद श्रमदान कर बना रहे हैं सड़क
May 12, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत उत्तराखंड

उत्तराखंड: गांव तक सड़क बनाने का अनूठा आंदोलन, कड़ाके की ठंड में ग्रामीण खुद श्रमदान कर बना रहे हैं सड़क

दोनों गांवों को सड़क से जोड़कर पूरे क्षेत्र का विकास भी संभव है, लेकिन इन सब बातों के बीच कुछ छद्म पार्यवरणविद और वामपंथी इकोसिस्टम से जुड़े एनजीओ अपने चंदे के धंधे के लिए इस सड़क का निर्माण नहीं चाहते।

by दिनेश मानसेरा
Dec 27, 2024, 12:30 pm IST
in उत्तराखंड
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

नई टिहरी: उत्तराखण्ड टिहरी जिले के जौनपुर क्षेत्र में बंगशील से ओडार्सू मोटर-मार्ग पर पट्टी पालीगाड़ के साथ-साथ दशजूला जैसी चार पट्टियों के ग्रामीणों ने ख़ुद श्रम दान कर संपर्क मार्ग तैयार करने की ज़िद ठान ली है। दिसंबर महीने की कड़ाके की ठंड में भी पुरुष, महिलाएँ, बुजुर्ग और बच्चे इस रास्ते को बनाने के लिए कुदाल-फावड़ा, दराती सबल लेकर रास्ता बनाने के लिए एकजुट हो गए हैं।

इस श्रमदान आंदोलन में इसमें रिवर्स माइग्रेशन के लिए अपने गाँव में 1500 सेब और कीवी के पेड़ लगाने वाले भुयाँसारी के विमल नौटियाल भी हैं और उत्तराखण्ड की ओर से G20 सम्मेलन में उत्तराखण्ड का प्रतिनिधित्व करने वाली पड़ोसी गाँव की ही शोभना देवी भी शामिल हैं। इसके साथ ही क़रीब 3000 लोग इस संपर्क मार्ग के श्रमदान और निर्माण में अपना हर संभव योगदान दे रहे हैं। ये अपने आप में एक अनूठा आंदोलन दिखाई दे रहा है और ये तभी संभव हो पाता है, जब लोग सिस्टम से हार जाते हैं और अपने हक की लड़ाई के लिए एक जुट होकर अपने घरों से निकल पड़ते हैं।

क्या है मोटर मार्ग का मामला ?

बंगशील से ओडार्सू मोटर-मार्ग कई सालों से थत्यूड़ जौनपुर क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। साल 2019 में क़रीब 13 गांव के लगभग सभी ग्राम प्रधान, जनप्रतिनिधि इस सड़क के निर्माण के पक्ष में एकजुट हुए थे और महा पंचायत आयोजित की गई थी, जिसमें सड़क मार्ग से प्रमुख रूप से प्रभावित होने वाले 13 मुख्य गांव के प्रधान, क्षेत्रपंचायत प्रतिनिधि, क्षेत्रीय लोग, सामाजिक कार्यकर्ता, वन विभाग व लोक निर्माण विभाग के अधिकारी मौजूद रहे। सभी लोगों की सर्वसम्मति से महापंचायत ने यह निर्णय लिया था कि बंगशील गांव से सड़क देवलसारी के पैदल रास्ते से मिलकर ओडार्सू गांव जाएगी, जिससे देवदार के वृक्षों का कटान बच जाएगा।

बता दें कि बंगशील से ओडार्सू, दोनों गांव सड़क से तो जुडे़ हैं किन्तु दोनों गांवों के बीच 4 कि० मी० सड़क मार्ग से जुड़ नहीं पाई, जिस कारण एक गांव से दूसरे गांव जाने के लिए लगभग 18 से 20 किमी का चक्कर लगाना पड़ता है। अब ये मार्ग उत्तरकाशी एवं चिन्यालिसौड के लिए भी इन तमाम गाँवों को इकतरफ़ा कनेक्टिविटी प्रदान करने में उपयोगी होता, जहां से कि जौनपुर के अधिकांश हित जुड़े हुए हैं। ग्रामीण कहते हैं यदि यह 4 कि० मी० सड़क बन जाती तो दोनों गांव आपस में मोटर मार्ग से जुड़ जांएगे फासला भी कम हो जाएगा।

इसे भी पढ़ें: उत्तराखंड: नगर निकाय चुनाव के आज से नामांकन शुरू, राष्ट्रीय दलों के प्रत्याशियों के पत्ते अभी नहीं खुले

इसी दूरी को कम करने के लिए बंगशील ओडार्सू मोटर मार्ग निर्माण क्षेत्रवासियों की प्रमुख मांग रही है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें भी मुख्यधारा से जुड़ने का अधिकार है और इस क्षेत्र में भी रोज़गार, शिक्षा, स्वास्थ, पर्यटन की सुविधा का लाभ सभी ग्रामीण उठा सकेंगे। उनकी शिकायत है कि फारेस्ट के अधिकारी ख़ुद लोगों से जंगली जानवरों की डर से घरों से बाहर ना निकालने की अपील करते हैं तो ऐसे में वो अपने बच्चों को स्कूल भी कैसे भेज पाएँगे? इन जंगलों से आवाजाही समय के साथ और भी ख़तरनाक होती जा रही है, यदि इलाक़े में पलायन को रोकना है तो उसके लिए उन्हें सड़क और सुविधाएँ भी चाहिए। आज वहाँ पर श्रमदान करने के लिए हर जाति और वर्ग के लोग एकजुट हो रखे हैं। इस क्षेत्र में लोकसभा चुनाव के बीच ‘रोड नहीं तो वोट नहीं’ के नारे भी लगे थे और ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार भी किया था।

कौन रख रहा है स्थानीय लोग को सड़क मार्ग से वंचित?

दोनों गांवों को सड़क से जोड़कर पूरे क्षेत्र का विकास भी संभव है, लेकिन इन सब बातों के बीच कुछ छद्म पार्यवरणविद और वामपंथी इकोसिस्टम से जुड़े एनजीओ अपने चंदे के धंधे के लिए इस सड़क का निर्माण नहीं चाहते। उन्होंने अपने एजेंडा को साधें के लिए स्थानीय नागरिकों को देवदार का चोर बताने के साथ-साथ है उन पर जंगल की तस्करी के भी आरोप लगाए हैं। उनका फैलाया गया भ्रम ये है कि सड़क निर्माण से कई पेड़ कटेंगे, जबकि जो पुराना आवागमन का पारंपरिक मार्ग है, उसी में यदि वाहन जाने लायक़ सुविधा हो जाए तो उसमें कहीं भी पेड़ों को नुक़सान नहीं हो रहा है। इस बार भी जब श्रमदान कर रास्ता बनाने के लिए लोग एकजुट हुए तो उनके कार्य में तरह-तरह की बाधा डालने के प्रयास हो रहे हैं। NGO और उनके हैंडलर्स के नाम से उन्हें डराने और धमकाने के साथ-साथ फारेस्ट के अधिकारियों पर दबाव बनाने का भी कार्य किया जा रहा है। हालाँकि ग्रामीणों की सड़क की माँग का मामला टिहरी ज़िलाधिकारी मयूर दीक्षित के पास पहुँच गया है जिसमें उन्होंने संबंधित अधिकारियों को उचित कार्रवाही करते हुए इस मामले का समाधान निकालने के आदेश दिये हैं।

हाल ही में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के पास जब यह मामला पहुँच तो उन्होंने इसका संज्ञान लेते हुए यह आश्वासन दिया है कि आचार संहिता हटने के बाद वे ख़ुद इस सड़क मार्ग के लिए स्थानीय नागरिकों के हित में उचित कार्रवाई करेंगे। समस्त ग्रामीणों को मुख्यमंत्री के आश्वासन और उसके फ़ॉलो-अप का इंतज़ार है। हालाँकि  45 गाँवों के ये ग्रामीण अपने श्रमदान से कड़ाके की ठंड, बर्फ और बारिश के बीच भी मौक़े पर डटे हुए हैं और मार्ग बनाने में जुटे हैं। बता दें कि देवलसारी का यह क्षेत्र वन संपदा से भरा है और ईसाई मिशनरियों की निगाहें इस क्षेत्र में मतांतरण के लिए रही हैं। सड़क और कनेक्टिविटी जैसी मूलभूत सुविधा ना होने के चलते कई गरीब, वंचित परिवार इनकी चपेट में आए भी हैं और अधिकांश क्षेत्र ईसाई मतांतरण की मार से पीड़ित है।

 

Topics: उत्तराखंडUttarakhandटिहरी ओडाशू मार्गगांव सड़क बनाने का आंदोलनTehri-Odashu roadmovement for building village road
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Uttarakhand RSS

उत्तराखंड: संघ शताब्दी वर्ष की तैयारियां शुरू, 6000+ स्वयंसेवकों का एकत्रीकरण

उत्तराखंड बना वेडिंग हब! : जहां हुआ शिव-पार्वती विवाह वहां पर संपन्न हुए 500+ विवाह, कई विदेशी जोड़ों पसंदीदा डेस्टिनेशन

उत्तराखंड : नंदप्रयाग में मुरारी बापू की राम कथा में पहुंचे CM धामी, सनातन संस्कृति पर कही बड़ी बात

Uttar Pradesh Rape and conversion case

अफजाल ने नाबालिग भतीजी के साथ की दरिंदगी, दुष्कर्म कर जंगल में छोड़ा, पुलिस ने किया मुकदमा दर्ज

पूजा विश्वास (फाइल फोटो)

उत्तराखंड: लव जिहाद का शिकार हुई पूजा, मुश्ताक ने सिर धड़ से अलग कर शव नाले में फेंका, दिल दहला देगी खौफनाक साजिश

Uttakhand chardham yatra

उत्तराखंड: चारधाम यात्रा सादगी के साथ शुरू, हरिद्वार, ऋषिकेश से जत्थे हुए रवाना

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

बागेश्वर बाबा (धीरेंद्र शास्त्री)

पाकिस्तान बिगड़ैल औलाद, जिसे सुधारा नहीं जा सकता : पंडित धीरेंद्र शास्त्री

शतरंज खेलना हराम है… : तालिबान ने जारी किया फतवा, अफगानिस्तान में लगा प्रतिबंध

चित्र प्रतीकात्मक नहीं है

पाकिस्तान पर बलूचों का कहर : दौड़ा-दौड़ाकर मारे सैनिक, छीने हथियार, आत्मघाती धमाके में 2 अफसर भी ढेर

प्रतीकात्मक चित्र

पाकिस्तान में बड़ा हमला: पेशावर में आत्मघाती विस्फोट, बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सैनिकों के हथियार छीने

स्वामी विवेकानंद

इंदौर में स्वामी विवेकानंद की विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा होगी स्थापित, मुख्यमंत्री मोहन यादव ने किया भूमिपूजन

भारत की सख्त चेतावनी, संघर्ष विराम तोड़ा तो देंगे कड़ा जवाब, ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के 3 एयर डिफेंस सिस्टम ध्वस्त

Operation sindoor

थल सेनाध्यक्ष ने शीर्ष सैन्य कमांडरों के साथ पश्चिमी सीमाओं की मौजूदा सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की

राष्ट्र हित में प्रसारित हो संवाद : मुकुल कानितकर

Jammu kashmir terrorist attack

जम्मू-कश्मीर में 20 से अधिक स्थानों पर छापा, स्लीपर सेल का भंडाफोड़

उत्तराखंड : सीमा पर पहुंचे सीएम धामी, कहा- हमारी सीमाएं अभेद हैं, दुश्मन को करारा जवाब मिला

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies