आंध्र प्रदेश

अय्यपा माला तोड़ी, हमला कर शर्ट फाड़ दी : भक्त को देखकर भड़का ज़ियाउल हक़, मारपीट कर की गाली-गलौज

आंध्र प्रदेश के मदनापल्ले में अय्यप्पा भक्त पर मुस्लिम उन्मादी द्वारा किए गए हमले के बाद वहां तनाव बढ़ा। अय्यप्पा माला को लेकर अय्यपा के भक्तों में विशेष आस्था होती है, वह इसे बहुत ही नियम और श्रद्धा के साथ धारण करते हैं।

Published by
SHIVAM DIXIT

आंध्र प्रदेश के मदनापल्ले में 25 दिसंबर को अय्यप्पा भक्त पर कथित हमले के बाद इलाके में तनाव का माहौल बन गया। घटना में स्थानीय इस्लामिक उन्मादी युवक ज़ियाउल हक़ ने RTC बस स्टैंड के पास अय्यप्पा भक्त वेंकटेश पर हमला कर दिया। आरोप है कि ज़ियाउल ने वेंकटेश के अय्यप्पा माला को तोड़ दिया और उनकी शर्ट भी फाड़ दी।

घटना का विवरण

मिली जानकारी के अनुसार, वेंकटेश ने ज़ियाउल से अपनी दोपहिया गाड़ी को सड़क से हटाने के लिए कहा था, जो रास्ते में खड़ी थी। इस पर ज़ियाउल को गुस्सा आ गया। वह हिन्दू युवक वेंकटेश से बहस करता है और उसके गले में अय्यप्पा माला को देखकर आक्रोशित हो जाता है, जिसके बाद ज़ियाउल हमला करके धार्मिक प्रतीक “अय्यप्पा माला” को तोड़ देता है, और वेंकटेश की शर्त को फाड़ देता है।बता दें कि “अय्यप्पा माला” को लेकर अय्यपा के भक्तों में विशेष आस्था होती है, वह इसे बहुत ही नियम और श्रद्धा के साथ धारण करते हैं।

स्थानीय समुदाय में आक्रोश

इस घटना के बाद, स्थानीय लोगों और अय्यप्पा भक्तों में भारी आक्रोश देखने को मिला। उनका आरोप है कि यह हमला केवल एक विवाद नहीं, बल्कि धार्मिक असहिष्णुता का प्रतीक है। इस घटना ने मदनापल्ले में हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है।

पुलिस की कार्रवाई

पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी है। स्थानीय प्रशासन ने दोनों समुदायों से शांति बनाए रखने की अपील की है। हालांकि, अय्यप्पा भक्तों का कहना है कि इस घटना में कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। अय्यपा भक्तों का कहना है कि माला तोड़ने की घटना केवल हमला नहीं बल्कि सनातनी हिन्दुओं और अय्यपा भक्तों की भावनाओं पर सीधा हमला है।

अन्य संबंधित घटनाएं

यह पहली बार नहीं है जब अय्यप्पा भक्तों को निशाना बनाया गया है। इससे पहले भी कई घटनाएं हो चुकी हैं जो धार्मिक असहिष्णुता की ओर इशारा करती हैं-

केरल (2022) : सबरीमाला तीर्थ यात्रा के दौरान एक अय्यप्पा भक्त पर मुसलमानों के एक समूह ने कथित तौर पर हमला किया था। भक्त ने आरोप लगाया कि उनकी धार्मिक मान्यताओं को लेकर उनका मजाक उड़ाया गया और उन्हें डराने की कोशिश की गई।

कर्नाटक (2021) : एक अय्यप्पा भक्त को माला पहनने के कारण निशाना बनाया गया था। भक्त का कहना था कि उनकी धार्मिक पहचान को लेकर उन्हें धमकाया गया और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया।

तमिलनाडु (2020) : अय्यप्पा माला धारण करने वाले एक व्यक्ति के साथ एक मुस्लिम व्यक्ति ने सार्वजनिक रूप से दुर्व्यवहार किया।

धार्मिक असहिष्णुता पर सवाल

मदनापल्ले की घटना और इससे जुड़ी अन्य घटनाएं देश में बढ़ रही धार्मिक असहिष्णुता की ओर संकेत करती हैं। अय्यप्पा भक्तों के साथ इस तरह के हमले यह दिखाते हैं कि धार्मिक प्रतीकों के प्रति सहिष्णुता की कमी किस तरह से समाज में टकराव पैदा कर रही है।

समाज की जिम्मेदारी

ऐसी घटनाओं से बचने के लिए समाज के सभी वर्गों को धर्म और आस्था के प्रति सम्मान का भाव विकसित करना चाहिए। प्रशासन को भी ऐसे मामलों में त्वरित और कठोर कार्रवाई करनी चाहिए ताकि धार्मिक स्वतंत्रता को संरक्षित किया जा सके। मदनापल्ले की घटना एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करती है कि देश में धार्मिक सहिष्णुता का स्तर कहाँ खड़ा है। अय्यप्पा भक्तों के प्रति हो रहे इस तरह के हमले केवल एक हिन्दू समुदाय के लिए नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी हैं।

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