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ईरान में नए हिजाब कानून पर रोक, व्हाट्सएप और गूगल प्ले से हटाई पाबंदी

ताजा घटनाक्रम में ईरान ने मेटा के मैसेजिंग प्लेटफॉर्म व्हाट्सएप और गूगल प्ले पर से पाबंदी हटा ली है। नए सख्त हिजाब कानून से जुड़े विधेयक को रोके जाने के बाद यह ईरान की सरकार के बदलते तेवर की एक और कड़ी है।

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WEB DESK

तेहरान (हि.स.)। अपने सख्त इंटरनेट प्रतिबंधों के लिए मशहूर ईरान अब अपना रुख बदल रहा है। ताजा घटनाक्रम में ईरान ने मेटा के मैसेजिंग प्लेटफॉर्म व्हाट्सएप और गूगल प्ले पर से पाबंदी हटा ली है। नए सख्त हिजाब कानून से जुड़े विधेयक को रोके जाने के बाद यह ईरान की सरकार के बदलते तेवर की एक और कड़ी है।

ईरान की न्यूज एजेंसी आईआरएनए ने मंगलवार को राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन की अध्यक्षता में हुई बैठक के हवाले से बताया है कि व्हाट्सएप और गूगल प्ले जैसे कुछ लोकप्रिय विदेशी प्लेटफॉर्म से प्रतिबंध हटाने पर सकारात्मक बहुमत के बाद यह फैसला लिया गया है। देश के सूचना और संचार प्रौद्योगिकी मंत्री सत्तार हाशमी ने इसे इंटरनेट से प्रतिबंध हटाने की दिशा में पहला कदम बताया है। ईरान में अब लोग मेटा मैसेजिंग प्लेफॉर्म व्हाट्सएप और गूगल प्ले का इस्तेमाल कर सकेंगे।

सरकार के खिलाफ मुहिम के दौरान लगी थी पाबंदी

ईरान में सरकार विरोधी प्रदर्शनों में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का व्यापक इस्तेमाल किया गया था, जिसके बाद सरकार ने इसपर सख्त प्रतिबंध लगा दिए थे। हालांकि सितंबर में अमेरिका ने बिग टेक कंपनियों से अपील की थी कि वे उन देशों में ऑनलाइन सेंसरशिप को खत्म करने में मदद करें, जहां इंटरनेट पर भारी प्रतिबंध लगाए हैं।

हिजाब को लेकर सख्त कानून लागू करने की प्रक्रिया रोकी

इससे पहले 18 दिसंबर को ईरान ने महिलाओं के हिजाब पर नए सख्त कानून को लागू किए जाने की प्रक्रिया रोक दी थी। यह कानून सितंबर 2022 में संसद द्वारा स्वीकृत हुआ था लेकिन इसे अब सरकार के पास नहीं भेजा जाएगा।इस कानून में हिजाब पहनने से इनकार करने वाली महिलाओं के लिए कठोर दंड का प्रावधान है। साथ ही उन व्यवसायों पर भी जुर्माना लगाया जाना था जो ऐसी महिलाओं को सेवाएं प्रदान करते हैं।

संसदीय मामलों के प्रभारी उपाध्यक्ष शाहराम दबीरी के मुताबिक नए हिजाब कानून से जुड़े विधेयक को सरकार के पास नहीं भेजने का निर्णय लिया गया। अगर विधेयक सरकार के पास भेजा जाता तो राष्ट्रपति को इसे 5 दिनों के भीतर समर्थन देना पड़ता। लेकिन इस विधेयक को रोकने के लिए राष्ट्रपति पेजेशकियन ने अपील की।

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