पिछले लंबे समय से मध्य पूर्व के कई देश, खासकर सऊदी अरब जिन्ना के देश के भिखारियों से बेहद परेशान होते आ रहे हैं। कम होने की बजाय पाकिस्तानी भिखारियों की तादाद मक्का मदीना जैसे स्थानों पर भी बढ़ती जा रही थी। हज करने वालों के सामने ये पाकिस्तानी भिखारी भीख का कटोरा लेकर खड़े होते जाते थे और उनके पीछे ही पड़ जाते थे भीख पाने के लिए। वहां की सरकार के किए सारे उपाय नाकाम साबित हो रहे थे। लिहाजा अब ऐसे हजारों पाकिस्तानियों को चिन्हित करके उनके नाम ‘नो फलाइंग लिस्ट’ में डाले जा चुके हैं।
पाकिस्तान के ‘आका’ खाड़ी के इस्लामी देश जिन्ना के कट्टर इस्लामी देश से इतने उकता चुके हैं कि वे अब उस पर और उसके नागरिकों पर कड़ाई बढ़ाते जा रहे हैं। पहले तो मक्का—मदीना के पाकिस्तानी भिखारियों ने उत्पात मचाया हुआ था जिसकी वजह से हजारों पाकिस्तानियों के नाम ब्लैक लिस्ट में डाले गए थे। अब पाकिस्तान के ही लगभग 30 शहरों के लोगों के लिए कई खाड़ी देशों ने अपने दरवाजे कसकर बंद कर लिए हैं। उन पर ये रोक कब तक रहेगी, इस बारे में कोई खुलाया नहीं किया गया है।
पाकिस्तानियों की खाड़ी में ‘एंट्री’ पर ‘बैन’ लगाने वाले इन देशों में संयुक्त अरब अमीरात यानी यूएई, सऊदी अरब जैसे देश भी हैं जहां बड़ी संख्या में पाकिस्तानी रोजी—रोटी की उम्मीद में जाते हैं या वहां सालों से मजदूरी कर रहे हैं। अन्य भी कई खाड़ी देश हैं जो नहीं चाहते कि उन 30 शहरों के पाकिस्तानी उनके यहां आएं।
जिन्ना के देश के इन शहरों के लोगों को ये खाड़ी देश वीसा नहीं देंगे और देंगे भी तो उससे पहले उनके चाल—चलन की कड़ी पुलिस जांच कराई जाएगी। इन लोगों के वीसा पर रोक अनिश्चितकाल के लिए लगाई गई है।
पिछले लंबे समय से मध्य पूर्व के कई देश, खासकर सऊदी अरब जिन्ना के देश के भिखारियों से बेहद परेशान होते आ रहे हैं। कम होने की बजाय पाकिस्तानी भिखारियों की तादाद मक्का मदीना जैसे स्थानों पर भी बढ़ती जा रही थी। हज करने वालों के सामने ये पाकिस्तानी भिखारी भीख का कटोरा लेकर खड़े होते जाते थे और उनके पीछे ही पड़ जाते थे भीख पाने के लिए। वहां की सरकार के किए सारे उपाय नाकाम साबित हो रहे थे। लिहाजा अब ऐसे हजारों पाकिस्तानियों को चिन्हित करके उनके नाम ‘नो फलाइंग लिस्ट’ में डाले जा चुके हैं।
भीख मांगने के अलावा अनेक पाकिस्तानी वहां गैरकानूनी हरकतें करते भी पकड़े गए हैं। यूएई और सऊदी अरब में कड़े कानून होने के बाद भी ये लोग ऐसी हरकतें करने से बाज नहीं आते। व्यवस्था की गई है कि जो भी पाकिस्तानी संयुक्त अरब अमीरात में आना चाहेगा उसकी पुलिस से सख्त जांच कराई जाएगी और उस जांच के उसके बेदाग पाए जाने के बाद ही वीसा दिया जाएगा।
इस नए कदम से पाकिस्तान, सऊदी अरब और यूएई के ऐसे ट्रैवल एजेंटों में खलबली है जो किसी भी पाकिस्तानी को पैसे लेकर वीसा दिला दिया करते थे। अब वीसा ‘असली आगंतुक’ को ही दिया जाएगा, वह भी पुलिस के सत्यापन के बाद। पाकिस्तान की सीनेट में इस विषय पर चर्चा हुई और दूसरे देशों में पाकिस्तानियों के काम करने की देखरेख करने वाले रोजगार ब्यूरो ने सीनेट की कमेटी को बता दिया है कि पुलिस की जांच के बिना अब यूएई जाने की इजाजत नहीं दी जा सकती।
रोजगार कार्यालय पर अर्जियां देने वालों की ओर से पूछा जा रहा है कि आखिर वीसा से जुड़ी तकलीफों का अंत कब होगा। तमाम जरूरतें पूरी करने के बाद भी वीसा जारी क्यों नहीं हो रहे? यहां बता दें कि खासकर संयुक्त अरब अमीरात को जिन्ना के देश के लोग रोजगार के लिए पहली पसंद बताते हैं और वर्षों से वहां काम—धंधे की आस में जाते रहे हैं।
खाड़ी के देशों में पाकिस्तानी लोग भीख मांगते देखे गए हैं, तस्करी, मादक पदार्थों के कारोबार तथा दूसरे गैरकानूनी कामों में लिप्त पाए जाते रहे हैं। इनके अलावा दुबई तथा अबू धाबी में बड़ी संख्या में पाकिस्तानी घूमने या रोजगार की तलाश में भी जाते हैं।
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