असम

घर वापसी: असम में 11 ईसाई और एक मुस्लिम परिवार ने अपनाया सनातन धर्म

एक अन्य महिला को चंगाई सभा के नाम पर मिशनरियों ने फंसाया था। महिला बताती हैं कि वो अपनी बेटी की तबीयत खराब होने के कारण बहुत ही परेशान रहती थी। मिशनरियों ने मुझे कहा था कि अगर मैं ईसाई बन जाती हूं तो मेरी बेटी ठीक हो जाएगी। लेकिन बाद में महिला की बेटी की मौत हो गई।

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Kuldeep singh

सनातन धर्म की महानता ही ऐसी है कि इसे छोड़कर दूसरे पंथों अथवा मजहबों में गए लोग स्वत: ही घर वापसी कर रहे हैं। इसी क्रम में असम के बोगाईगांव शहर में 11 ईसाइयों ने घर वापसी कर ली है। इसके साथ ही एक मुस्लिम परिवार ने भी सनातन धर्म अपना लिया है।

क्या है पूरा मामला

मामला कुछ यूं है कि बीते 20 दिसंबर को बोगाईगांव में ईसाई मिशनरियों द्वारा ईसाई बनाए गए 11 लोगों ने घर वापसी की। बताया जाता है कि ये सभी कोच राजबंशी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। कुछ साल पहले ही इन्हें बरगलाकर ईसाई बनाया गया था। सनातन धर्म अपनाने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि कुछ वर्ष पहले वो मिशनरियों के संपर्क में आया था। उस दौरान मिशनरियों ने उसे पैसों समेत दूसरी मदद देने का लालच देकर ईसाई बना दिया था। लेकिन बाद में कुछ भी नहीं दिया।

इसी तरह से एक अन्य महिला को चंगाई सभा के नाम पर मिशनरियों ने फंसाया था। महिला बताती हैं कि वो अपनी बेटी की तबीयत खराब होने के कारण बहुत ही परेशान रहती थी। मिशनरियों ने मुझे कहा था कि अगर मैं ईसाई बन जाती हूं तो मेरी बेटी ठीक हो जाएगी। लेकिन बाद में महिला की बेटी की मौत हो गई। इसके बाद महिला को आभास हुआ कि मिशनरियों ने उसे ठगा था।

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एक मुस्लिम परिवार ने भी अपनाया सनातन धर्म

इसी तरह से गुवाहाटी के सोनापुर इलाके के कोचुटोली में हाफिज अली नाम के मुस्लिम व्यक्ति ने अपनी बीवी रिजवाना के साथ सनातन धर्म में घर वापसी की। कोचुटोली वनवासी बहुल इलाका माना जाता है। हालांकि, सालों से यहां पर बांग्लादेशी मुस्लिमों ने कब्जा कर रखा था। लेकिन हाल ही में असम सरकार ने इन सभी को वहां से बाहर निकाला था। इसी कोचुटोली में रहते हुए हाफिज अली ने बीवी के साथ घर वापसी की। सनातन धर्म अपनाने के बाद हाफिज ने अपना नाम बदल राहुल रख लिया।

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