‘पूछेगी जब अदालत, पत्थर गवाही देंगे’ कानपुर में मंदिरों के खस्ताहाल हालातों के बारे में अदालत ने भले ही अभी तक नहीं पूछा हो। लेकिन, इन मंदिरों के वजूद की गवाही पत्थर अवश्य दे रहे हैं। उत्तर प्रदेश के संभल के बाद कानपुर में भी एक बाद एक मंदिर मिल रहे हैं, जिन्हें अतिक्रमणकारियों ने कब्जा कर वहां पर या तो बिरयानी की दुकान खोल दी थी, या फिर धीरे-धीरे उस मंदिर को ही दफ्न करने की साजिश रची थी। लेकिन, अब कानपुर की मेयर प्रमिला पाण्डेय ने एक के बाद एक 5 मंदिरों के ताले खुलवाए।
रिपोर्ट के मुताबिक, कानपुर का बेकनगंज इलाका, जो कि मुस्लिम बहुल इलाका है। वहीं पर मुस्लिम कट्टरपंथियों द्वारा अवैध तरीके से कब्जाए गए मंदिरों को मेयर ने खुलवाया। प्रमिला पांण्डेय 7 थानों की फोर्स के साथ बेकनगंज मोहल्ला गईं। वहां सबसे पहले उन्होंने राधा कृष्ण मंदिर का दौरा किया, जो कि कूड़े-करकट से भरा हुआ मिला। वहां पर कचरे के सिवाय कुछ नहीं था। मंदिर के पीछे मुस्लिम दुकानदार बिरयानी बनाते हैं। मेयर ने तुरंत उसे खाली करवाकर मंदिर को बहाल करने का निर्देश दिया।
इसके बाद मेयर राम-जानकी मंदिर पहुंची, जिस पर कानपुर हिंसा के आरोपी मुस्लिम कट्टरपंथी मुख्तार बाबा ने कब्जा कर रखा था। मेयर ने तुरंत मंदिर का ताला खुलवाया और अतिक्रमण को खाली कराने का निर्देश पुलिस प्रशासन को दिया। बाद में मेयर प्रमिला ने शिव मंदिर समेत कुल 5 मंदिरों के ताले खुलवाए।
इस मौके पर पत्रकारों से बात करते हुए शहर की मेयर प्रमिला पाण्डेय ने कहा कि ये इलाका बेकनगंज लगता है, पहले इसको सोनार गली कहते थे। यहां पर अग्रवाल और बनिया समुदाय के लोग रहते थे। सोनार गली में हर 10 मकान के बाद एक मंदिर हुआ करता था, लेकिन अब इन पर कब्जा कर लिया गया है। मेयर ने कहा कि अब मुस्लिम यहां रहते हैं, हमें इससे कोई समस्या नहीं है, लेकिन सवाल ये है कि जब हमारे मंदिर यहां थे, तो उसकी मूर्तियां कहां गायब हो गईं।
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