सुप्रीम कोर्ट ने एलिमनी मांग पर जताई आपत्ति, कहा- पत्नी को पति की संपत्ति के बराबर दर्जा पाने का अधिकार नहीं
May 8, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

सुप्रीम कोर्ट ने एलिमनी मांग पर जताई आपत्ति, कहा- पत्नी को पति की संपत्ति के बराबर दर्जा पाने का अधिकार नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने पत्नी द्वारा पति की संपत्ति के बराबर एलिमनी मांगने पर नाराजगी जताई। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि पत्नी को वैवाहिक जीवन में आदी जीवनशैली के आधार पर ही गुजारा भत्ता मिलेगा, न कि पति की वर्तमान संपत्ति के अनुसार।

by WEB DESK
Dec 21, 2024, 08:29 pm IST
in भारत, दिल्ली
supreme court

भारत का सर्वोच्च न्यायालय

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में पत्नी द्वारा एलिमनी की बड़ी डिमांड पर सख्त नाराजगी जताई है। महिला जज जस्टिस बी. वी. नागरत्ना ने स्पष्ट किया कि पत्नी को पति की वर्तमान संपत्ति और स्टेटस के आधार पर समान दर्जा पाने का अधिकार नहीं है। कोर्ट ने कहा कि पत्नी को केवल उसी गुजारे भत्ते का अधिकार है, जिसकी वह अपने वैवाहिक जीवन में आदी थी।

क्या है 5000 करोड़ रुपये की संपत्ति में हिस्सा मांगने का मामला

यह सुनवाई पत्नी की उस याचिका पर हो रही थी, जिसमें उसने पति की 5000 करोड़ रुपये की संपत्ति में से गुजारे भत्ते की मांग की थी।पति ने अपनी पहली पत्नी को एलिमनी के तौर पर 500 करोड़ रुपये दिए थे। कोर्ट ने दूसरी पत्नी को केवल 12 करोड़ रुपये गुजारे भत्ते के तौर पर देने का निर्देश दिया। याचिका में पति की संपत्ति और इनकम को आधार बनाकर बड़ी राशि की मांग की गई थी।

जस्टिस नागरत्ना का कड़ा रुख

सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस बी. वी. नागरत्ना ने पत्नी द्वारा पति की संपत्ति के बराबर दर्जा पाने के लिए एलिमनी की बड़ी मांग पर सख्त नाराजगी व्यक्त की और विस्तृत टिप्पणी की। उनका पूरा वक्तव्य इस प्रकार था-

1. पत्नी के अधिकार पर स्पष्टता : जस्टिस नागरत्ना ने कहा-  “पत्नी को केवल उसी गुजारे भत्ते का हक है, जिसकी वह अपने वैवाहिक जीवन में आदी थी। अगर पति तलाक के बाद अपनी संपत्ति बढ़ा लेता है या उसका आर्थिक स्तर ऊंचा हो जाता है, तो पत्नी को यह अधिकार नहीं है कि वह समान दर्जा पाने के लिए परमानेंट एलिमनी के नाम पर बड़ी डिमांड करे।”

2. एलिमनी के उद्देश्य पर टिप्पणी : उन्होंने यह भी कहा- “गुजारे भत्ते का कानून पत्नी को सशक्त बनाने, सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने और व्यक्ति की गरिमा बनाए रखने के लिए है। यह पति पर अपनी पत्नी का भरण-पोषण करने का कानूनी दायित्व स्थापित करता है।”

3. वर्तमान संपत्ति पर मांग का विरोध : जस्टिस नागरत्ना ने आगे कहा- “हमें इस प्रवृत्ति पर गंभीर आपत्ति है कि पत्नियां पति की वर्तमान संपत्ति और स्टेटस को देखकर बराबरी के लिए एलिमनी मांगती हैं। यह केवल उन मामलों में देखा जाता है जहां पति की आय अधिक होती है। परंतु जहां पति की आय कम होती है, वहां ऐसी मांगें नहीं उठाई जातीं। आय और संपत्ति के आधार पर दोहरी अप्रोच सही नहीं है।”

4. सवाल उठाने पर तल्ख टिप्पणी : जस्टिस नागरत्ना ने तल्खी के साथ कहा- “हमें आश्चर्य है कि अगर पति तलाक के बाद कंगाल हो जाए, तो क्या पत्नी इस तरह की मांग करेगी? एलिमनी का उद्देश्य पति की वर्तमान संपत्ति पर समान दर्जा दिलाना नहीं है, बल्कि पत्नी को वैवाहिक जीवन में आदी जीवनशैली का अधिकार देना है।”

5. भरण-पोषण के लिए गाइडलाइन्स : जस्टिस नागरत्ना ने एलिमनी की सीमा पर भी बात की और कहा, “हमें केवल पति की आय पर ध्यान केंद्रित नहीं करना चाहिए। पत्नी की आय, उसकी जरूरतें, आवासीय अधिकार और अन्य फैक्टर्स को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए। एलिमनी की मांग केवल पति की संपत्ति के आधार पर नहीं होनी चाहिए।”

6. कानूनी प्रक्रिया की पारदर्शिता : जस्टिस नागरत्ना ने अंत में कहा- “हमारी प्राथमिकता कानून के तहत सामाजिक न्याय और पारदर्शिता सुनिश्चित करना है। पत्नी को उसकी वास्तविक जरूरतों के अनुसार गुजारा भत्ता मिलना चाहिए, न कि पति की संपत्ति या पहले दी गई एलिमनी की तुलना के आधार पर।”

Topics: Supreme Courtसुप्रीम कोर्टLegal NewsCJI Sanjiv Khannaमहिला जज जस्टिस बी. वी. नागरत्नाएलिमनी मांगWoman Judge Justice B.V. NagarathnaAlimony demand
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

सुप्रीम कोर्ट

वक्फ कानून के खिलाफ याचिकाओं पर जस्टिस गवई की बेंच करेगी सुनवाई, चीफ जस्टिस खन्ना 13 मई को हो रहे सेवानिवृत 

नए वक्फ कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मोहम्मद सुल्तान, CJI ने कहा– ‘अब नहीं सुनी जाएगी याचिका’

सुप्रीम कोर्ट

“बेहद गंभीर वक्त है, सेना का मनोबल न गिराएं”, पहलगाम आतंकी हमले पर सुनवाई से SC का इनकार, लगाई फटकार

सुप्रीम कोर्ट

पेगासस से जुड़ी पूरी रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं होगी, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए स्पाइवेयर का इस्तेमाल गलत नहीं : SC

सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: शरिया अदालत और फतवे कानूनी रूप से अमान्य

सुप्रीम कोर्ट

OTT और सोशल मीडिया पर अश्लील कंटेंट बैन की मांग, नेटफ्लिक्स, उल्लू, ट्विटर, मेटा, ऑल्ट बालाजी, गूगल को नोटिस

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

राफेल पर मजाक उड़ाना पड़ा भारी : सेना का मजाक उड़ाने पर कांग्रेस नेता अजय राय FIR

घुसपैठ और कन्वर्जन के विरोध में लोगों के साथ सड़क पर उतरे चंपई सोरेन

घर वापसी का जोर, चर्च कमजोर

‘आतंकी जनाजों में लहराते झंडे सब कुछ कह जाते हैं’ : पाकिस्तान फिर बेनकाब, भारत ने सबूत सहित बताया आतंकी गठजोड़ का सच

पाकिस्तान पर भारत की डिजिटल स्ट्राइक : ओटीटी पर पाकिस्तानी फिल्में और वेब सीरीज बैन, नहीं दिखेगा आतंकी देश का कंटेंट

Brahmos Airospace Indian navy

अब लखनऊ ने निकलेगी ‘ब्रह्मोस’ मिसाइल : 300 करोड़ की लागत से बनी यूनिट तैयार, सैन्य ताकत के लिए 11 मई अहम दिन

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

पाकिस्तान की आतंकी साजिशें : कश्मीर से काबुल, मॉस्को से लंदन और उससे भी आगे तक

Live Press Briefing on Operation Sindoor by Ministry of External Affairs: ऑपरेशन सिंदूर पर भारत की प्रेस कॉन्फ्रेंस

ओटीटी पर पाकिस्तानी सीरीज बैन

OTT पर पाकिस्तानी कंटेंट पर स्ट्राइक, गाने- वेब सीरीज सब बैन

सुहाना ने इस्लाम त्याग हिंदू रीति-रिवाज से की शादी

घर वापसी: मुस्लिम लड़की ने इस्लाम त्याग अपनाया सनातन धर्म, शिवम संग लिए सात फेरे

‘ऑपरेशन सिंदूर से रचा नया इतिहास’ : राजनाथ सिंह ने कहा- भारतीय सेनाओं ने दिया अद्भुत शौर्य और पराक्रम का परिचय

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies