भारत-श्रीलंका संबंधों की नई पारी
July 10, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्लेषण

भारत-श्रीलंका संबंधों की नई पारी

पिछले पांच वर्षों में भारत-श्रीलंका संबंधों को चीन की चुनौती का सामना करना पड़ा है

by लेफ्टिनेंट जनरल एम के दास,पीवीएसएम, बार टू एसएम, वीएसएम ( सेवानिवृत)
Dec 21, 2024, 12:56 pm IST
in विश्लेषण
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके।

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके।

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

श्रीलंका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके की 15-17 दिसंबर को भारत यात्रा ने दोनों पड़ोसी देशों के बीच सकारात्मक संबंधों की उम्मीद जगाई है। इस यात्रा में काफी गर्मजोशी और भारत का आतिथ्य देखा गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीलंका के राष्ट्रपति के साथ विस्तृत चर्चा की और दोनों ने मीडिया को भी संबोधित किया। श्री मोदी ने श्रीलंका की यात्रा का निमंत्रण भी स्वीकार कर लिया।

भारत-श्रीलंका संबंधों को श्रीलंका में उभरी नई शक्ति संरचना की पृष्ठभूमि में देखा जाना चाहिए। अब तक श्रीलंका ने मामूली अपवादों को छोड़कर  काफी हद तक भारत के समर्थन का रुख अपनाया था। 24 सितंबर के राष्ट्रपति चुनावों में, जनता विमुखी पेरामुना (जेवीपी) के अनुरा दिसानायके ने समगी जन बालावेगया (एसजेबी) के साजित प्रेमदासा को हराया, जो विपक्ष के नेता रहे हैं। 56 वर्षीय दिसानायके की पार्टी ने इस वर्ष नवम्बर में हुए श्रीलंका के संसदीय चुनावों में भी प्रचंड बहुमत के साथ जीत हासिल की। इस प्रकार, वामपंथी झुकाव वाले चीन समर्थक जेवीपी के पास अब अगले पांच वर्षों के लिए श्रीलंका में सत्ता का पूर्ण नियंत्रण है।

खासकर पिछले पांच वर्षों में भारत-श्रीलंका संबंधों को चीन की चुनौती का सामना करना पड़ा है। हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) पर हावी होने के लिए चीन के लिए श्रीलंका एक प्रमुख स्थान बना हुआ है। याद कीजिए कि रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हंबनटोटा बंदरगाह को श्रीलंका ने चीन को 99 साल के लिए लीज पर दिया था।  श्रीलंका भी 2021 के उत्तरार्ध में एक बड़े आर्थिक संकट से गुजरा और फिर भारत ने वर्ष 2022 में 4 बिलियन डॉलर की सहायता के साथ आर्थिक रूप से इसे बेलआउट किया। इस आर्थिक सहायता ने एक बार फिर भारत के पक्ष में संबंध को मोड़ दिया, कम से कम कुछ समय के लिए। श्रीलंका के निवर्तमान राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने वर्ष 2023 में सहमति व्यक्त की कि श्रीलंका अपने क्षेत्र को भारत के सुरक्षा हितों के खिलाफ इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं देगा। श्रीलंकाई समुद्री सीमा के आसपास ‘अनुसंधान पोतों’ की आड़ में चीनी समुद्री जहाजों की उपस्थिति भारत के लिए प्रमुख सुरक्षा चिंता का कारण रही है।

वर्तमान यात्रा के दौरान भारत और श्रीलंका के बीच द्विपक्षीय संबंध और सुदृढ़ हुए हैं। भारत श्रीलंका का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है और अब तक, भारत ने श्रीलंका को 5 बिलियन डॉलर की लाइन ऑफ क्रेडिट दी है। आर्थिक संबंधों में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि,  सौर ऊर्जा और डिजिटलीकरण पर जोर देते हुए एक-दूसरे देश के नागरिकों के आपसी जुड़ाव पर जोर दिया गया है। पीएम मोदी ने द्विपक्षीय संबंधों के लिए एक भविष्यवादी दृष्टिकोण को रेखांकित किया जो उसके श्रीलंका के साथ संबंधों में एक नई गति और ऊर्जा लाएगा।

पीएम मोदी ने कहा कि भारत और श्रीलंका रक्षा सहयोग समझौते को अंतिम रूप देने के लिए काम कर रहे हैं। भारत ने श्रीलंका में विभिन्न राजनीतिक विचारधारा के साथ रुख में बार-बार बदलाव को रोकने के लिए औपचारिक समझौते पर जोर दिया है। भारत और श्रीलंका दोनों का मानना है कि कोलंबो सुरक्षा सम्मेलन आईओआर में क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है। इसके तहत समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद से मुकाबला, साइबर सुरक्षा, मादक पदार्थ रोधी, मानवीय सहायता और आपदा राहत जैसे मुद्दों पर सहयोग बढ़ाया जाएगा। ये सभी मुद्दे शांतिपूर्ण और स्थिर श्रीलंका सुनिश्चित करने के लिये महत्त्वपूर्ण हैं, जो आईओआर को नियंत्रित करने के लिये बहुत आवश्यक हैं।

एकमात्र विवादास्पद मुद्दा शायद श्रीलंका में तमिल अल्पसंख्यकों के अधिकारों से संबंधित था। पीएम मोदी ने अपने भाषण में उल्लेख किया कि उन्हें उम्मीद है कि श्रीलंका संविधान के प्रति अपने दायित्व को पूरा करेगा और जल्द ही प्रांतीय परिषद चुनाव कराएगा। गौरतलब है कि जेवीपी पूर्व में श्रीलंका में तमिलों को समान अधिकार दिए जाने के खिलाफ रही है और उसने नब्बे के दशक में हिंसक अभियान चलाया था। इसलिए, श्रीलंका में नई सरकार तमिलों के साथ कैसा व्यवहार करती है, इसकी भारत, विशेष रूप से तमिलनाडु राज्य में सावधानीपूर्वक निगरानी की जाएगी। दोनों देशों के बीच मत्स्य विवाद भी एक टकराव का बिंदु है लेकिन कूटनीति इसे अच्छी तरह से संभालने में सक्षम रही है।

भारत और श्रीलंका के बीच रक्षा सहयोग और दोनों सेनाओं के बीच सहयोग मजबूत बना हुआ है। भारत अपने कई प्रशिक्षण प्रतिष्ठानों में श्रीलंकाई सशस्त्र बलों के अधिकारी कैडर और जूनियर नेतृत्व को प्रशिक्षित करता है। अपने सैन्य करियर के दौरान, मैंने उनमें से कई के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया। मैंने उनमें से कई को भारत के विभिन्न प्रशिक्षण प्रतिष्ठानों में प्रशिक्षक के रूप में प्रशिक्षित भी किया। खूंखार आतंकवादी संगठन लिट्टे से लड़ने में आईपीकेएफ के मेरे अनुभव के कारण श्रीलंकाई अधिकारी कैडर का मेरे प्रति विशेष लगाव था। इस समय का श्रीलंका का शीर्ष सैन्य नेतृत्व भी भारत में प्रशिक्षित हुआ है। यह हमारे लिए फायदेमंद है।

भारत के पूरे पड़ोस ने किसी न किसी रूप में सैन्य हस्तक्षेप देखा है। अगर हम पाकिस्तान को एक तरफ छोड़ भी दें तो भी भारत ने बांग्लादेश (पाकिस्तान के साथ 1971 का मुक्ति युद्ध), श्रीलंका (भारतीय शांति सेना के साथ 1987-90), मालदीव (ऑपरेशन कैक्टस, नवंबर 1988), भूटान (2017 में चीन के साथ डोकलाम गतिरोध) और म्यांमार (आतंकवादियों को बाहर निकालने के लिए) में सैन्य हस्तक्षेप किया है। एकमात्र अपवाद नेपाल है। लेकिन भारत का सैन्य हस्तक्षेप अनुरोध पर या पड़ोसी देश के साथ समझौते के माध्यम से हुआ है ।  यह एक बार फिर हमारे पड़ोस में कमजोर सुरक्षा ढांचे और भारत के लिए सैन्य रूप से मजबूत होने की आवश्यकता को दर्शाता है।

दिसानायके को संतुलन बनाकर रखना होगा

जैसा कि अपेक्षित था, श्रीलंका के राष्ट्रपति अपने अगले विदेश दौरे के लिए चीन जा रहें हैं ।  दिसानायके पर चीनी नेतृत्व का दबाव बहुत अधिक होगा। लेकिन अब इस क्षेत्र के देशों को और श्रीलंकाई नेतृत्व को भी चीन के आर्थिक ऋण जाल में फंसने के बारे में पता होगा। इसलिए, भारत और चीन के बीच दिसानायके को संतुलन बनाकर रखना होगा। हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में चीन का हस्तक्षेप इस पूरे क्षेत्र को अस्थिर कर सकता है । इस साल अगस्त में शेख हसीना सरकार को सत्ता से बेदखल होने के बाद बांग्लादेश अस्थिर हो चुका है और अब भारत अपने पड़ोस में और अधिक अशांति का सामना नहीं कर सकता।

विदेश मंत्री एस जयशंकर का प्रयास

भारत-श्रीलंका संबंधों को अनुकूल दिशा में लाने का काफी श्रेय भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर को दिया जाना चाहिए। वह इस बार न केवल दिसानायके से इस यात्रा के दौरान मिले, बल्कि राष्ट्रपति चुनावों से पहले भी श्रीलंका जाकर उनसे मिले थे । इसलिए, काफी सघन कूटनीति यह सुनिश्चित करने में लगाई गई है कि श्रीलंका में नई व्यवस्था भारत के साथ पिछले समझौतों के प्रति वचनबद्ध बनी रहे। भारतीय कूटनीति ने मालदीव के अनुभव से सबक सीखा है, जहां भी अब हम उनका भारत और चीन के प्रति एक बदलाव और अधिक संतुलित समीकरण देखते हैं। अतः यह कहा जा सकता है श्रीलंका में नई व्यवस्था के साथ भारत की नई पारी की अच्छी शुरुआत हुई है। इन संबंधों को हमें और ऊपर ले कर जाना होगा। जय भारत।

 

 

Topics: पीएम मोदीभारत श्रीलंका संबंधश्रीलंका राष्ट्रपति दिसानायकेअनुरा कुमारा दिसानायके
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

ब्रिक्स सम्मेलन में सत्र को संबोधित करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

Brics summit 2025: ’21वीं सदी का सॉफ्टवेयर 20वीं सदी के टाइप राइटर से नहीं चल सकता’, वैश्विक संस्थानों पर बोले PM मोदी

Telangana Pharma plant blast

Telangana Pharma plant blast: मृतकों का आंकड़ा पहुंचा 35

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

संविधान हत्या दिवस:  प्रधानमंत्री मोदी ने आपातकाल के खिलाफ लड़ाई में शामिल सभी योद्धाओं को सलाम किया

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

वर्दीधारी ट्रेनिंग में जितना पसीना बहाएंगे, जीवन में उतना ही कम खून बहेगा : सीएम योगी आदित्यनाथ

नक्सली, फाइल चित्र

MP में नक्सलियों पर बड़ी कार्रवाई , 4 ढेर, ऑटोमेटिक हथियार, ग्रेनेड और रॉकेट लॉन्चर बरामद

दुनियाभर में पाकिस्तान को बेनकाब कर लौटे भारतीय प्रतिनिधिमंडल के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।

भारत के लिए आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक गठबंधन का नेतृत्व करने का समय

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

‘अचानक मौतों पर केंद्र सरकार का अध्ययन’ : The Print ने कोविड के नाम पर परोसा झूठ, PIB ने किया खंडन

UP ने रचा इतिहास : एक दिन में लगाए गए 37 करोड़ पौधे

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नामीबिया की आधिकारिक यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवाह ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया।

प्रधानमंत्री मोदी को नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, 5 देशों की यात्रा में चौथा पुरस्कार

रिटायरमेंट के बाद प्राकृतिक खेती और वेद-अध्ययन करूंगा : अमित शाह

फैसल का खुलेआम कश्मीर में जिहाद में आगे रहने और खून बहाने की शेखी बघारना भारत के उस दावे को पुख्ता करता है कि कश्मीर में जिन्ना का देश जिहादी भेजकर आतंक मचाता आ रहा है

जिन्ना के देश में एक जिहादी ने ही उजागर किया उस देश का आतंकी चेहरा, कहा-‘हमने बहाया कश्मीर में खून!’

लोन वर्राटू से लाल दहशत खत्म : अब तक 1005 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

यत्र -तत्र- सर्वत्र राम

NIA filed chargesheet PFI Sajjad

कट्टरपंथ फैलाने वाले 3 आतंकी सहयोगियों को NIA ने किया गिरफ्तार

उत्तराखंड : BKTC ने 2025-26 के लिए 1 अरब 27 करोड़ का बजट पास

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies