मत अभिमत

मंदिरों का नाम लेकर वक्फ बोर्ड की मनमानियों से ध्यान हटाने की कोशिश कर रहे कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया

सिद्धारमैया की बातों से एक सवाल और खड़ा होता है कि क्या आज तक किसी मंदिर को वक्फ की संपत्तियों पर बनाया गया है? जबाव ढूंढेंगे तो पाएंगे नहीं।

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Kuldeep singh

वक्फ बोर्ड की मनमानियों के बीच कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बयान दिया है कि अगर कहीं वक्फ की संपत्ति पर मंदिर बनाया गया है तो उसे वहां से नहीं हटाया जाएगा। इसके अलावा उसे दिया गया नोटिस भी वापस ले लिया जाएगा। उनकी इस बता का समर्थन करते हुए राज्य के अल्पसंख्यक मंत्री बी जे़ड जमीर अहमद खान ने भी कहा कि किसानों और मंदिरों को दिए गए नोटिस वापस लिए जाएंगे। लेकिन, सिद्धारमैया ने एक भी बार ये बात नहीं कही कि वे प्रदेश में वक्फ बोर्ड की मनमानियों पर लगाम लगाएंगे या फिर वक्फ के पास इतनी संपत्तियां आईं।

सिद्धारमैया की बातों से एक सवाल और खड़ा होता है कि क्या आज तक किसी मंदिर को वक्फ की संपत्तियों पर बनाया गया है? जबाव ढूंढेंगे तो पाएंगे नहीं। हां! वक्फ बोर्ड कांग्रेस की सरकारों के द्वारा दी गई असीमित शक्तियों का इस्तेमाल करके देश के प्रत्येक राज्य में मठ, मंदिरों और किसानों की जमीनों पर कब्जे अवश्य करता जा रहा है। हाल के महीनों की बात करें तो वक्फ बोर्ड की मनमानियों के सबसे अधिक पीड़ित कर्नाटक के ही लोग रहे हैं।

ये जगजाहिर है कि जो भी ऐतिहासिक इमारते/स्मारक हैं, वे सभी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) की निगरानी में होते हैं। उनके संरक्षण का कार्य एएसआई करता है। लेकिन, कर्नाटक के ऐतिहासिक बीदर किले पर भी वक्फ बोर्ड ने अपना दावा ठोंक दिया। इससे पहले उसने हुबली जिले में एक पूरे गांव पर अपना दावा ठोंक दिया। विजयपुर जिले में किसानों की 1500 एकड़ जमीनों पर अपना दावा ठोंक दिया।

वक्फ बोर्ड की इन सभी मनमानियों को नजरअंदाज करते हुए कांग्रेस शासित राज्य के मुख्यमंत्री लोगों को बरगलाने की कोशिश करते हैं कि वक्फ की संपत्ति पर स्थित मंदिरों को सुरक्षित रखेंगे। इसके साथ ही वो अपनी व्यथा जताते हुए विधानसभा में यह भी कहते हैं कि बीते कुछ सालों के दौरान वक्फ की संपत्तियों में गिरावट आई है। उनका कहना था कि राज्य में 1.10 लाख एकड़ वक्फ संपत्तियां थीं, जो कि इनाम उन्मूलन और अतिक्रमण कानून के कारण घटकर 20,000 एकड़ में सिमट गई हैं।

इसका अर्थ ये है कि वक्फ बोर्ड ने गलत तरीके से इन संपत्तियों पर कब्जा कर रखा था और बाद में अतिक्रमण को खाली कराया गया था। लेकिन, फिर भी वक्फ की कथित संपत्तियों की सुरक्षा की बातें कर रहे हैं। बुधवार को हुई इस बहस के दौरान असंतुष्ट भाजपा नेताओं ने सदन से वाकआउट किया।

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