चंडीगढ़ । पंजाब में बम धमाकों की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, जिससे राज्य की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने हाल ही में पंजाब पुलिस को आतंकी हमलों की साजिश को लेकर चेतावनी दी थी, लेकिन पुलिस की ओर से इसे गंभीरता से नहीं लिया गया। पिछले एक महीने में अमृतसर में चार धमाके हो चुके हैं, जिनकी जिम्मेदारी खालिस्तानी आतंकियों ने ली है।
एनआईए की रिपोर्ट और पुलिस की अनदेखी
मीडिया सूत्रों के अनुसार, एनआईए ने हाल ही में पंजाब पुलिस के साथ एक रिपोर्ट साझा की थी, जिसमें पुलिस थानों पर आतंकी हमलों की साजिश का खुलासा किया गया था। रिपोर्ट में कहा गया था कि खालिस्तानी आतंकी 1984 के डेड ड्रॉप मॉडल की तर्ज पर हमले की योजना बना रहे हैं। केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने इस खतरे को देखते हुए पंजाब पुलिस को अलर्ट रहने के निर्देश दिए थे, लेकिन पुलिस ने इसे नजरअंदाज कर दिया।
अमृतसर धमाकों की जिम्मेदारी और आतंकी धमकी
मंगलवार को अमृतसर के इस्लामाबाद थाने पर ग्रेनेड हमले के बाद खालिस्तानी आतंकी हैप्पी पासियां के करीबी जीवन फौजी ने सोशल मीडिया पोस्ट और ऑडियो संदेश के जरिए इसकी जिम्मेदारी ली।
जीवन फौजी ने कहा- “अमृतसर के इस्लामाबाद थाने पर हुए हमले की जिम्मेदारी मैं लेता हूं। यह पुलिस और पंजाब सरकार के लिए चेतावनी है। हमारे परिवारों को बेघर किया गया, मां-बाप और रिश्तेदारों तक को जेल में डाल दिया गया। अब इसका जवाब इसी तरीके से देंगे। यह तो सिर्फ ट्रेलर है, पूरी फिल्म अभी बाकी है।”
उसने पुलिस और सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि वे भी घरों तक पहुंचेंगे, जैसे पुलिस ने उनके घरों को निशाना बनाया है।
अमृतसर में धमाकों का सिलसिला
अमृतसर में यह पहली घटना नहीं है। पिछले एक महीने में लगातार धमाके हो रहे हैं, जिनकी जिम्मेदारी खालिस्तानी आतंकी संगठनों ने ली है-
- 4 दिसंबर : अमृतसर के मजीठा थाने में ग्रेनेड फेंका गया था। इस घटना की जिम्मेदारी खालिस्तानी आतंकी हैप्पी पासियां ने ली थी।
- 28 नवंबर : अमृतसर पुलिस की पुरानी चौकी गुरबख्श नगर में धमाका हुआ, जहां हैंड ग्रेनेड फेंका गया था। इसकी जिम्मेदारी भी सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए ली गई।
- 23-24 नवंबर : अमृतसर के अजनाला थाने के बाहर आईईडी प्लांट किया गया, लेकिन तकनीकी खराबी के कारण वह नहीं फटा।
- गुरदासपुर : जिले में भी एक पुलिस थाने को निशाना बनाकर ग्रेनेड हमला किया गया था।
खालिस्तानी आतंकियों की बढ़ती सक्रियता
इन घटनाओं से साफ है कि खालिस्तानी आतंकी समूह एक बार फिर पंजाब में सक्रिय हो रहे हैं। ये हमले राज्य की सुरक्षा व्यवस्था के लिए गंभीर चुनौती बन गए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि खालिस्तानी आतंकी पंजाब के युवाओं को गुमराह कर हमलों में शामिल कर रहे हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से वे अपनी जिम्मेदारी लेते हुए पुलिस और सरकार को खुलेआम धमकी दे रहे हैं।
सुरक्षा एजेंसियों की चिंता और आगे की रणनीति
केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां इस स्थिति को लेकर अलर्ट पर हैं। एनआईए की रिपोर्ट के बाद भी स्थानीय पुलिस की सुस्ती ने हालात को और चिंताजनक बना दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि पंजाब पुलिस को राज्य में आतंकी साजिशों के खिलाफ प्रोएक्टिव कार्रवाई करनी होगी। पुलिस थानों और महत्वपूर्ण स्थानों पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने की जरूरत है।
पंजाब में एक के बाद एक हो रहे धमाके न केवल राज्य की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रहे हैं, बल्कि यह भी स्पष्ट कर रहे हैं कि खालिस्तानी संगठनों का खतरा अभी टला नहीं है। एनआईए की रिपोर्ट के बावजूद पुलिस का लापरवाही भरा रवैया गंभीर चिंता का विषय है। राज्य सरकार और सुरक्षा एजेंसियों के लिए यह समय तत्काल कार्रवाई और सतर्कता बढ़ाने का है ताकि आने वाले समय में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
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