नई दिल्ली । बीते शुक्रवार 13 दिसंबर को राज्यसभा में उपराष्ट्रपति और सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ कांग्रेस द्वारा महाभियोग प्रस्ताव लाए जाने पर भाजपा सांसद राधा मोहन दास अग्रवाल ने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कांग्रेस पर संविधान के अनुच्छेद 67 के तहत नियमों का पालन न करने का आरोप लगाया और कहा कि यह प्रस्ताव संविधान और संसदीय परंपराओं के खिलाफ है। अग्रवाल ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के बयानों और कार्यप्रणाली को लेकर तीखी आलोचना की।
महाभियोग प्रस्ताव पर नियमों के उल्लंघन का आरोप
राज्यसभा में हुए हंगामे के दौरान भाजपा सांसद राधा मोहन दास अग्रवाल ने कहा, “संविधान के अनुच्छेद 67 के अनुसार, उपराष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने से पहले लिखित नोटिस दिया जाना चाहिए और उस पर चर्चा के लिए 14 दिन का समय दिया जाना चाहिए। लेकिन कांग्रेस ने इन नियमों का पालन नहीं किया। इसके बजाय, मीडिया रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया पोस्ट पर आरोप लगाए गए, जिनमें उपराष्ट्रपति के लिए आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया गया।”
कांग्रेस के इतिहास पर निशाना
अग्रवाल ने कांग्रेस पर ऐतिहासिक आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी ने हमेशा राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का अपमान किया है। उन्होंने भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के साथ नेहरू सरकार द्वारा किए गए कथित दुर्व्यवहार का जिक्र किया। अग्रवाल ने कहा, “डॉ. राजेंद्र प्रसाद को इलाज के लिए आवश्यक संसाधन तक नहीं मिले। उनकी बीमारी के दौरान सांस की मशीन हटा दी गई और इलाज के अभाव में उनकी मृत्यु हो गई। प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने उस समय न तो उनकी मृत्यु पर पटना जाने की आवश्यकता समझी और न ही उन्होंने तत्कालीन उपराष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को पटना जाने की अनुमति दी। लेकिन डॉ. राधाकृष्णन ने उनकी बात नहीं मानी और संस्कार में शामिल हुए।”
मल्लिकार्जुन खरगे पर तीखा हमला
राधा मोहन दास अग्रवाल ने राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा- “मल्लिकार्जुन खरगे ने सदन में चाटुकारिता की पराकाष्ठा कर दी। उन्होंने खुलेआम कहा कि वे सभापति की बात नहीं सुनेंगे, क्योंकि उन्हें सोनिया गांधी ने अध्यक्ष बनाया है। यह वक्तव्य सदन की गरिमा और लोकतांत्रिक परंपराओं का अपमान है।” उन्होंने कहा- “मीडिया में उपराष्ट्रपति के खिलाफ झूठे आरोप लगाना और सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए उनकी छवि धूमिल करना एक गंभीर मुद्दा है। आरोप लगाने के लिए कांग्रेस को नियमों का पालन करना चाहिए था और सदन में बहस करनी चाहिए थी।”
सभापति पर महाभियोग के मुद्दे पर हंगामा
बता दें कि राज्यसभा में इस मुद्दे को लेकर जबरदस्त हंगामा हुआ। भाजपा सांसदों ने कांग्रेस पर नियमों के उल्लंघन और उपराष्ट्रपति के प्रति असम्मानजनक रवैया अपनाने का आरोप लगाया। अग्रवाल ने कहा- “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जो स्थिति मैंने उत्तर प्रदेश विधानसभा में 20 साल के कार्यकाल में नहीं देखी, वह आज राज्यसभा में देख रहा हूं।”
संसदीय परंपराओं की पुनर्स्थापना की मांग
राधा मोहन दास अग्रवाल ने कांग्रेस से आग्रह किया कि वह संसदीय परंपराओं और संविधान का सम्मान करे। उन्होंने कहा कि किसी भी नेता के खिलाफ आरोप लगाने से पहले उसे उचित समय और मंच दिया जाना चाहिए ताकि लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की गरिमा बनी रहे।
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