उत्तराखंड

उत्तराखंड: लाटू मंदिर के कपाट शरद काल के लिए हुए बंद

लाटू देवता मंदिर के गर्भ गृह में केवल पुजारी को जाने की अनुमति है वो भी ऐसे नहीं, उन्हें आंखों में पट्टी बांध कर जाना होता है।

Published by
दिनेश मानसेरा

देवाल, उत्तराखंड में कई ऐसे देवस्थान है जो कि अद्भुत शक्तियों के लिए जाने जाते है, लाटू देवता का मंदिर भी ऐसा ही है, जिसके कपाट परम्परा के अनुसार शरद काल के लिए बंद कर दिए गए हैं, अब वैशाख पूर्णिमा के दिन इन्हें खोला जाएगा।

लाटू देवता मंदिर के गर्भ गृह में केवल पुजारी को जाने की अनुमति है वो भी ऐसे नहीं, उन्हें आंखों में पट्टी बांध कर जाना होता है। कहते हैं मंदिर के गर्भ गृह में नागमणि हैं, जिसकी रोशनी इतनी तेज है कि नंगी आंखों से देखने वाला अंधा हो जाता है। कुछ लोग इसे ऊर्जा का स्वरूप भी मानते हैं।

जो श्रद्धालु यहां जाते हैं उन्हें गर्भ गृह से करीब 15 मीटर दूर से पूजन कराया जाता है। मंदिर पुजारी खेम सिंह ने विधि विधान से पूजन करके मंदिर कपाट शरद काल के लिए बंद किए जाने की घोषणा की।

मंदिर समिति के संयोजक कृष्ण सिंह ने बताया कि अगली गर्मियों तक हमें देव पूजन का इंतजार रहेगा। उत्तराखंड में मां बराही देवी, देवीधुरा के विषय में भी कहा जाता है उनकी मूर्ति को भी मुख्य पुजारी आंखों में पट्टी बांध कर पूजन श्रृंगार कराते हैं, उसमें भी इतनी ऊर्जा निकलती है कि उसे सहन करना किसी इंसान के बस की बात नहीं।

 

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