कर्नाटक

कर्नाटक: किसानों, मंदिरों, मठों और सार्वजनिक अभिलेखों में वक्फ बोर्ड दर्ज, BJP ने सरकार से की नोटिस वापस लेने की मांग

कर्नाटक में 1,11, 874 एकड़ जमीन अभिलेखों में वक्फ बोर्ड के नाम दर्ज है। इसमें किसानों, मंदिरों और मठों की जमीनें भी शामिल हैं। यह जानकारी कर्नाटक में नेता प्रतिपक्ष आर अशोक ने दी है।

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Kuldeep singh

कर्नाटक में वक्फ बोर्ड की मनमानियों के बीच राज्य विधानसभा में कांग्रेस और मुख्य विपक्षी भाजपा के बीच नियम 69 के अंतर्गत जमकर बहस हुई। इस दौरान विपक्ष के नेता आर अशोक ने वक्फ बोर्ड के सभी नोटिसों को वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि प्रदेश में मौजूदा वक्त में 1,11,874 एकड़ जमीनें अभिलेखों में वक्फ के तौर पर दर्ज हैं।

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, बहस के दौरान भाजपा नेता आर अशोक ने सिद्धारमैया की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार से मांग की कि प्रदेश के किसानों को चाहे वक्फ बोर्ड की ओर से नोटिस दिया गया हो अथवा नहीं प्रदेश सरकार को अपना वादा निभाना चाहिए। उन्होंने सभी वक्फ नोटिसों को वापस लेने की मांग की और कहा कि अभिलेखों के कॉलम 9 और 11 से भी वक्फ बोर्ड को नाम को सरकार हटाए।

भाजपा नेता के अनुसार प्रदेश में वक्फ बोर्ड की संपत्ति के तौर पर घोषित 1,11,874 एकड़ भूमि में से 84,000 एकड़ जमीनों पर विवाद चल रहा है। उन्होंने यह भी कि किसानों की जमीनें अभिलेख 11 कॉलम में दर्ज होने के कारण लोग कर्ज तक नहीं ले सकते हैं। वो चाहकर भी अपनी संपत्ति को बेच नहीं पा रहे हैं। आर अशोक का आरोप है कि मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए राज्य सरकार कोई भी कदम नहीं उठा रही है।

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इसके साथ ही उन्होंने किसानों के खिलाफ होने वाले अन्याय को रोकने की मांग की। इसके साथ ही उन्होंने 1972 में पारित किए गए वक्फ राजपत्र को भी रद्द करने की मांग की। जिस सरकारी स्कूल में कभी सर विश्वेश्वरैया पढ़े थे, उसे वक्फ प्रॉपर्टी के तौर पर दर्ज कर लिया गया है। विजयपुरा के विधायक बासनगौड़ा यतनाला पाटिल ने केंद्र सरकार द्वारा लाए गए वक्फ संशोधन बिल का समर्थन करने की मांग की है।

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