पाकिस्तानी फौज के इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस ने बयान जारी करके बताया गया है कि हामिद पर सियासी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है, उन पर देश की सुरक्षा तथा हितों को दाव पर लगाने का आरोप है, गोपनीयता के कायदों को न मानने का आरोप है, अधिकारों तथा सरकार के संसाधनों के गलत इस्तेमाल और लोगों को नुकसान पहुंचाने का आरोप है।
भारत के पड़ोसी जिन्ना के कट्टर इस्लामी देश की खुफिया एजेंसी के पूर्व मुखिया फैज हामिद की मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं। गत अगस्त में पूर्व लेफ्टिनेंट कमांडर हामिद को सेना ने अपने कब्जे में लेकर कोर्ट मार्शल का फरमान जारी किया था। अब उसमें ताजा घटनाक्रम यह है कि हामिद के विरुद्ध अनेक गंभीर आरोप तय पाए गए हैं। जिस हामिद को इमरान सेना अध्यक्ष बनाना चाह रहे थे वह आज फौजी जेल में कैद है।
जिन्ना के देश की कुख्यात खुफिया एजेंसी आईएसआई के पूर्व मुखिया पर वहां की फौजी अदालत ने अब अनेक आरोप औपचारिक तौर पर तय पाए हैं। कभी पेशावर के कोर कमांडर हामिद की मुसीबतें अब और बढ़ने के कयास लगाए जा रहे हैं। यही हामिद इमरान के कार्यकाल में सर्वशक्तिमान हो चले थे और कहा जाता है कि अफगानिस्तान में
तालिबान की हुकूमत बनाने में इसी फौजी का सबसे बढ़ा हाथ था। तालिबान के लिए पूरी रणनीति तब आईएसआई मुख्यालय में ही तय होकर जाती थी।
पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल फैज हामिद को गत अगस्त में पाकिस्तानी सेना ने गिरफ्त में लिया था। इमरान खान के विरुद्ध शहबाज सरकार का शिकंजा कसते जाने के बाद उनके चहीते फौजी को सरकार कैसे खुला छोड़ सकती थी। इसलिए हामिद को भी हिरासत में लेकर कोर्ट मार्शल करने की घोषणा की गई थी।
मीडिया में आए समाचार बताते हैं कि फैज हामिद पर फील्ड जनरल कोर्ट मार्शल के अंतर्गत कई गंभीर आरोप तय किये गए हैं। 12 अगस्त को शुरू की गई फौजी कोर्ट मार्शल की प्रक्रिया में हामिद के विरुद्ध कई आरोपों पर जांच चलने और सुनवाई होने की उम्मीद है।
अब तक हामिद पर लगे आरोपों की एक झलक पाकिस्तानी फौज के इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस के कल जारी किए गए अधिकृत बयान से मिल जाती है। छोटा सा बयान जारी करके बताया गया है कि हामिद पर सियासी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है, उन पर देश की सुरक्षा तथा हितों को दाव पर लगाने का आरोप है, गोपनीयता के कायदों को न मानने का आरोप है, अधिकारों तथा सरकार के संसाधनों के गलत इस्तेमाल और लोगों को नुकसान पहुंचाने का आरोप है।
इतना ही नहीं, फौज के मीडिया प्रकोष्ठ का कहना है कि आईएसआई के पूर्व मुखिया ने आंदोलन खड़ा करके अशांति पैदा करने की कोशिश की, इसी वजह से 9 मई, 2023 को देश भर में उथलपुथल मची। हामिद पर राजनीतिक फायदे के लिए सियासी दलों से साठगांठ करने का भी आरोप है।
वहां के एक पूर्व फौजी अधिकारी ने फैज हामिद पर लगे आरोपों को ‘गंभीर’ बताया है। उसके अनुसार, हामिद पर फौजी अदालत में मुकदमा चलेगा। उसके बाद ही कोई फैसला आएगा। अदालत के उस फैसले के विरुद्ध अपील करने का हामिद को हक होगा।
जिन्ना के देश के पूर्व खुफिया मुखिया उक्त आरोपों को कैसे झुठला पाएंगे, यह तो बाद में पता चलेगा, लेकिन इस कार्रवाई से इतना तो साफ है कि उस देश में फौज ही सर्वेसर्वा है और आगे भी रहेगी। सरकार के हर काम में सेना अध्यक्ष की दखल रहती आई है। आज के सेना अध्यक्ष जनरल असीम मुनीर भी अपने पूर्ववर्तियों जैसा ही बर्ताव कर रहे हैं और देश विदेश के विभिन्न विषयों में अपनी भूमिका बनाए हुए हैं।
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