यूनुस के ही इशारे पर कथित तौर पर हर बड़े नगर और जिले में चुन—चुनकर आतताई पुलिस अधिकारी बिठाए गए हैं। उनका एक ही एजेंडा है कि जहां हिन्दुओं को मारा—कुचला जा रहा हो, वहां से आंखें फेरे रखो। मजहबी उन्मादी अवामी लीग के कार्यकर्ताओं को भी नहीं बख्श रहे हैं। हिंदू अगर अपने साथ हो रहे अत्याचार के बारे में शिकायत दर्ज कराने की हिम्मत करते भी हैं तो उलटा उन्हें ही मारा—पीटा जाता है।
बांग्लादेश में, विशेषकर चटगांव में जिस प्रकार हिन्दुओं का दमन किया जा रहा है, उनके घर, दुकान जलाए जा रहे हैं, उन्हें फर्जी आरोपों में जेल में ठूंसा जा रहा है, बहू—बेटियों को अपमानित किया जा रहा है, उसके पीछे एक चेहरा उभर कर आया है। वह है मुख्य कार्यकारी यूनुस का खासमखास पुलिस अधिकारी। इसी पुलिस अधिकारी को यूनुस ने कुर्सी संभालते ही खासतौर पर चटगांव में दमन का मुखिया बनाकर भेजा था। और उसने अपने आका का हुक्म बजाने में कोई कसर नहीं रखी है। हिंदुओं पर हो रहे भयंकर अत्याचारों का साजिशकर्ता और कोई नहीं, वह है खुद चटगांव का पुलिस आयुक्त हसीब अजीज।
इस्कॉन साधु चिन्मय दास को फर्जी आरोपों में जेल में बंद करने के पीछे अगर कोई मुख्य साजिशकर्ता है तो वह हसीब ही है। चटगांव का बच्चा बच्चा जानता है कि इस्कॉन को लेकर हसीब के दिमाग में कैसे कैसे शैतानी षड्यंत्र चल रहे हैं। चिन्मय दास ने हिन्दू दमन के विरुद्ध जिस प्रकार से हिन्दुओं को एकजुट करके रैलियां निकालीं, विरोध प्रदर्शन किए उसे देखते हुए हसीब ने कथित तौर पर सबसे पहले उन्हें ही रास्ते से हटाने की साजिश रचनी शुरू कर दी थी।
यह यूनुस का चहीता पुलिस अधिकारी हसीब ही है जिसने कथित तौर पर चिन्मय दास का केस लड़ने के लिए किसी भी वकील को आगे नहीं आने दिया है। जिस वकील ने इसकी कोशिश की उसे ही फर्जी आरोप में फंसा दिया। और एक वकील जो कोर्ट में चिन्मय की पैरवी करने पहुंचे भी उन्हें मार—मारकर अधमरा करवा दिया गया।
5 अगस्त के बाद से बांग्लादेश की पुलिस और फौज द्वारा कट्टरपंथी उन्मादियों को शह देकर हिन्दुओं पर अत्याचार करवाने का सच आज दुनिया के सामने आ चुका है। शेख हसीना सरकार को कुर्सी से हटाने के बाद से ही वहां जमाते इस्लामी और बीएनपी के कार्यकर्ताओं की अगुआई में हिन्दू विरोधी हिंसा का नंगा नाच चल रहा है। यूनुस भले मीडिया को कितना भी झांसे में रखने के लिए नरमाई भरे बयान दें, लेकिन शेख हसीना के शब्दों में कहें तो, बांग्लादेश में मच रहे कत्लेआम के निर्देशक हैं।
यूनुस के ही इशारे पर कथित तौर पर हर बड़े नगर और जिले में चुन—चुनकर आतताई पुलिस अधिकारी बिठाए गए हैं। उनका एक ही एजेंडा है कि जहां हिन्दुओं को मारा—कुचला जा रहा हो, वहां से आंखें फेरे रखो। मजहबी उन्मादी अवामी लीग के कार्यकर्ताओं को भी नहीं बख्श रहे हैं। हिंदू अगर अपने साथ हो रहे अत्याचार के बारे में शिकायत दर्ज कराने की हिम्मत करते भी हैं तो उलटा उन्हें ही मारा—पीटा जाता है।
अगर हिन्दू सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करने की ‘हिमाकत’ करते हैं तो यूनुस सरकार के इशारे पर पुलिस उसे बेरहमी से रौंद दे रही है। चटगांव तो यूनुस का गृहनगर है इसलिए वहां उनका चहीता पुलिस आयुक्त हसीब दमन के सारे रिकार्ड तोड़ने पर उतारू दिखता है।
कई मीडिया रिपोर्ट बताती हैं कि हसीब ने यूनुस सरकार का हुक्म बजाते हुए चटगांव में हिंदुओं को निशाना बनाया। चटगांव के स्थानीय हिंदू बताते हैं कि उन्हें फर्जी आरोपों में फंसाया गया और ऐसे सैकड़ों हिन्दू युवकों को जेल में डाला गया। इसके विरुद्ध किसी को आवाज उठाने की इजाजत नहीं थी। पुलिस आयुक्त हसीब अजीज पूरी सख्ती से हिन्दू दमन को शह देता रहा। पुलिस के सामने ही हिन्दुओं को बेरहमी से मारा गया, लेकिन उपद्रवी मजहबी उन्मादियों को रोका नहीं गया।
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के मानवाधिकार हनन के मामले देख रही ह्यूमन राइट्स कांग्रेस फॉर बांग्लादेशी माइनॉरिटीज के अनुसार, हिन्दू दमन के अधिकांश मामले मानवाधिकारों के किसी भी मानदंड के विरुद्ध ही देखने में आए हैं। समाज में रह रहे असहाय वर्ग पर चोट की जा रही है। इस संस्था ने भी आयुक्त हसीब अजीज पर उंगली उठाई है। चटगांव में ही चिन्मय दास के विरुद्ध पुलिस ने देशद्रोह का आरोप लगाया है और उन्हें जेल में कैद किया है।
संभवत: पुलिस के ही इशारे पर बीएनपी के कार्यकर्ता फिरोज खान ने चिन्मय दास पर झूठा आरोप लगाया और हसीब अजीज के इशारे पर चिन्मय को फौरन पकड़कर जेल में कैद कर दिया गया। हिन्दू एक्य की जिस कोशिश में चिन्मय दास लगे थे, उस पर लगाम लगाने की यह साजिश कथित तौर पर हसीब ने ही रची थी।
अभी तक कि आंकड़ों के अनुसार, अकेले चटगांव में ही पिछले महीने 1,900 हिन्दुओं को फर्जी मामलों में पकड़ा गया है। यूनुस के कथित इशारे पर पुलिस आयुक्त हसीब अजीज हिन्दुओं पर अत्याचार जारी रखे हुए है। किसी की उसके विरुद्ध आवाज उठाने की हिम्मत इसलिए नहीं होती क्योंकि वह मुख्य सलाहकार यूनुस का चहीता पुलिस अधिकारी है।
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