कुछ लालची राजनीतिक ताकतें, कुछ व्यक्ति, उद्योगपति और वामपंथी-इस्लामी-ईसाई संगठन दुनिया पर कब्ज़ा करना चाहते हैं। उनकी ताकत वित्तीय शक्ति है और वे विभिन्न भौगोलिक स्थानों पर विभिन्न रणनीतियों का उपयोग करके उस राष्ट्र की संस्कृति, प्रथाओं और एकता को नष्ट करके लोगों की सोच पर विजय प्राप्त करते हैं। यह संघर्ष न केवल सीमाओं पर लड़ा जा रहा है, बल्कि बौद्धिक स्तर पर भी बड़ी मजबूती से लड़ा जा रहा है।
दिल्ली में संसद का अधिवेशन चल रहा है, लेकिन विरोधी पक्ष इसे चलने नहीं दे रहे हैं। अधिवेशन के पहले कुछ विदेशी संस्था-संघटन जो डीप स्टेट के लिए काम करती हैं कुछ ऐसें आरोप मढ देती हैं जिससे राहुल गांधी और उनके साथियों को संसद न चलने देने की वजह मिल जाती है। संदेह भी उत्पन्न होता है कि डीप स्टेट से उनके भी तो संबंध नहीं हैं? संसद ठीक से न चलने के कारण देश का आर्थिक नुकसान और विकास पर ब्रेक लग जाता है। इस बार भाजपा ने भी कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिनके बारे में सबको विचार करना होगा और कांग्रेस को तर्कसंगत स्पष्टीकरण देना होगा।
क्या है आरोप
भाजपा ने आरोप लगाया है कि सोनिया गांधी के जॉर्ज सोरोस के फाउंडेशन द्वारा वित्तपोषित संगठनों से संबंध हैं। सत्तारूढ़ पार्टी का दावा है कि इन संस्थाओं ने कश्मीर को एक अलग इकाई के रूप में मानने जैसे विवादास्पद रुख का समर्थन किया है। भाजपा ने दावा किया कि फोरम ऑफ डेमोक्रेटिक लीडर्स इन एशिया पैसिफिक (एफडीएल-एपी) फाउंडेशन की सह-अध्यक्ष के रूप में सोनिया गांधी की पिछली भूमिका, जिसने कथित तौर पर कश्मीर की स्वतंत्रता के पक्ष में विचार साझा किए थे, चिंता का विषय है। इसके अतिरिक्त, पार्टी ने घरेलू मामलों में विदेशी प्रभाव के सबूत के रूप में राजीव गांधी फाउंडेशन और सोरोस से जुड़े संगठनों के बीच साझेदारी की ओर इशारा किया। किरेन रिजिजू ने कहा, “हम संसद चलाना चाहते हैं। मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि कुछ मुद्दे राजनीति से प्रेरित हैं लेकिन अगर भारत से बाहर की शक्तियां भारत को चुनौती देने और भारत के खिलाफ लड़ने की कोशिश कर रही हैं तो यह गंभीर चिंता का विषय है।”
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने दावा किया कि कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और हंगेरियन-अमेरिकी व्यवसायी जॉर्ज सोरोस के बीच कथित संबंध एक “गंभीर” चिंता का विषय है। रिजिजू ने कहा कि ऐसे मामलों को “राजनीतिक चश्मे” से नहीं देखा जाना चाहिए और उन्होंने “भारत विरोधी ताकतों” के खिलाफ एकजुट मोर्चा बनाने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी कहा कि यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है जिसे मैं बिना राजनीति किए उठाना चाहता हूं। सोनिया गांधी और जॉर्ज सोरोस के बीच संबंध गंभीर हैं। हम इसे राजनीतिक रंग देकर नहीं देखना चाहते हैं।
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने इन कथित संबंधों के बारे में 10 सवालों के साथ कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से संसद में भिड़ने की योजना की घोषणा की। दुबे ने सोरोस और संगठित अपराध और भ्रष्टाचार रिपोर्टिंग परियोजना (OCCRP) पर विपक्षी नेताओं के साथ मिलकर भारत की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को बदनाम करने का आरोप लगाया। आरोप है कि राहुल गांधी की अडानी पर प्रेस कॉन्फ्रेंस का जॉर्ज सोरोस द्वारा वित्त पोषित OCCRP द्वारा सीधा प्रसारण किया गया, जिसका उपयोग राहुल गांधी ने अडानी की आलोचना करने के लिए एक स्रोत के रूप में किया। यह उनके मजबूत और खतरनाक संबंधों के अलावा और कुछ नहीं दिखाता है और भारतीय अर्थव्यवस्था को पटरी से उतारने के उनके प्रयासों को उजागर करता है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने 2009 के अपने ट्वीट में सार्वजनिक रूप से जॉर्ज सोरोस को अपना ‘पुराना दोस्त’ माना है। यह वास्तव में एक गंभीर बात है।
भारत जोड़ो यात्रा में भी डीप स्टेट
यह भी आरोप है कि सोरोस द्वारा वित्त पोषित ओपन सोसाइटी फाउंडेशन के उपाध्यक्ष सलिल शेट्टी ने भारत जोड़ो यात्रा में भाग लिया। एक अन्य थ्रेड के माध्यम से, भाजपा ने पहले अमेरिकी विदेश विभाग पर सत्तारूढ़ पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने के एजेंडे के पीछे होने का आरोप लगाया था। ओसीसीआरपी के वित्तपोषण का 50% सीधे अमेरिकी विदेश विभाग से आता है। ओसीसीआरपी ने डीप स्टेट एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए एक मीडिया टूल के रूप में काम किया है। एक पोस्ट में कहा गया कि डीप स्टेट का स्पष्ट उद्देश्य प्रधानमंत्री मोदी को निशाना बनाकर भारत को अस्थिर करना था। इसे प्राप्त करने के लिए, उन्होंने ओसीसीआरपी की ओर रुख किया, और संगठन को पीएम मोदी और भारत की छवि को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से सामग्री प्रदान करने का निर्देश दिया। इसके बाद कांग्रेस ने पीएम मोदी पर हमले शुरू करने, झूठे आख्यानों का प्रचार करने और संसद के कामकाज को बाधित करने के लिए इस सामग्री का फायदा उठाया। अमेरिकी डीप स्टेट हमेशा पर्दे के पीछे काम कर रहा था। उदाहरण के लिए, पिछले साल उज्बेकिस्तान की यात्रा के दौरान यूएसएआईडी (जो ओसीसीआरपी को फंड करता है) की प्रशासक सामंथा पावर भी उसी समय वहां मौजूद थीं। डीप स्टेट ने विनाश के अलावा कुछ नहीं किया है।
फ्रांसीसी अखबार का हवाला
भाजपा सांसदों संबित पात्रा और के. लक्ष्मण द्वारा आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए फ्रांसीसी अखबार मीडियापार्ट की एक रिपोर्ट का हवाला दिया। पात्रा ने आरोप लगाया कि जॉर्ज सोरोस की संगठित अपराध और भ्रष्टाचार रिपोर्टिंग परियोजना (ओसीसीआरपी), गांधी और मीडियापार्ट एक “खतरनाक त्रिकोण” के तीन पक्ष हैं।
देश के साथ विश्वासघात करने का आरोप
भाजपा नेता ने कुछ उदाहरणों का हवाला देते हुए राहुल गांधी पर देश के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान, जब भारत ने दो वैक्सीन विकसित की थीं और ‘वैक्सीन मैत्री’ पहल में लगा हुआ था, तब ब्राजील ने कोवैक्सिन के लिए ऑर्डर दिए थे। हालांकि, 1 जुलाई, 2021 को OCCRP ने एक लेख प्रकाशित किया जिसमें कहा गया कि ब्राजील ने 324 मिलियन डॉलर के कोवैक्सिन के अपने ऑर्डर को रद्द कर दिया है। पात्रा ने कहा, “यह भारत की छवि खराब करने की कोशिश थी… 2 जुलाई, 2021 को कांग्रेस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भारत सरकार और कोवैक्सिन पर हमला किया था।”
आरोप बड़े हैं। देश की शांति, एकता, संप्रभुता और संविधान को खतरा भी हो सकता है। संसद, सर्वोच्च न्यायालयीन व्यवस्था को इसका संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करनी चाहिए।
टिप्पणियाँ