तालिबान ने महिलाओं के लिए नर्सिंग की पढ़ाई की बंद : लोगों को डर “ अब कौन करेगा महिलाओं का इलाज..?”
July 15, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्व

तालिबान ने महिलाओं के लिए नर्सिंग की पढ़ाई की बंद : लोगों को डर “ अब कौन करेगा महिलाओं का इलाज..?”

"अफगानिस्तान में तालिबान ने नर्सिंग और दाई प्रशिक्षण केंद्रों को बंद कर महिलाओं की शिक्षा पर एक और रोक लगाई। क्रिकेटर राशिद खान और यूएन ने इस कदम की निंदा की।"

by सोनाली मिश्रा
Dec 6, 2024, 04:58 pm IST
in विश्व
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

अफगानिस्तान में महिलाओं के लिए तालिबान का एक और फरमान आया है। हालांकि इसे अभी तक आधिकारिक रूप से जारी नहीं किया है, मगर फिर भी ऐसा कहा जा रहा है कि तालिबान के सबसे बड़े नेता ने उन महिलाओं पर पाबंदी लगा दी है, जो नर्सिंग और दाई बनने के संस्थानों में पढ़ाई कर रही थीं।

हालांकि तालिबान ने लड़कियों की पढ़ाई पर पहले ही रोक लगा रखी है। कक्षा 6 के बाद लड़कियां स्कूल नहीं जा सकती हैं, मगर फिर भी कुछ ऐसे क्षेत्र थे, जहां पर लड़कियां अभी भी पढ़ाई कर पा रही थीं और चूंकि लड़कियां पुरुष डॉक्टर्स को नहीं दिखा सकती हैं, तो महिलाओं के लिए नर्सिंग और दाई के कार्य की पढ़ाई अभी कुछ निजी संस्थानों में चल रही थी, अब इसे भी बंद कर दिया गया है।

बीबीसी के अनुसार अफगानिस्तान के अलग-अलग पाँच संस्थानों ने यह पुष्टि की कि तालिबान ने उन्हें अगले नोटिस तक अपने संस्थानों को बंद करने का हुक्म दिया है। और इसके साथ ही सोशल मीडिया पर कई वीडियो साझा किये जा रहे हैं, जिनमें लड़कियां रो रही हैं।

जब कक्षा 6 से ऊपर की कक्षाओं के लिए लड़कियोंकी पढ़ाई तालिबान ने बंद की थी, तब यह कहा गया था कि जैसे ही मामलों का हल निकलता है, वैसे ही लड़कियों के लिए स्कूल खुल जाएंगे, मगर वह तो नहीं हुआ, बल्कि उसके स्थान पर हुआ यह कि कुछ ऐसे संस्थान, जहां पर लड़कियां जा सकती थीं और कुछ हासिल कर सकती थीं, वह भी उनसे छिन गया है।

लोगों को डर है कि इस फैसले से लड़कियों की सेहत पर प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि तालिबान द्वारा यह फरमान पहले ही जारी किया जा चुका हैकि जब तक महिलाओं के साथ कोई पुरुष अभिभावक नहीं होगा, तब तक कोई भी पुरुष चिकित्सक महिलाओं का इलाज नहीं कर सकता।

बीबीसी के अनुसार तीन महीने पहले बीबीसी तालिबान द्वारा चलाए जा रहे दाई प्रशिक्षण केंद्र में गया था और वहाँ पर कई लड़कियों से बात की थी, जो यह सीख रही थीं कि प्रसव कैसे कराना है। मगर उस समय भी कई लड़कियों ने यह आशंका जताई थी कि यह भी कहीं जल्दी बंद न हो जाए। और उनकी आशंका अब सच हो चुकी है। आंकड़ों की यदि बात की जाए तो 17,000 महिलाएं प्रशिक्षण ले रही थीं। अब उनका भविष्य क्या होगा, यह सब अनिश्चित है।

सोशल मीडिया पर कई वीडियो साझा किये जा रहे हैं। बीबीसी के अनुसार उसके साथ भी कई वीडियो साझा किये गए हैं। एक छात्रा वीडियो में कह रही है कि उन्हें केवल उनके बैग उठाने का ही समय दिया गया। उसका कहना था कि उन्हें बाहर खड़ा भी नहीं होने दिया गया, क्योंकि तालिबान कभी भी पहुँच सकते थे और कुछ भी हो सकता था।

ये प्रशिक्षण कार्यक्रम लड़कियों के लिए आशा का एकमात्र केंद्र थे, क्योंकि इनके सहारे से उन्हें बेरोजगारी से लड़ने में सहायता मिलती थी। मगर अब वे भी बंद कराए जा रहे हैं। प्रश्न यही है कि लड़कियों को लगातार धीरे-धीरे सार्वजनिक पटल से गायब किया जा रहा है और पूरा विश्व चुप रहकर देख रहा है। जो कट्टरपंथी इस्लामिक देश हैं, उनसे कोई अपेक्षा नहीं की जा सकती है, मगर न ही उदारवादी मुस्लिम देश और न ही वे संस्थाएं, वे देश महिलाओं के साथ हो रहे इस जघन्य अत्याचार पर कुछ बोल रहे हैं, जो महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ने में उस्ताद माने जाते हैं।

वहीं अफगानिस्तान के स्टार क्रिकेटर्स ने तालिबान से आग्रह किया है कि वे महिलाओं की शिक्षा पर लगी हुई पाबंदियाँ हटाएं। राशिद खान ने तालिबान से अपील करते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखा कि “तालीम का इस्लाम में बहुत बड़ा स्थान है और जो महिला और पुरुष दोनों ही के लिए ज्ञान की तलाश पर जोर देती है।“

उसके बाद आगे लिखा है कि अफगानिस्तान की बहनों और माओं के लिए शैक्षणिक और चिकित्सीय संस्थानों का बंद होना दुखद है, जो उनके ही नहीं बल्कि समाज के भविष्य को भी प्रभावित करेगा।

🤲🏻🤲🏻🇦🇫🇦🇫 pic.twitter.com/rYtNtNaw14

— Rashid Khan (@rashidkhan_19) December 4, 2024

वहीं तालिबान के इस फैसले की यूएन ने भी निंदा की है। अफ़गानिस्तान में मानवाधिकारों की स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र के विशेष Rapporteur – या स्वतंत्र विशेषज्ञ – रिचर्ड बेनेट ने प्रतिबंध को “अस्पष्ट और अनुचित” बताया।

Topics: महिला स्वास्थ्य सेवाएं अफगानिस्तानWomen's Healthcare Afghanistanतालिबान और महिलाओं के अधिकारअफगानिस्तान महिलाओं की शिक्षाTaliban and Women’s RightsAfghanistan Women Educationतालिबान नर्सिंग प्रतिबंधTaliban Nursing Banमहिला अधिकार अफगानिस्तानWomen Rights Afghanistanतालिबान दाई प्रशिक्षण केंद्र बंदTaliban Midwifery Training Ban
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

No Content Available

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना (दाएं) की बेटी हैं साइमा वाजेद (बाएं)

हसीना की बेटी साइमा को WHO ने ‘लंबी छुट्टी’ पर भेजा, विशेषज्ञों का मत-बांग्लादेश सरकार के प्रभाव में आया यह संगठन

‘सामाजिक समरसता वेदिका’ द्वारा संचालित सिलाई केंद्र में प्रशिक्षण प्राप्त करतीं लड़कियां

इदं न मम् : तेलंगाना में ‘सामाजिक समरसता वेदिका’ के प्रयासों से परिवर्तन से हुई प्रगति

नेपाल से भारत पर आतंकी खतरा! : सीमा पर बढ़ाई गई चौकसी, जैश और लश्कर की गतिविधियों पर कड़ी नजर

उत्तराखंड : सीएम धामी ने की केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री से मुलाकात, जल विद्युत परियोजनाओं के क्रियान्वयन का किया अनुरोध

भारतीय सेना का ‘CARAVAN TALKIES’ : ग्रामीण युवाओं को प्रेरित करने का अद्भुत अभियान

PHOTOS: अंतरिक्ष में 18 दिन रहने के बाद ड्रैगन कैप्सूल से धरती पर लौटे शुभांशु शुक्ला, 5 तस्वीरें देखिये

उत्तराखंड : PM मोदी से मिले सीएम धामी, उत्तराखंड के लिए मांगी सहायता

अंतरिक्ष से लौटा मां भारती का लाल : अब आइसोलेशन में रहेंगे शुभांशु शुक्ला, जानिए स्पेस री-एंट्री का पूरा प्रोसेस

यमन में केरल की नर्स निमिषा प्रिया की फांसी टली, 5 बिंदुओं में समझिये अब क्या होगा?

शुभांशु शुक्ला

18 दिन अंतरिक्ष में बिताकर लौटे Shubhanshu Shukla, देखिए धरती पर वापसी का वीडियो

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies