भुवनेश्वर । भारत और भारतीयता को केंद्र में रखकर प्रकाशित होने वाली पत्रिकाओं पाञ्चजन्य, ऑर्गनाइजर, और राष्ट्रदीप के पाठकों का एक विशेष सम्मेलन सरस्वती शिशु मंदिर, यूनिट 6, भुवनेश्वर में आयोजित हुआ। इस कार्यक्रम में इन पत्रिकाओं की महत्ता और उनके योगदान पर चर्चा की गई।
सम्मेलन में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित राष्ट्रदीप के संपादक चित्तरंजन महापात्र ने कहा कि इन पत्रिकाओं का उद्देश्य भारत को उसकी सही पहचान और दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करना है। कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, ओडिशा (पूर्व) प्रांत के प्रांत कुटुंब प्रवोधन प्रमुख बैकुंठनाथ साहू ने की।
भारत को सही रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास
चित्तरंजन महापात्र ने अपने संबोधन में कहा कि अनेक पत्र-पत्रिकाएं प्रकाशित होती हैं, लेकिन पाञ्चजन्य, ऑर्गनाइजर और राष्ट्रदीप में विशेष क्या है, यह जानने के लिए इनका अध्ययन करना जरूरी है। उन्होंने कहा- “इन पत्रिकाओं का उद्देश्य है भारत को जानना, भारत को अनुभव करना और भारत को सही रूप में स्थापित करना।”
उन्होंने यह भी बताया कि अंग्रेजों ने भारत को छोटे-छोटे राज्यों का समूह और एक पराजित देश के रूप में दिखाने का प्रयास किया। वेदों, उपनिषदों, और पुराणों को मिथक कहकर प्रचारित किया गया। इस दृष्टिकोण को स्थापित करने के लिए पिछले कई दशकों से साहित्य, शैक्षणिक संस्थानों और विदेशी पत्र-पत्रिकाओं के माध्यम से प्रचार किया गया।
महापात्र ने कहा कि इन पत्रिकाओं के माध्यम से भारतीय समाज को स्व का जागरण करने और असत्य आधारित विमर्शों का पर्दाफाश करने का अवसर मिलता है। उन्होंने स्वामी विवेकानंद का उल्लेख करते हुए कहा कि जब भारतीय समाज का बुद्धिजीवी वर्ग भारत का सही अध्ययन करेगा और इसे अनुभव करेगा, तभी भारत विश्वगुरु बनने की प्रक्रिया शुरू करेगा।
राष्ट्रीय विचारों को प्रसारित करने की आवश्यकता
महापात्र ने कहा कि राष्ट्रीय विचारों पर आधारित इन साप्ताहिक पत्रिकाओं की सामग्री न केवल सही दृष्टिकोण प्रदान करती है, बल्कि भारतीय समाज के उत्थान में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होंने पाठकों को इन पत्रिकाओं के लिए मार्गदर्शक बताते हुए उनके सुझावों को अमूल्य बताया।
सम्मेलन में पाठकों ने भी अपने विचार साझा किए। पाठक प्रदीप नायक, गणेश्वर शतपथी, और सुदाम चरण नायक ने पत्रिकाओं से जुड़े अपने अनुभव और विचार प्रस्तुत किए।
सांस्कृतिक कार्यक्रम और अतिथियों का सम्मान
कार्यक्रम की शुरुआत बनदुर्गा संस्कार केंद्र के छात्र-छात्राओं द्वारा प्रस्तुत स्वागत गीत और वंदेमातरम गायन से हुई। विजय केतन साहू ने उपस्थित अतिथियों का परिचय कराया, और नीलमणि महापात्र ने पाठक सम्मेलन के उद्देश्य पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर गोलक चंद्र दास, हिरणमय दास, मालती महापात्र, तापस जेना, दिलीप पति, अर्जुन चरण नायक, और राष्ट्रदीप के प्रबंधक ज्योति प्रकाश मिश्र सहित कई अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।
इस कार्यक्रम ने पाञ्चजन्य, ऑर्गनाइजर, और राष्ट्रदीप जैसी पत्रिकाओं के महत्व को रेखांकित किया और यह बताया कि भारत को सही परिप्रेक्ष्य में प्रस्तुत करने के लिए इनका अध्ययन और प्रसार क्यों जरूरी है। सम्मेलन ने पाठकों और समाज के बीच राष्ट्रीय विचारों को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई।
टिप्पणियाँ