भोपाल । बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के विरोध में भोपाल के भारत माता चौराहे पर सकल हिंदू समाज द्वारा विराट प्रदर्शन आयोजित किया गया। इस विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में हिंदू समाज के लोग और संत शामिल हुए। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे कट्टरपंथियों के अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाना था।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों की स्थिति को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भारत में हिंदू बहुसंख्यक होने के कारण लोकतंत्र सुरक्षित है, लेकिन बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे अत्याचार गंभीर समस्या है।
अश्विनी उपाध्याय ने उठाया डेमोग्राफी बदलने का मुद्दा उठाया
अश्विनी उपाध्याय ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदू डॉक्टर, शिक्षक, जज, पुलिस अधिकारी, और अन्य पदाधिकारियों को जबरन इस्तीफा देने पर मजबूर किया जा रहा है। वहां उनकी संपत्तियों को लूटा जा रहा है, महिलाओं पर अमानवीय अत्याचार किए जा रहे हैं और धर्मांतरण की घटनाएं बढ़ रही हैं।
उन्होंने कहा- “आज बांग्लादेश में जो नफरत की आग जल रही है, उसे बुझाना जरूरी है। मैंने सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है, जिसमें हेट स्पीच पर सख्त कानून बनाने और मजहबी किताबों की समीक्षा की मांग की है।”
अश्विनी उपाध्याय ने भारत में चल रहे कन्वर्जन, लव जिहाद, लैंड जिहाद और ड्रग जिहाद पर भी चिंता व्यक्त की और सरकार से इस पर सख्त कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा- “भारत में 6 करोड़ घुसपैठिए हमारी एकता और अखंडता के लिए खतरा हैं। देश के 9 राज्यों की डेमोग्राफी बदल चुकी है, और यह गंभीर समस्या है।”
विराट रैली और ज्ञापन सौंपा गया
प्रदर्शन के बाद सकल हिंदू समाज ने भारत माता चौराहे से रोशनपुरा चौराहे तक तीन किमी लंबी रैली निकाली। रैली में हजारों लोग शामिल हुए, जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं, व्यापारी, और समाज के विभिन्न वर्ग के लोग मौजूद रहे।
रैली के समापन पर भोपाल कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्रा को महामहिम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में बांग्लादेश सरकार से यह सुनिश्चित करने की मांग की गई कि-
- बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार तत्काल बंद हों।
- इस्कॉन के संत चिन्मय कृष्ण दास को जेल से रिहा किया जाए।
- भारत सरकार बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाए और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समर्थन जुटाए।
भोपाल के व्यापारियों ने भी दिया समर्थन
प्रदर्शन के दौरान भोपाल के व्यापारियों ने स्वेच्छा से अपने बाजार आधे दिन तक बंद रखे। कृषि उपज मंडी में भी अनाज की खरीदारी पूरी तरह से बंद रही। यह विरोध प्रदर्शन भोपाल में एकजुटता का प्रतीक बना और बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ बड़ी संख्या में समर्थन जुटा।
मंच पर प्रमुख संत और गणमान्य लोग
इस प्रदर्शन में देशभर के प्रमुख संत और समाज के प्रतिष्ठित लोग शामिल हुए, जिनमें शामिल हैं-
- महामंडलेश्वर रामप्रवेश दास जी महाराज
- स्वामी अलीनानंद जी महाराज
- महंत राधा मोहनदास जी महाराज
- महायोगी महंत श्री लोकनाथ जी महाराज
- महामंडलेश्वर रामभूषण दास जी महाराज
- महंत तुलसीदास जी महाराज (खतलापुरा सरकार)
- स्वामी पुरषोत्तम आनंद जी महाराज
- महंत सुरेंद्र गिरी जी महाराज
- साथ ही, कई सामाजिक और राजनीतिक संगठन के प्रतिनिधियों ने भी मंच पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
भोपाल का यह विराट प्रदर्शन बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ एक मजबूत आवाज बना। यह केवल एक विरोध प्रदर्शन नहीं, बल्कि एक संदेश था कि हिंदू समाज न केवल भारत में बल्कि विश्वभर में अल्पसंख्यकों की रक्षा के लिए एकजुट है। प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाए जाएं और भारत सरकार इस मामले में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रभावी भूमिका निभाए।
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