नई दिल्ली । कुख्यात आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (ISIS) के इंडिया प्रमुख साकिब नाचन ने केंद्र सरकार द्वारा ISIS को आतंकी संगठन घोषित करने की अधिसूचना को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। साकिब, जो पहले से ही कई आतंकी घटनाओं में शामिल रहा है, इस समय तिहाड़ जेल में बंद है।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्य कांत और उज्ज्वल भुइयां की बेंच के सामने साकिब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुआ। कोर्ट ने उसे सलाह दी कि वह अदालत द्वारा नियुक्त वकील एमिकस क्यूरी की मदद से अपना पक्ष रखे। साकिब ने इस पर सहमति जताई, जिसके बाद सुनवाई को स्थगित कर दिया गया।
साकिब का आतंकी इतिहास
साकिब नाचन का आतंकी इतिहास बेहद गंभीर है।
- वह पहले सिमी (स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया) का पदाधिकारी रह चुका है।
- 2002-2003 में मुंबई के विले पार्ले, मुलुंड, और सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर बम धमाकों में शामिल था। इन घटनाओं में कई निर्दोष लोगों की जान गई थी।
- 2017 में सजा पूरी करने के बाद उसने दोबारा कट्टरपंथी गतिविधियों में शामिल होना शुरू कर दिया।ISIS से जुड़ाव
साकिब पर आरोप है कि वह मुस्लिम युवाओं को ISIS में भर्ती कर रहा था। - उसने महाराष्ट्र के ठाणे जिले में एक गांव को “अल शाम” यानी इस्लामिक शासन वाला क्षेत्र घोषित कर दिया था।
- उसकी योजना भारत में आतंकी हमले करने और इस्लामिक शासन स्थापित करने की थी।सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की कार्रवाई
साकिब की गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए भारत सरकार और सुरक्षा एजेंसियों ने सख्त कदम उठाए हैं। - ISIS को आतंकी संगठन घोषित किया गया।
- साकिब की गिरफ्तारी के बाद उसके नेटवर्क की जांच की जा रही है।
- सुरक्षा एजेंसियां यह सुनिश्चित कर रही हैं कि युवाओं को कट्टरपंथी गतिविधियों से दूर रखा जाए।
साकिब नाचन का मामला भारत में आतंकी संगठनों की बढ़ती गतिविधियों और उनके खिलाफ उठाए गए कड़े कदमों का प्रतीक है। सरकार और सुरक्षा एजेंसियों ने इस मामले को गंभीरता से लिया है, और यह कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
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