उत्तराखंड

उत्तराखंड: पुलिस प्रशासन ने नहीं उतारे मस्जिदों से लाउडस्पीकर, सुप्रीम कोर्ट-हाई कोर्ट के निर्देशों का उड़ा मखौल

Published by
दिनेश मानसेरा

देहरादून: राजधानी देहरादून में एक बार फिर मस्जिदों की ऊंची मीनारों पर लगे ध्वनि विस्तारक यंत्रों से अजान की तेज आवाजें सुनाई देने लगी है। जबकि, सुप्रीम कोर्ट और उसके बाद हाई कोर्ट के स्पष्ट निर्देश है कि किसी भी धार्मिक स्थल से ऐसे तेज आवाजें न आए जिससे आम लोगों को परेशानी पैदा हो रही है। कोर्ट के आदेशों के बाद भी पुलिस प्रशासन ने अभी तक लाउड स्पीकर नहीं उतारे हैं।

पिछले सितंबर माह में देहरादून निवासी पान सिंह रावत की एक जनहित याचिका पर पुनः सुनवाई करते हुए नैनीताल हाई कोर्ट ने देहरादून जिला प्रशासन से नवादा कुलथा की मस्जिद से ध्वनि विस्तारक यंत्र उतारे जाने के लिए निर्देशित किया था। उसी के मद्देनजर कुछ स्थानों पर लाउडस्पीकर उतारे भी गए किंतु एक माह बाद ही फिर से तेज आवाज के स्पीकर लगा दिए गए।

हाई कोर्ट ने 2023 मार्च को दिए आदेश के अनुपालन नहीं करने पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने उत्तराखंड के सभी डीएम, एसएसपी और उच्च प्रशासनिक अधिकारियों से नाराजगी जाहिर करते हुए मस्जिद और अन्य धार्मिक स्थलों से लाउड स्पीकर उतारे जाने के लिए निर्देशित किया हुआ है, ये निर्देश सुप्रीम कोर्ट का भी है। कोर्ट ने पांच डिसेबल से अधिक आवाज न होने देने की भी हिदायत दी हुई है, परन्तु कुछ धार्मिक स्थल इसका पालन नहीं कर रहे हैं।

सितंबर माह में हाई कोर्ट ने उत्तराखंड राज्य में अगले चार माह में सभी धार्मिक स्थलों से लाउड स्पीकर उतारे जाने के लिए निर्देशित किया था। इस मामले में शासन प्रशासन कुछ समय के लिए एक अभियान चलाता फिर खामोश हो जाता है, जिसकी वजह से पुनः धार्मिक स्थलों से तेज आवाजें आने लगती है खास तौर पर मस्जिदों की अजान लोगों की नींद में और विद्यार्थियों की पढ़ाई में खलल डाल रही है।

हल्द्वानी, भवाली, भीमताल, देहरादून, हरिद्वार, रुड़की, विकासनगर, सेलाकुई, उधम सिंह नगर, किच्छा, सितारगंज, जसपुर, काशीपुर आदि शहरों में सुबह तड़के और देर रात्रि में भी अजान की तेज आवाजें गूंज रही हैं।

 

Share
Leave a Comment