बांग्लादेश में कट्टरपंथियों का आतंक : महिला पत्रकार को घेरकर टूट पड़ी इस्लामिक भीड़, इंडियन एजेंट बताकर बनाया बंधक
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बांग्लादेश में कट्टरपंथियों का आतंक : महिला पत्रकार को घेरकर टूट पड़ी इस्लामिक भीड़, इंडियन एजेंट बताकर बनाया बंधक

बांग्लादेश की राजधानी ढाका में महिला पत्रकार मुन्नी साहा को भीड़ ने घेरा, पुलिस ने बचाया, जानिए पूरी कहानी

by SHIVAM DIXIT
Dec 1, 2024, 09:12 pm IST
in भारत, विश्व
munni saha dhaka journalist attack
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बांग्लादेश की राजधानी ढाका में शनिवार को एक महिला पत्रकार मुन्नी साहा के साथ बेहद चिंताजनक घटना घटी। कवारन बाजार इलाके में इस्लामिक कट्टरपंथी भीड़ ने उन्हें घेर लिया और कुछ समय के लिए बंधक बनाकर रखा। इसके बाद किसी तरह से पुलिस को हस्तक्षेप कर उन्हें भीड़ के बीच से बचाना पड़ा।

क्या हुआ था.?

मुन्नी साहा, जो टीवी मीडिया की प्रतिष्ठित हस्तियों में से एक हैं, कवारन बाजार स्थित एक मीडिया कंपनी के कार्यालय से बाहर निकल रही थीं। उसी समय, भीड़ ने उनकी कार को घेर लिया और उन पर भारतीय एजेंट और अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना का समर्थक होने का आरोप लगाया।

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भीड़ ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया और उनके खिलाफ नारे लगाए। हालात बिगड़ने पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने मौके पर पहुंचकर उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला। साहा को भीड़ से बचाने के बाद पहले तेजगांव पुलिस स्टेशन और फिर ढाका मेट्रोपॉलिटन डिटेक्टिव ब्रांच कार्यालय ले जाया गया।

अटकलों और पुलिस का बयान

इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर यह अफवाहें फैलने लगीं कि मुन्नी साहा को गिरफ्तार कर लिया गया है। हालांकि, पुलिस ने स्पष्ट किया कि उन्हें हिरासत में नहीं लिया गया था, बल्कि सुरक्षा कारणों से डिटेक्टिव ब्रांच कार्यालय ले जाया गया था।

एक पुलिस अधिकारी ने कहा-

“मुन्नी साहा को भीड़ ने घेर लिया था। उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उन्हें डिटेक्टिव ब्रांच कार्यालय ले जाया गया। उन्हें किसी प्रकार की हिरासत में नहीं रखा गया।” रविवार सुबह उन्हें पुलिस ने रिहा कर दिया।

स्वास्थ्य संबंधी परेशानी और कानूनी मामलों का जिक्र

मुन्नी साहा ने बाद में बताया कि जब भीड़ ने उन्हें घेर रखा था, तो उन्हें पैनिक अटैक आया और उनकी तबीयत खराब हो गई। पुलिस के अनुसार, साहा चार मामलों में आरोपी हैं। उन्हें अदालत में पेश होकर जमानत लेनी होगी और भविष्य के समनों का पालन करना होगा।

पत्रकारों के खिलाफ बढ़ती हिंसा

बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के पतन के बाद पत्रकारों के खिलाफ हिंसा और कानूनी कार्रवाई की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं।

  • मान्यता रद्द
    नोबेल विजेता मुहम्मद यूनुस की नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने कई पत्रकारों की मान्यता रद्द कर दी है।
  • कानूनी कार्रवाई
    कई पत्रकारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई हैं, जिससे मीडिया की स्वतंत्रता पर सवाल उठ रहे हैं।
  • विरोध प्रदर्शन
    हाल के दिनों में प्रोथोम आलो और डेली स्टार जैसे प्रमुख समाचार पत्रों के कार्यालयों के बाहर विरोध प्रदर्शन और नाराजगी के मामले देखे गए हैं।

पुलिस की चुप्पी पर सवाल

मुन्नी साहा के खिलाफ प्रदर्शन करने वाली भीड़ पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है। यह चुप्पी और भीड़ की हरकतों पर नियंत्रण न होने से बांग्लादेश में पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।

बांग्लादेश में मीडिया की स्थिति

बांग्लादेश में पत्रकारों को लगातार आलोचना, पक्षपात के आरोप और कानूनी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हसीना सरकार के पतन के बाद इन घटनाओं में तेजी आई है, जो देश में मीडिया की स्वतंत्रता के लिए खतरे की घंटी है। यह घटना न केवल मुन्नी साहा की व्यक्तिगत सुरक्षा पर सवाल उठाती है, बल्कि बांग्लादेश में पत्रकारों की स्वतंत्रता और सुरक्षा की गिरती स्थिति को भी उजागर करती है।

Topics: शेख हसीना समर्थक विवादबांग्लादेश मीडिया की स्थितिMunni Saha Dhaka journalist attackBangladesh journalist harassmentMedia freedom in BangladeshSheikh Hasina supporter controversyAnti-journalist violence in Bangladeshबांग्लादेश महिला पत्रकार पर हमलामुन्नी साहा ढाका घटनाबांग्लादेश पत्रकार विरोधी हिंसा
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