ईरान में मुस्लिम कट्टरपंथ, शरिया और मजहबी कट्टरता का शिकार वहां की महिलाओं और लड़कियों को बनना पड़ रहा है। हिजाब और मॉरल पुलिसिंग के कारण के ईरान के स्कूलों, कॉलेजों में पढ़ने वाली छात्राएं मानसिक प्रताड़ना का सामना कर रही हैं। इसका असर ये हो रहा है कि जो भी छात्रा इस दबाव को झेल नहीं पाती है वो खुदकुशी कर रहीं हैं। जिसके कारण अचानक से ईरान में आत्महत्या के आंकड़े बढ़ गए हैं। इस बात का दावा ईऱानी शिक्षक संघ ने किया है।
ईरान इंटरनेशनल के मुताबिक, ईरानी शिक्षक संघों की समन्वय समिति (CCITTA) ने इसको लेकर एक बयान जारी किया। इसमें शिक्षक संघ ने आरोप लगाया कि हाल ही में एक लड़की द्वारा की गई आत्महत्या दोषपूर्ण नियमों, शिक्षा क्षेत्र के अंदर प्रणालीगत दबावों इस्लामी विचारों को जबरन थोपे जाने और स्कूलों में तेजी से बढ़ रहे मानसिक दबावों के कारण हुई है। इसके लिए अधिकारियों की उपेक्षा भी जिम्मेदार है।
दरअसल, हाल ही में 16 साल की नाबालिग छात्रा सोगंद जमानपुर ने दक्षिण-पश्चिमी ईरान में स्थित सुलेमान मस्जिद के अंदर आत्महत्या कर ली थी। ये घटना कोई पुरानी नहीं, बल्कि नवंबर की ही है। उससे पहले नवंबर की शुरुआत में ही फार्स प्रांत के काजेरुन में आयनाज करीमी नाम की युवती ने भी आत्महत्या कर ली थी।
नेल पॉलिस लगाने पर प्रताड़ना
आयनाज करीमी को लेकर CCITTA का कहना है कि वो नेल पॉलिस औऱ बाल रंगाकर स्कूल चली गई थी, जिसके कारण स्कूल के प्रिंसिपल ने उसे खूब प्रताड़ित किया। बाद में उसे स्कूल से बाहर भी निकाल दिया गया। इस अपमान को वो झेल न सकी और उसने आत्महत्या कर ली। ये स्कूलों में भी दमनकारी शैक्षिक वातावरण को दिखाता है।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले तेहरान में 16 वर्षीय अफगान-ईरानी लड़की अरेजू की गलती ये थी कि वो जींस पहनकर स्कूल चली गई थी, जिसके बाद उसके स्कूल प्रिंसिपल ने उसे भी प्रताड़ित किया औऱ अंतत: उसने आतम्हत्या कर ली। ईरान में हिजाब की अनिवार्यता के कारण ही 2022 में महसा अमिनी को गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके बाद अंत में पुलिस की ही हिरासत में संदिग्ध परिस्थितियों में उसकी मौत हो गई।
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ईरानी सरकार को नहीं पड़ता फर्क
ईरान में लड़कियों को लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है और इसके कारण वो आत्महत्या कर रही हैं। लेकिन ईरान की इस्लामी सरकार को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। इसी माह दिसंबर में ईरान की संसद में हिजाब और शुद्धता कानून को नए तरीके से पेश किए जाने की तैयारियां की जा रही हैं। नए प्रस्तावों के तहत हिजाब नियमों का उल्लंघन करने पर नए जुर्माने लगाए जा सकते हैं।
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