विश्व

हिंदुओं के आंदोलन को कुचलने का नया प्रयास : बांग्लादेश की कट्टरपंथी यूनुस सरकार ने फ्रीज कराए बैंक खाते

Published by
SHIVAM DIXIT

बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के आंदोलन को दबाने के लिए सरकार ने कड़ा कदम उठाते हुए इस्कॉन के पूर्व प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास समेत 17 हिंदू नेताओं और व्यापारियों के बैंक खातों को फ्रीज कर दिया है। सरकार ने इन खातों से 30 दिनों के लिए सभी लेन-देन पर रोक लगा दी है। कहने को तो निर्णय बांग्लादेश बैंक की वित्तीय खुफिया इकाई (BFIU) के निर्देश पर लिया गया। लेकिन इसके पीछे यूनुस के नेतृत्व में चाल रही अंतरिम सरकार की आन्दोलन को कुचलने की मंशा छुपी हुई है।

क्या है मामला?

चिन्मय कृष्ण दास पर आरोप है कि उन्होंने एक हिंदू रैली के दौरान बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया। इसके बाद उन पर चटगांव में देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया। उसके बाद दास को ढाका एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया, वहीं अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया। चिन्मय कृष्ण दास, जो बांग्लादेश में हिंदू जागरण के प्रमुख चेहरे हैं, उनकी गिरफ्तारी से हिंदू समुदाय में रोष है।

बांग्लादेश में हिंदुओं पर बढ़ता दबाव

बता दें कि 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान बांग्लादेश की आबादी में हिंदू समुदाय का हिस्सा 22 प्रतिशत था, जो आज घटकर मात्र 8 प्रतिशत रह गया है। यह आंकड़े बताते हैं कि अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के लिए बांग्लादेश में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। जिनके पीछे जबरन कन्वर्जन, मजहबी उत्पीड़न, संपत्ति पर जबरन कब्जा और हिन्दू मंदिरों व देव स्थानों पर लगातार हो रहे हमले शामिल हैं।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिक्रिया

भारत ने चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी और बैंक खातों को फ्रीज किए जाने पर कड़ी आपत्ति जताई है। भारत ने बांग्लादेश सरकार से हिंदू समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है। वहीं, शेख हसीना ने भी हिंदू पुजारी की गिरफ्तारी और झड़प में वकील की मौत की निंदा की है।

यूनुस सरकार का नया हथकंडा?

बांग्लादेश में हिंदू आंदोलनों को कुचलने के लिए सरकार के इस कदम को आलोचक दमनकारी नीति करार दे रहे हैं। बैंक खातों को फ्रीज करना और हिंदू नेताओं को गिरफ्तार करना अल्पसंख्यक समुदाय को आर्थिक और सामाजिक रूप से कमजोर करने की रणनीति है। हिंदुत्तवनिष्ठ संगठनों का आरोप है कि यह कदम उन्हें डराने और दबाने की कोशिश है। उनके अनुसार, सरकार धार्मिक आजादी के अधिकारों का उल्लंघन कर रही है।

संयुक्त राष्ट्र ले एक्शन 

बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर बढ़ते हमले और उनके खिलाफ हो रही दमनकारी कार्रवाइयां अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए चिंता का विषय हैं। अब समय आ गया है कि संयुक्त राष्ट्र को बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और धार्मिक सौहार्द बनाए रखने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।

Share
Leave a Comment

Recent News