भारत को एक बार फिर से संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना आयोग (Peacebuilding Commission – PBC) का सदस्य चुना गया है। 2025-2026 के कार्यकाल के लिए भारत का निर्वाचन वैश्विक शांति और स्थिरता के प्रति भारत की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। वर्तमान में भारत का कार्यकाल 31 दिसंबर को समाप्त हो रहा था, लेकिन सदस्य देशों ने सर्वसम्मति से भारत को दोबारा इस महत्वपूर्ण भूमिका के लिए चुना। बता दें कि भारत संयुक्त राष्ट्र शांति सेना में लंबे समय से योगदान देता आ रहा है और इसके संस्थापक सदस्य होने के नाते इस आयोग में उसकी भूमिका विशेष महत्व रखती है।
भारत का योगदान : वैश्विक शांति के लिए समर्पण
संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना अभियानों में भारत की भूमिका ऐतिहासिक और प्रेरणादायक रही है। वर्तमान में, भारत के लगभग 6,000 सैन्य और पुलिसकर्मी विभिन्न संघर्षग्रस्त क्षेत्रों में तैनात हैं।
तैनाती के प्रमुख क्षेत्र-
भारत के सैनिकों का सर्वोच्च बलिदान
शांति अभियानों के दौरान भारत के 180 शांति सैनिकों ने अपने प्राणों की आहुति दी है, जो किसी भी देश के मुकाबले सबसे अधिक है। यह भारत की प्रतिबद्धता और बलिदान का प्रतीक है।
क्या है संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना आयोग
संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना आयोग में 31 सदस्य देश होते हैं। ये महासभा, सुरक्षा परिषद और आर्थिक एवं सामाजिक परिषद द्वारा चुने जाते हैं। जिसमें में शीर्ष वित्तीय योगदान देने वाले देश शामिल होतें हैं।
भारत की प्राथमिकताएं
भारत, शांति स्थापना अभियानों में सैन्य और पुलिस बलों का सबसे बड़ा योगदानकर्ता होने के नाते, आयोग में अपनी भूमिका को बखूबी निभा रहा है। लेकिन इस बार भारत की प्राथमिकताओं में वैश्विक शांति को बढ़ावा देना, संघर्षग्रस्त क्षेत्रों में स्थिरता और शांति बहाल करना। सैन्य और वित्तीय योगदान देकर अन्य सदस्य देशों के साथ मिलकर बेहतर सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करना। युवाओं और महिलाओं को सशक्त बनाना एवं शांति प्रक्रिया में उनकी भूमिका को बढ़ावा देना। द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करना और सदस्य देशों के साथ कूटनीतिक और रणनीतिक संबंधों को गहरा करना शामिल रहेगा
भारत के लिए यह उपलब्धि क्यों महत्वपूर्ण है..?
यह भारत की कूटनीतिक शक्ति और अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रभाव को दर्शाता है। भारत की भूमिका विश्व शांति स्थापित करने में अहम है।यह भारत की विश्वसनीयता और उसके मूल्यों का प्रमाण है।
भारत का संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना आयोग में पुनर्निर्वाचन न केवल देश के लिए गर्व का विषय है, बल्कि यह विश्व शांति में उसकी महत्वपूर्ण भूमिका को भी रेखांकित करता है। भारत ने हमेशा शांति, स्थिरता और समावेशिता को प्राथमिकता दी है, और यह भूमिका इसे वैश्विक मंच पर और मजबूती से स्थापित करेगी।
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