संभल जिले के जामा मस्जिद बनाम हरिहर मंदिर विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अहम सुनवाई की। यह मामला मस्जिद कमेटी द्वारा निचली अदालत के सर्वेक्षण आदेश को चुनौती देने से जुड़ा है। सुप्रीम कोर्ट ने इस विवाद पर सख्त टिप्पणी करते हुए स्पष्ट निर्देश दिया कि निचली अदालत इस मामले में फिलहाल कोई एक्शन न ले।
संभल में जामा मस्जिद बनाम हरिहर मंदिर विवाद को लेकर निचली अदालत ने मस्जिद का सर्वेक्षण कराने का आदेश दिया था। मस्जिद समिति ने आरोप लगाया कि सर्वेक्षण का आदेश उसी दिन जारी किया गया, जब याचिका दाखिल की गई थी। आदेश के अनुसार सर्वेक्षण 19 नवंबर की शाम 6 बजे से 8:30 बजे तक किया गया।
मस्जिद पक्ष के अनुसार, 23 नवंबर की आधी रात को सूचना मिली कि सर्वेक्षण अगले दिन सुबह 6 बजे किया जाएगा। 24 नवंबर को सुबह मस्जिद में नमाज के लिए एकत्रित लोगों को हटाने का आदेश दिया गया और सर्वेक्षण टीम ने मस्जिद में कार्यवाही शुरू कर दी।
मस्जिद पक्ष की याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की खंडपीठ ने कहा कि जब तक मस्जिद समिति की याचिका हाईकोर्ट में सूचीबद्ध नहीं होती, निचली अदालत इस मामले में कोई कदम न उठाए।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि सर्वेक्षण रिपोर्ट को सीलबंद लिफाफे में रखा जाए और न खोला जाए। अदालत ने उत्तर प्रदेश प्रशासन को स्पष्ट निर्देश दिए कि संभल में शांति और सद्भाव बनाए रखा जाए।
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