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महाकुंभ की महातैयारी

हर 12 वर्ष में लगने वाला महाकुंभ दुनिया का ऐसा आयोजन है जिसमें करोड़ों लोग बिना किसी आमंत्रण के अपनी आस्था-श्रद्धा से पहुंचते हैं। इस बार कुंभ में 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान

by सुनील राय
Nov 27, 2024, 12:16 pm IST
in विश्लेषण, उत्तर प्रदेश
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प्रयागराज में महाकुंभ की तैयारियां युद्ध स्तर पर चल रही हैं। मौनी अमावस्या जिसे कुंभ दिवस भी कहा जाता है, के दिन जहां भी कुंभ लगता है, वह दुनिया का सबसे बड़ी आबादी वाला शहर बन जाता है। वर्ष 2025 के जनवरी माह से शुरू होने वाले इस मेले को 4 हजार हेक्टेयर में बसाया जाएगा। अनुमान है कि इस बार 40 से 45 करोड़ श्रद्धालु संगम में डुबकी लगायेंगे।

मेला प्रशासन ने तय किया है कि इस बार के मेले में कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं सोेएगा। इस कारण 2 लाख राशन कार्ड बनाने का लक्ष्य रखा गया है। पूरे मेला क्षेत्र में राशन की 160 दुकानें आवंटित की जाएंगी। वहीं प्रयागराज जनपद की सीमा में मांस-मदिरा की बिक्री पर रोक रहेगी। मेला क्षेत्र में नगर निगम, स्वास्थ्य विभाग, विकास प्राधिकरण, जल शक्ति, ऊर्जा, जल निगम, लोक निर्माण विभाग, पर्यटन एवं परिवहन समेत अन्य विभाग गंगा तट के निर्जन स्थान पर मेला स्थली बसाने में जुटे हुए हैं।

मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को इधर-उधर भटकना न पड़े, इसलिए ‘महाकुंभ मेला 2025’ एप लॉन्च किया गया है। इस एप पर घाटों और मंदिरों की लोकेशन के साथ-साथ प्रयागराज के प्रमुख धार्मिक स्थलों का विवरण भी उपलब्ध कराया गया है। प्रयागराज के घाटों और धार्मिक स्थलों के सौंदर्यीकरण का कार्य प्रगति पर है। सड़क चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण के कार्य तेजी से किए जा रहे हैं।

शहर की प्रमुख सड़कों का चौड़ीकरण 30 नवंबर तक पूरा किया जाना है। मेला क्षेत्र में पांटून पुल बनाने का कार्य शुरू हो चुका है। इस बार के मेले के प्रमुख आकर्षणों में शामिल हनुमान मंदिर कॉरिडोर का कार्य 10 दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके साथ ही समस्त धार्मिक पर्यटन स्थलों के आसपास भी रोजगार के नए स्रोत विकसित किए जायेंगे।

लोगों को मिलेगा रोजगार

संगम पर नाविक इस बार ‘रिवर गाइड’ की भूमिका निभायेंगे। पर्यटन विभाग 2 हजार नाविकों को इसका प्रशिक्षण दे रहा है। इसी के साथ ही एक हजार टूर गाइड भी मेले में सक्रिय रहेंगे। पर्यटन विभाग 600 स्ट्रीट वेंडर्स और 600 चालकों को भी प्रशिक्षित कर रहा है। इस प्रशिक्षण से 45 हजार से अधिक परिवारों को रोजगार मिलेगा। श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुविधा को देखते हुए कुंभ मेले में कार्यरत ड्राइवर, नाविक, गाइड और ठेला संचालकों को विशेष तरह के ट्रैक सूट पहनाने की योजना बनाई गई है। इस ट्रैक सूट से इन्हें पहचानना आसान हो जाएगा।

मेले के दौरान इलाहाबाद संग्रहालय, कलश से टपकती अमृत बूंद के दृश्य को प्रतिकृति के रूप में प्रदर्शित करेगा। इसके साथ ही इलाहाबाद संग्रहालय ने ऐसी वीथिका का निर्माण किया है, जहा 1857 से लेकर 1947 तक सभी प्रमुख क्रांतिकारियों की गाथा का प्रदर्शन किया गया है। महाकुंभ के दौरान एक ऐसी प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद की पिस्टल की प्रतिकृति का भी प्रदर्शन किया जाएगा। इसके अलावा संग्रहालय में मौजूद कई प्राचीन हथियारों की प्रतिकृतियां भी देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को आकर्षित करेंगी।

परियोजनाएं जल्द हो जाएंगी पूरी

प्रयागराज में मंदिरों के जीर्णोद्धार का कार्य अब अंतिम चरण में है। ऐसी कुल 19 परियोजनाओं में से 17 परियोजनाएं लगभग पूरी होने वाली हैं और शेष 2 परियोजनाएं 30 नवंबर तक पूर्ण हो जाएंगी। मंदिर कॉरिडोर और जीर्णोद्धार से संबंधित कुल 15 परियोजनाएं ऐसी हैं, जिस पर पर्यटन विभाग कार्य कर रहा है। भारद्वाज कॉरिडोर, मनकामेश्वर मंदिर कॉरिडोर, द्वादश माधव मंदिर, पड़िला महादेव मंदिर, अलोपशंकरी मंदिर समेत 9 अन्य मंदिरों का जीर्णोद्धार लगभग पूर्ण पूरा हो चुका है जबकि एक परियोजना 30 नवंबर तक पूर्ण होगी।

गूगल से समझौता

गूगल और महाकुंभ मेला प्राधिकरण के बीच विशेष नेवीगेशन को लेकर एक करार किया गया है। इस के अनुसार, गूगल महाकुंभ के लिए विशेष नेविगेशन तैयार करेगा, जिसकी मदद से श्रद्धालु मेला क्षेत्र में अखाड़ों और साधु-संतों की लोकेशन को ट्रैक कर वहां तक आसानी से पहुंच सकेंगे। अपर मेलाधिकारी विवेक चतुर्वेदी ने बताया कि ‘गूगल ने आज तक किसी अस्थायी कार्यक्रम के लिए नेविगेशन की अनुमति नहीं दी है। यह पहली बार है कि गूगल ने महाकुंभ की भव्यता और यहां पर पहुंचने वाले लोगों की संख्या को देखते हुए महाकुंभ मेला क्षेत्र को अपने नेविगेशन मैप में शामिल किया है।’

चलेंगी विशेष रेल

इस बार रेलवे का अनुमान है कि महाकुंभ में लगभग 10 करोड़ लोग ट्रेन से प्रयागराज पहुंचेंगे। महाकुंभ में रेलवे 992 मेला स्पेशल ट्रेन चलाएगा। मौनी अमावस्या के अवसर पर 300 से अधिक मेला स्पेशल ट्रेन संचालित की जाएंगी। महाकुंभ मेले के दौरान रेलवे स्टेशनों पर 650 सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। महाकुंभ में पहली बार आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस यानी एआई तकनीक से चेहरा पहचान लेने वाले 100 कैमरे लगाए जाएंगे। रेलवे के जन संपर्क अधिकारी अमित मालवीय ने बताया कि ‘प्रयागराज के सभी मुख्य स्टेशनों पर ट्रेनों के बहुभाषीय उद्घोषक की व्यवस्था की जा रही है। मेले में देश के विभिन्न प्रान्तों से लोग आते हैं इसलिए हिंदी और अंग्रेजी भाषा के साथ 10 अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में उद्घोषक तैनात किये जा रहे हैं। मेले के दौरान रेलवे स्टेशन पर कन्नड़, तमिल, गुजराती, मराठी, तेलुगु, मलयालम, बांग्ला, असमिया पंजाबी और ओड़िया भाषाओं में उद्घोषणा की जायेगी।’

स्वास्थ्य सेवाएं होंगी बेहतरीन

स्वास्थ्य विभाग की ओर से मेले में उपचार का प्रबंध किया जा रहा है। इसके साथ ही आकस्मिक स्थिति में भी चिकित्सा के प्रबंध किये जा रहे हैं। इस बार स्वास्थ्य विभाग आपात स्थितियों में भीष्म क्यूब का प्रयोग करेगा। संयुक्त निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य, प्रयागराज डॉ. वी. के. मिश्र ने बताया कि ‘भीष्म (बैटलफील्ड हेल्थ इन्फॉर्मेशन सिस्टम फॉर मेडिकल सर्विसेज) क्यूब में सर्जिकल सुविधाएं, डायग्नोस्टिक टूल्स और रोगियों की देखभाल से संबंधित सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। इसे आपातकालीन परिस्थितियों में ड्रोन से या फिर विमान से एयरड्रॉप किया जा सकता है।’

महाकुंभ के दौरान देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को देखते हुए 291 एमबीबीएस व स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की तैनाती की जा रही है। इसके अलावा 90 आयुर्वेदिक और यूनानी विशेषज्ञ भी तैनात किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ओपीडी में 10 लाख मरीज और आईपीडी में 10 हजार मरीजों के इलाज की व्यवस्था कर रहा है। एक 100 बेड का अस्पताल मेला क्षेत्र के परेड ग्राउंड में निमार्णाधीन है। महाकुंभ मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं एवं स्नानार्थियों के लिए नेत्र कुंभ की स्थापना भी की जा रही है।

नेत्र शिविर में श्रद्धालुओं को अस्थाई नेत्र देखभाल की सुविधा प्रदान की जायेगी। इस दौरान श्रद्धालुओं की दृष्टि सुधार, मोतियाबिंद सर्जरी और चश्मों का वितरण जैसी सेवाएं प्रदान की जाएंगी। महाकुंभ मेला क्षेत्र में 1.5 लाख से ज्यादा शौचालय स्थापित किए जाएंगे। डेढ़ लाख शौचालय 15 दिसंबर तक स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है। सभी शौचालयों में साफ-सफाई और सुरक्षा की मॉनीटरिंग क्यूआर कोड के माध्यम से की जायेगी।

करीब डेढ़ हजार की संख्या में गंगा सेवा दूत शौचालयों की निगरानी करेंगे। मेला क्षेत्र में 10 हजार सफाईकर्मी दिन-रात पूरे महाकुंभ क्षेत्र को स्वच्छ और साफ-सुथरा बनाए रखेंगे। पर्यटन विभाग की ओर से फिलहाल 2 हजार घरों में पेइंग गेस्ट सुविधा शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है। आवश्यकता पड़ने पर इसकी संख्या और बढ़ाई जा सकती है। पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि प्रयागराज में शिवालय पार्क के पास, अरैल रोड नैनी में डिजिटल कुंभ म्यूजियम बनेगा। इसके लिए 21.38 करोड़ रुपए स्वीकृत हुए हैं, जिसमें छह करोड़ रुपए जारी किए जा चुके हैं। संग्रहालय का आकार 10 हजार वर्ग मीटर का होगा, जिसमें एक साथ दो से ढाई हजार लोग भ्रमण कर सकेंगे।’ शहर में 2,750 सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं। मेला क्षेत्र में एआई आधारित सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जा रहे हैं। मेले में 37,611 पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे। मेले को देखते हुए प्रयागराज शहर में 35 रैन बसेरा स्थापित किए जाएंगे।

मेला शुरू होने में लगभग दो महीने का समय शेष है। मेला प्रशासन तेज गति से बचे हुए कार्यों को पूरा करने में लगा हुआ है। वैसे, कड़ाके की ठंड के बावजूद श्रद्धालु किसी सुविधा की चिंता किए बगैर दान करने और पुण्य कमाने प्रयाग की ओर चल पड़ते हैं। स्नान की तय तिथि पर वे प्रयाग की धरती पर पहुंच जाते हैं। ऐसे में प्रशासन के लिए समस्त व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद रखना हमेशा ही चुनौतीपूर्ण रहा है और रहेगा।

‘निश्चित समय में पूरे होंगे सभी काम’

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह एवं प्रमुख सचिव (नगर विकास) अमृत अभिजात कुंभ मेला क्षेत्र का निरीक्षण करते हुए

प्रमुख सचिव (नगर विकास) अमृत अभिजात ने बताया कि इस बार बारिश देर तक हुई इसलिए मेला क्षेत्र में कार्य शुरू करने में कुछ विलंब जरूर हुआ है मगर हम लोग तय समय पर मेले का कार्य पूर्ण कर लेंगे। लगातार मेले के कार्यों की समीक्षा की जा रही है। वे स्वयं मेला क्षेत्र का समय-समय पर निरीक्षण कर रहे है। मेले के कार्यों की प्रगति की प्रतिदिन समीक्षा की जा रही है।

अमृत अभिजात ने बताया कि लोक निर्माण विभाग कुल 85 परियोजनाओं पर कार्य कर रहा है। इसमें से 57 का कार्य पूरा हो चुका है। शेष 28 परियोजनाओं के कार्य को 30 नवंबर तक पूरा किये जाने का लक्ष्य है। मेला क्षेत्र में 2 लाख 69 हजार चेकर्ड प्लेट बिछाई जा रही हैं। चेकर्ड प्लेट बिछाने का कार्य तेज गति से चल रहा है। गंगा और यमुना नदी पर 3,308 पांटून पुल बनाये जा रहे हैं। मेला क्षेत्र में 488 किलोमीटर की अस्थाई सड़क का निर्माण किया जा रहा है। 12 भाषाओं में डेढ़ हजार बोर्ड लगाए जा रहे हैं। 148 पार्किंग बनाई जा रही हैं।

प्रमुख सचिव (नगर विकास) के अनुसार नगर निगम प्रयागराज कुल 79 परियोजनाओं पर कार्य कर रहा है। इसमें से 76 का कार्य पूर्ण हो गया है। शेष 3 परियोजनाओं का कार्य 30 नवंबर तक किये जाने का लक्ष्य है। मेले को स्वच्छ रखने के लिए 50 की संख्या में मोबाइल शौचालय लगाए जा रहे हैं। जल निगम कुल 35 परियोजनाओं पर कार्य कर रहा है। 24 परियोजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं। अन्य 11 परियोजनाओं पर 30 नवंबर तक कार्य पूरा किये जाने का लक्ष्य तय किया गया है।

जल आपूर्ति के लिए 85 ट्यूबवेल ने कार्य प्रारम्भ कर दिया है। 250 वॉटर एटीएम लगाए जा रहे हैं। 1,249 किलोमीटर लंबी पेयजल पाइप लाइन बिछाई जा रही है। सभी सेक्टरों में पानी का छिड़काव शुरू कर दिया गया है। प्रमुख सचिव ने बताया कि दिन ढलने के बाद मेला क्षेत्र में हर तरफ दूधिया रौशनी देखने को मिलेगी। इसके लिए ऊर्जा विभाग तेज गति से कार्य कर रहा है। मेले में 386 किलोमीटर केबिल बिछाने का कार्य शुरू हो चुका है। 67, 026 एलईडी स्ट्रीट लाइट लगाई जा रही हैं। इसके साथ ही 2,000 हाइब्रिड स्ट्रीट लाइट लगाई जा रही हैं। 400 केवीए क्षमता के 85 सब स्टेशन बनाये जा रहे हैं और 1,7250 केवीए क्षमता के 14 सब स्टेशन निर्माणाधीन हैं।

Topics: महाकुंभ मेला प्राधिकरणप्रयागराज में महाकुंभपाञ्चजन्य विशेषप्रयागराज में शिवालय पार्कगूगल महाकुंभ की भव्यताअमर शहीद चंद्रशेखर आजादमहाकुंभ दुनिया का आस्था-श्रद्धा
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