उत्तर प्रदेश

Sambhal jama masjid despute: कोई भी बाहरी सामाजिक संगठन या नेता बिना इजाजत जिले में नहीं कर सकेगा प्रवेश, डीएम का आदेश

Published by
Kuldeep singh

उत्तर प्रदेश के संभल में कथित जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर एक दिन पहले जिस प्रकार से मुस्लिम कट्टरपंथियों ने पत्थरबाजी, आगजनी की उसके बाद आज वहां पर सुरक्षा व्यवस्था को बहुत ही कड़ा कर दिया गया है। साथ ही जिले के डीएम ने नोटिस ऑर्डर जारी कर कहा है कि अथॉरिटीज की इजाजत के बिना कोई भी बाहरी व्यक्ति, सामाजिक संगठन या कोई नेता प्रवेश नहीं कर सकेगा।

जिलाधिकारी की ओर से जारी किए गए आदेश के तहत संभल जिले में भारतीय न्याय संहिता की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू रहेगी। आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय कार्रवाई की जाएगी।

क्या है पूरा मामला

मामला कुछ यूं है कि संभल स्थित कथित जामा मस्जिद असल में हरिहर मंदिर है। इसी दावे के साथ हिन्दू पक्ष ने कोर्ट में याचिका दायर कर सर्वे की मांग की। हिन्दू पक्ष की याचिका पर चंदौसी स्थित सीनियर डिवीजन सिविल जज आदित्य सिंह ने 19 नवंबर को कथित मस्जिद का सर्वे करने का आदेश दिया। इसी के तहत रविवार को विष्णुशंकर जैन की अगुवाई में एडवोकेट कमिश्नर की टीम सर्वे के लिए पहुंची। इसकी भनक लगते ही कट्टरपंथी भड़क उठे। उन्होंने भारी तादात में इकट्ठा होकर नारेबाजी और पत्थरबाजी शुरू कर दी। मौके पर डीएम और एसपी ने मोर्चा संभालते हुए ढाई घंटे की मशक्कत के बाद हालात को संभाला। इस दौरान उपद्रवियों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले तक दागने पड़े।

पथराव, आगजनी और फायरिंग में तीन युवकों की मौत हो गई है। मारे गए उपद्रवियों में कोट कर्वी निवासी नईम, सराय तरीम निवासी बिलाल और हयात नगर निवासी नुमान हैं। पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि उपद्रवियों ने पुलिस प्रशासन को चिन्हित कर पत्थरबाजी की थी और पुलिस वाहनों में आग लगाई। पथराव में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए, जिन्हें अस्पताल भेजा गया था।

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