इस बार इफ्फी में लीजेंड राज कपूर को विशेष रूप से याद किया जा रहा है। 55वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) के एक विशेष सत्र में दिग्गज अभिनेता को श्रद्धांजलि दी गई। इसमें राज कपूर के पौत्र रणबीर कपूर और अनुभवी फिल्म निर्माता राहुल रवैल शामिल हुए।
रणबीर कपूर ने कहा कि दादा जी (राज कपूर) की फिल्में समय और सीमाओं से परे हैं। आवारा, मेरा नाम जोकर और श्री 420 जैसी फिल्में भारत ही नहीं, रूस से लेकर दुनिया भर के दर्शकों के साथ गहराई से जुड़ीं रहीं। इतना ही नहीं, मेरा नाम जोकर जैसी असफलताओं के बावजूद दर्शकों से जुड़े रहे और जोखिम लेते रहे।
रणबीर ने कहा कि राज कपूर की समाज के मुद्दों को भी उठाती है। आवारा की थीम जाति की समस्या को उठाती है, जबकि श्री 420 लालच और महत्वाकांक्षा पर आधारित है। प्रेम रोग और राम तेरी गंगा मैली जैसी फिल्मों में महिलाओं के मुद्दों और सामाजिक चुनौतियों को उठाया गया।
रणबीर ने राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम (NFDC), भारतीय राष्ट्रीय फिल्म अभिलेखागार (NFAI) और फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन के सहयोग से राज कपूर की फिल्मों के रेस्टोरेशन के लिए चल रहे प्रयासों पर भी चर्चा की। दस फिल्मों को रेस्टोर कर लिया गया है, जिन्हें दिसंबर 2024 में पूरे भारत में रिलीज करने की योजना है।
उन्होंने कलाकारों से अपील की कि वे सिनेमाई मंच से वैश्विक मुद्दों को भी उठाएं। रणबीर ने श्रद्धांजलि के आयोजन के लिए IFFI के प्रति आभार व्यक्त किया।
इस सत्र में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव संजय जाजू, भारतीय फिल्म निर्माता एवं आईएफएफआई के महोत्सव निदेशक शेखर कपूर, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के संयुक्त सचिव एवं एनएफडीसी के प्रबंध निदेशक पृथुल कुमार तथा सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की संयुक्त सचिव (फिल्म) वृंदा देसाई भी उपस्थित थीं।
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