सनातन धर्म को खत्म करने के मामले में उदयनिधि स्टालिन को एक बार फिर से बड़ा झटका लगा है। तमिलनाडु के डिप्टी सीएम उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ दर्ज अलग-अलग केसों को एक साथ लाने की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने टाल दिया है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वो अब अगले साल यानि कि 2025 फरवरी में सुनवाई होगी।
उदयनिधि स्टालिन की याचिका पर सुनवाई चीफ जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने ट्रायल कोर्ट के अंतरिम आदेश को अगले आदेश तक प्रभावी रहेगा, जिसमें स्टालिन को ट्रायल कोर्ट में पेशी से छूट दे दी थी। खास बात ये कि डीएमके के मंत्री के वकील हैं कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि अभी तक प्रतिवादियों ने अपने जबाव दाखिल नहीं किए हैं।
क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि उदयनिधि स्टालिन ने पिछले साल सितंबर में सनातन उन्मूलन कार्यक्रम के दौरान सनातन धर्म को खत्म करने की बात करते हुए उदयनिधि स्टालिन ने इसकी तुलना डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों से की थी। उदयनिधि स्टालिन ने कहा था कि कुछ चीजों को रोका नहीं जा सकता है उन्हें जड़ से ही खत्म करना होगा। इस मामले में डीएमके मंत्री के खिलाफ कर्नाटक में दर्ज मुकदमे में उन्हें हाल ही में जमानत कोर्ट ने दे दी थी।
लेकिन, उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म को खत्म करने वाले बयान को लेकर उनके खिलाफ देश के अलग-अलग हिस्सों में केस दर्ज किए गए हैं। उदयनिधि स्टालिन सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट इन सभी केसों को एक साथ जोड़कर तमिलनाडु में ट्रांसफउर कर दे। उल्लेखनीय है कि तमिलनाडु का डिप्टी सीएम होने के कारण उदयनिधि स्टालिन की वहां पर पकड़ मजबूत है। जानकार कहते हैं कि सभी केसों को एक साथ लेकर उदयनिधि स्टालिन अपने प्रभावों का इस्तेमाल करना चाहते हैं।
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