सेकुलर और सोशलिस्ट शब्दों पर सुप्रीम कोर्ट में रोचक बहस : CJI ने सुरक्षित रखा फैसला, 25 नवंबर को होगा ऐतिहासिक निर्णय
May 11, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

सेकुलर और सोशलिस्ट शब्दों पर सुप्रीम कोर्ट में रोचक बहस : CJI ने सुरक्षित रखा फैसला, 25 नवंबर को होगा ऐतिहासिक निर्णय

यह मामला 42वें संविधान संशोधन से जुड़ा है, जिसमें 1976 में 'सेकुलर' और 'सोशलिस्ट' शब्द संविधान की प्रस्तावना में जोड़े गए थे।

by SHIVAM DIXIT
Nov 22, 2024, 10:01 pm IST
in भारत, दिल्ली
supreme court

भारत का सर्वोच्च न्यायालय

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

नई दिल्ली । संविधान की प्रस्तावना में ‘सेकुलर’ और ‘सोशलिस्ट’ शब्दों को जोड़ने को लेकर दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अंतिम सुनवाई की। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिकाकर्ताओं की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है और इसे 25 नवंबर को सुनाने की घोषणा की है।

यह मामला 42वें संविधान संशोधन से जुड़ा है, जिसमें 1976 में ‘सेकुलर’ और ‘सोशलिस्ट’ शब्द संविधान की प्रस्तावना में जोड़े गए थे। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि यह संशोधन असामान्य परिस्थितियों में किया गया और इसे राज्यों की मंजूरी के बिना लागू किया गया।

सुप्रीम कोर्ट का नजरिया

चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने सुनवाई के दौरान कहा कि 42वें संशोधन की पहले भी न्यायिक समीक्षा हो चुकी है। उन्होंने कहा, “हम यह नहीं कह सकते कि संसद ने जो पहले किया था, वह सब कुछ गलत है।” बेंच ने यह भी कहा कि ‘सेकुलरिज्म’ और ‘सोशलिज्म’ की परिभाषा को पश्चिमी दृष्टिकोण से देखने के बजाय भारतीय संदर्भ में समझा जाना चाहिए।

बेंच ने याचिकाकर्ताओं द्वारा उठाए गए सवालों पर भी चर्चा की, जिसमें तर्क दिया गया कि संविधान में इन शब्दों को जोड़ना लोगों को एक विशेष विचारधारा मानने के लिए बाध्य करने जैसा है। चीफ जस्टिस ने इस तर्क को खारिज करते हुए कहा, “ऐसा तो कोई भी नहीं कर रहा है।”

एसआर बोम्मई केस का जिक्र करते हुए अदालत ने कहा कि इस मामले में ‘सेकुलरिज्म’ की परिभाषा पहले ही विस्तार से दी जा चुकी है।

याचिकाकर्ताओं और विरोधियों के तर्क

राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यन स्वामी और वरिष्ठ वकील अश्विनी उपाध्याय ने इस संशोधन को चुनौती दी है। उनका कहना है कि ‘सेकुलर’ और ‘सोशलिस्ट’ शब्दों को जोड़ने का तरीका सही नहीं था और इसे राज्यों की मंजूरी के बिना लागू किया गया।

दूसरी ओर, सीपीआई नेता और राज्यसभा सांसद बिनॉय विस्वम ने इन याचिकाओं का विरोध करते हुए कहा कि ‘सेकुलरिज्म’ और ‘सोशलिज्म’ भारत की लोकतांत्रिक और संवैधानिक व्यवस्था के महत्वपूर्ण स्तंभ हैं।

42वां संविधान संशोधन : एक नजर

1976 में आपातकाल के दौरान इंदिरा गांधी सरकार ने 42वें संशोधन के माध्यम से ‘सेकुलर’ और ‘सोशलिस्ट’ शब्द संविधान की प्रस्तावना में जोड़े थे। यह संशोधन लोकसभा के एक विशेष सत्र में पारित किया गया था। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि यह संशोधन न केवल विवादास्पद था, बल्कि इसे बिना व्यापक बहस के लागू किया गया, जो संविधान के संघीय ढांचे के विपरीत है।

25 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट का फैसला

अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सुप्रीम कोर्ट 25 नवंबर को अपने फैसले में क्या निष्कर्ष निकालता है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला भारतीय संविधान और उसकी व्याख्या के लिए एक ऐतिहासिक दृष्टांत स्थापित कर सकता है।

Topics: Supreme Court verdict secularismPreamble of Indian Constitution42nd Amendment challengeSecular and Socialist in Constitutionसेकुलर और सोशलिस्ट संशोधन42वां संविधान संशोधनसुप्रीम कोर्ट फैसला सेकुलरिज्मभारतीय संविधान सेकुलर सोशलिस्टसंविधान संशोधन याचिकाSecular Socialist 42nd Amendment
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

No Content Available

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

CeaseFire Violation : गुजरात के शहरों में फिर ब्लैकआउट, कच्छ में फिर देखे गए पाकिस्तानी ड्रोन

india pakistan ceasefire : भारत ने उधेड़ी पाकिस्तान की बखिया, घुटनों पर शहबाज शरीफ, कहा- ‘युद्धबंदी चाहता हूं’

Pakistan ने तोड़ा Ceasefire : अब भारत देगा मुहंतोड़ जवाब, सेना को मिले सख्त कदम उठाने के आदेश

international border पर पाकिस्तान की कायराना हरकत : गोलाबारी में BSF के 8 जवान घायल!

Fact Check

पाकिस्तान ने भारत में फैलाए ये फेक वीडियो

सीजफायर का पाकिस्तान ने किया उल्लंघन

पाकिस्तान ने 3 घंटे बाद ही सीजफायर तोड़ा, समझौते का कर रहा घोर उल्लंघन

‘अच्छा इसलिए झुका पाकिस्तान’… : जानिए India Pakistan Ceasefire के पीछे की कहानी

पाकिस्तानी गोलाबारी में JCO बलिदान, 6 की मौत और 20 से अधिक घायल

मऊ में ट्रिपल तलाक का सनसनीखेज मामला : रिजवाना को छोड़कर अशरफ ने रचाया दूसरा निकाह, पीड़िता ने SP से लगाई गुहार

उत्तराखंड : जमरानी बांध पहुंचे सांसद अजय भट्ट- 2029 तक कार्य पूर्ण करने के निर्देश, ग्रामीणों को मिलेगा रोजगार

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies