कर्नाटक समेत देशभर में जिस तेजी से वक्फ बोर्ड मनमाने तरीके से संपत्तियों को क्लेम करता जा रहा है उसके खिलाफ लोगों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। इसका नतीजा यह हो रहा है कि उसके खिलाफ अब लोग सड़कों पर उतरने लगे हैं। ताजा मामला कलबुर्गी का है, जहां वक्फ बोर्ड की मनमानियों के खिलाफ नेगिलायोगी स्वाभिमान वेदिके के बैनर तले प्रदेश के मठों के हिन्दू संत, भाजपा नेताओं और किसान समर्थक संगठनों के सदस्यों ने “वक्फ हटाओ, अन्नदाता बचाओ” तीन दिवसीय विरोध मार्च निकाला है।
इस दौरान प्रदर्शन करते हुए संतों और भाजपा नेताओं ने प्रदेश के कांग्रेसी मुख्यमंत्री सिद्धारमैया औऱ अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री बी जेड जमीर अहमद के खिलाफ नारेबाजी की। साथ ही वक्फ बोर्ड को खत्म करने की मांग की। विरोध मार्च कलबुर्गी के नागेश्वर स्कूल से निकाला गया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने हाथों में “ज़मीर हटाओ, ज़मीन बचाओ”, “रायता देशदा आस्थी”, “वक्फ हटाओ, अन्नदाता बचाओ” नारे लिखी तख्तियां ले रखा था।
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प्रदर्शन के दौरान अंडोला मठ के संत सिद्धलिंग स्वामी ने प्रदेश के अल्पसंख्यक मंत्री बी जेड जमीर अहमद पर सांप्रदायिकता फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर के मठ, मंदिरों, किसानों की जमीनों को नोटिस जारी करके मंत्री ने सांप्रदायिक जहर उगलने का काम किया है। उनका व्यवहार एक मंत्री की तरह कम और पाकिस्तान के एजेंट की तरह अधिक है। हिन्दू संत ने आरोप लगाया वे वक्फ अदालतों का आयोजन करके अल्पसंख्यकों को खुश करने की कोशिशें कर रहे हैं। सिद्धलिंग स्वामी ने पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान का जिक्र किया कि एक बार उन्होंने कहा था कि 2047 तक भारत एक इस्लामिक राष्ट्र बन जाएगा, जमीर अहमद द्वारा धार्मिक स्थलों और मठ, मंदिरों को वक्फ संपत्तियों में बदलने की कोशिश इस दिशा में पहला कदम है।
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इस बीच इस विरोध प्रदर्शन को व्यापारिक संगठनों ने भी अपना समर्थन दिया है। विरोध मार्च के दौरान पूरा सर्राफा बाजार, किराना, भांडे बाजार और पकड़ा बाजार भी बंद रहे।
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