क्या विश्व युद्ध का खतरा पूरे विश्व के सामने है या फिर कहें कि यूरोपीय देशों को ऐसा लग रहा है कि विश्वयुद्ध कभी भी हो सकता है। पूरे विश्व में तनाव बढ़ रहा है और हर देश में राजनीतिक स्थितियों में उथल-पुथल है, ऐसी स्थिति में स्वीडन और फिनलैंड ने अपने नागरिकों को युद्ध का सामना करने के लिए बुकलेट तैयार करवाई हैं और उन्हें आम जनता में वितरित किया जा रहा है।
पहले बात स्वीडन की। स्वीडन ने लाखों नागरिकों को क्राइसिस बुकलेट वितरित की हैं। मीडिया के अनुसार, स्वीडिश सिविल कंटिनजेन्सिस एजेंसी ने हाल ही में युद्ध से लड़ने के लिए सचेत की गई बुकलेट को बांटना शुरू कर दिया है। इस बुकलेट का नाम है “इफ क्राइसिस ऑर वार कम्स” अर्थात यदि आपदा या युद्ध आता है।“ उल्लेखनीय यह है कि इस पुस्तिका को पाँच मिलियन लोगों को बांटा जा चुका है।
इस संस्था के निदेशक मिकाएल फ्रिसेल ने इस कदम की महत्ता को समझाते हुए बताया, “सुरक्षा स्थिति गंभीर है, और हम सभी को विभिन्न संकटों और अंततः युद्ध का सामना करने के लिए यह भी देखना होगा कि हम खतरों को कितना समझ सके हैं।“
ऐसे में प्रश्न उठता है कि क्या वास्तव में विश्व अब एक बड़े युद्ध की ओर बढ़ रहा है? या फिर यूरोप एक बड़े युद्ध की तरफ बढ़ रहा है? आखिर पश्चिम के देशों को अपने नागरिकों की सुरक्षा की इतनी आवश्यकता क्यों है? क्या विस्तारवादी ताकतों ने वास्तव में अब पूरे विश्व पर ऐसा कब्जा कर लिया है कि इसकी परिणिति युद्ध होगा। पश्चिम के कुछ देश अपने नागरिकों को इस युद्ध से बचाने की तकनीकें बता रहे हैं।
यह बुकलेट उस दस्तावेज की ही अपग्रेड की गई प्रति है, जिसे द्वितीय विश्व युद्ध के बाद केवल पाँच बार ही जारी किया गया था। इसमें उन खतरों के विषय में बात की गई है, जिनका सामना अभी स्वीडन कर रहा है फिर चाहे वे सैन्य विवाद हों या फिर प्राकृतिक आपदाएं, साइबर हमले और आतंकवाद आदि। यह पुस्तिका कई व्यावहारिक सुझावों की ओर संकेत करती है, जैसे खराब न होने वाले खाद्य पदार्थ और पानी को जमा करना आदि।
इसे कई भाषाओं मे जारी किया गया है और इसके साथ ही रूस की सीमा से सटे फिनलैंड ने भी विविध आपदाओं से निपटने की तैयारियों के लिए एक ऑनलाइन हब बनाया है।
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